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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच पत्रों का आदान प्रदान जारी है. एक ताज़ा पत्र में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार में करीब 37000 की खाली पड़े पदों से विभागों के कामकाज पर असर पड़ रहा है. इन पदों को भरने का प्लान भी सरकार को नहीं दिया जा रहा है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस गंभीर मसले पर उपराज्यपाल अनिल बैजल को लेटर लिखा है. सीएम ने लेटर में कहा है कि दिल्ली सरकार में 150223 स्वीकृत पद हैं, अरविंद ने सीधा निशाना दिल्ली के चीफ़ सेक्रेटरी एमएम कुट्टी पर साधा है.
दिल्ली सरकार में 36657 खाली पड़े हुए हैं. इतनी बड़ी संख्या में नियुक्तियां होनी हैं, लेकिन चीफ सेक्रेटरी की ओर से इन खाली पड़े पदों को भरने के लिए प्लान नहीं दिया जा रहा है. सीएम ने एलजी से पूछा है कि क्या यह रवैया ठीक है. सीएम ने एलजी को लिखे लेटर में कहा है कि 36 हजार से ज्यादा खाली पदों पर नियुक्तियां न होने से अस्पतालों से लेकर दूसरे विभागों में महत्वपूर्ण सर्विसेज के कामकाज पर असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा है कि 10 अक्टूबर को चीफ सेक्रटरी को निर्देश दिया था कि खाली पड़े पदों को भरने के लिए डिटेल प्लान उन्हें दिया जाए और बताया जाए कि तय समय सीमा के भीतर इन पदों पर कैसे नियुक्तियां हो सकती हैं,
अरविंद केजरीवाल के मुताबिक चीफ़ सेक्रेटरी को उपाराज्यपाल की तरफ़ से निर्देश हैं कि नियुक्तियों से संबंधित किसी भी फ़ाइल को दिल्ली सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री को जमा की जाए. अपने मुख्य सचिव की शिकायत करते हुए केजरीवाल ने एलजी को लिखा कि '10 अक्टूबर 2017 को मैंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि इन रिक्त पदों को भरने के लिए समयबद्ध योजना लेकर आएं।
मुख्य सचिव ने ऐसा प्लान लाने और दिखाने से मना कर दिया और कहा कि एलजी साहब ने कहा है कि 'सर्विसेज़' से जुड़ी कोई फ़ाइल आपको ना दिखाई जाए.' केजरीवाल ने कहा कि हम सरकार कैसे चलाएं जब एक चुना हुआ मुख्यमंत्री अपने मुख्य सचिव को खाली पड़े पदों को भरने के लिए भी नही कह सकता? केजरीवाल ने एलजी से पूछा कि 'इस तरह के कामों से दिल्ली में शासन ठप्प हो गया है क्या आपको लगता है ये सही है
केजरीवाल केजरीवाल ने लिखा है कि चीफ सेक्रेटरी ने उन्हें यह प्लान देने से साफ इनकार कर दिया और कहा है कि यह सर्विसेज से जुड़ा मामला है. एलजी की ओर से साफ दिशा-निर्देश हैं कि सर्विसेज से जुड़े किसी मामले की फाइल को सीएम या किसी भी दूसरे मंत्री को न दिखाया जाए. सीएम ने लिखा है कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार है और वे जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री हैं. अगर चीफ सेक्रेटरी खाली पड़े पदों को भरने का प्लान देने से भी इनकार कर देते हैं तो फिर चुनी हुई सरकार कैसे काम करे. उन्होंने लिखा है कि इस तरह के कदम दिल्ली सरकार के कामकाज को रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं. सीएम ने एलजी से पूछा है कि क्या आप इस तरह के कदमों को ठीक मानते हैं?
दिल्ली सरकार ने एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर को लेकर कई अहम योजनाएं बनाई हैं. उन योजनाओं पर काम किया जा रहा है. सरकार के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि स्कूलों में बड़े सुधार हुए हैं और अस्पतालों में भी मरीजों को फ्री दवाई से लेकर फ्री सर्जरी तक की स्कीम लागू हुई है. सीएम को लगातार फीडबैक मिल रहा है. 36 हजार से ज्यादा खाली पदों पर जल्द से जल्द नियुक्तियां होनी चाहिए. इसी मसले पर सीएम ने चीफ सेक्रटरी से प्लान मांगा था. अब सीएम ने एलजी को लेटर लिखकर इस सम
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