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भोपाल. इंदौर सीआईडी में पदस्थ डीएसपी पवन मिश्रा और उनके रिश्तेदार अनुज पांडे के खिलाफ गुरुवार देर शाम शाहपुरा पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। लंबी जांच के बाद पुलिस ने माना है कि डीएसपी ने महिला को पति होने का अहसास दिलाया और शारीरिक संबंध भी बनाए। महिला ने पुलिस से शिकायत की तो उन्होंने अपने साले के साथ मिलकर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी और मारपीट भी की। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है।
एसपी साउथ राहुल लोधा ने बताया कि महिला के आवेदन की जांच एएसपी हितेश चौधरी को सौंपी गई थी। गुरुवार को एएसपी ने जांच रिपोर्ट सौंप दी, जिसके आधार पर ये कार्रवाई की गई। पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 493, 294, 323, 506, 34 का केस दर्ज किया है। इसके लिए जिला अभियोजन अधिकारी (डीपीओ) की राय ली गई साथ ही महिला को भी इन धाराओं के विषय में बताया गया। उनकी सहमति के बाद ही केस दर्ज किया गया है।
कहते थे- रिटायरमेंट के बाद तुमसे शादी कर लूंगा
वर्ष 2005 में मैं तत्कालीन हबीबगंज थाना प्रभारी पवन मिश्रा के संपर्क में आई थी। तब से हमारा मिलना-जुलना शुरू हुआ। ईश्वर को साक्षी मान उन्होंने मेरी मांग में सिंदूर भर के मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। कुछ समय बाद जब उनका ट्रांसफर इंदौर हो गया तो वो मुझे वहां मिलने बुलाने लगे। जब भी उनकी नाइट ड्यूटी होती थी तो वो मुझसे होटल कंचन तिलक में मिलते थे। मैं उन्हें शादी के लिए हर समय जोर देती रही मगर उनका कहना था रिटायरमेंट के बाद तुमसे शादी कर लूंगा। मार्च 2016 में उनकी पत्नी को हमारे संबंध के बारे में पता चल गया। अब मुझे और मेरे बच्चे को जान से मारने की धमकी मिल रही हैं। दिसंबर 2016 को सीएसपी अपने साले अनुज पांडे के साथ मेरे भोपाल स्थित घर आए और मोहल्ले वालों को इकट्ठा कर मेरे साथ मारपीट की। मुझे धमकाया कि अगर तूने केस वापस नहीं लिया तो दस झूठे केस में फंसवा दूंगा। जब मैंने शिकायत महिला थाने में की तो उन्होंने मेरे से जून 2016 से जून 2017 के बीच दोबारा संबंध मधुर कर लिए और शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया। (महिला ने जैसा बताया)
हो सकती है 10 साल तक की सजा
पति होने का अहसास दिलाकर शारीरिक संबंध बनाने को आईपीसी की धारा 493 में परिभाषित किया गया है। इसमें दस साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस ने केस दर्ज किए जाने की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दे दी है। जानकारों का मानना है कि पुलिस या किसी भी सरकारी विभाग में अपने मूल विभाग को बगैर जानकारी दिए दूसरी शादी या प्रवंचना करना सिविल नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इस आधार पर अब मिश्रा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी हो सकते हैं।
पति होने का अहसास दिलाकर शारीरिक संबंध बनाने को आईपीसी की धारा 493 में परिभाषित किया गया है। इसमें दस साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस ने केस दर्ज किए जाने की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दे दी है। जानकारों का मानना है कि पुलिस या किसी भी सरकारी विभाग में अपने मूल विभाग को बगैर जानकारी दिए दूसरी शादी या प्रवंचना करना सिविल नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इस आधार पर अब मिश्रा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी हो सकते हैं।
हो सकती है 10 साल तक की सजा
पति होने का अहसास दिलाकर शारीरिक संबंध बनाने को आईपीसी की धारा 493 में परिभाषित किया गया है। इसमें दस साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस ने केस दर्ज किए जाने की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दे दी है। जानकारों का मानना है कि पुलिस या किसी भी सरकारी विभाग में अपने मूल विभाग को बगैर जानकारी दिए दूसरी शादी या प्रवंचना करना सिविल नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इस आधार पर अब मिश्रा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी हो सकते हैं।
पति होने का अहसास दिलाकर शारीरिक संबंध बनाने को आईपीसी की धारा 493 में परिभाषित किया गया है। इसमें दस साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस ने केस दर्ज किए जाने की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दे दी है। जानकारों का मानना है कि पुलिस या किसी भी सरकारी विभाग में अपने मूल विभाग को बगैर जानकारी दिए दूसरी शादी या प्रवंचना करना सिविल नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इस आधार पर अब मिश्रा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी हो सकते हैं।
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