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भोपाल/(पं.एस.के.भारद्वाज)
भारत सरकार के कानून और सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री एवं प्रधान मंत्री मोदी के विश्वसनीय दूत आये तो थे डिजिटल इंडिया,जी.एस.टी. और नोटबंदी की तारीफ में कसीदे गढऩे पर बेचारे फंस गये अपने ही एक सवाल के जबाव देने में। हुआ यूॅ कि रविशंकर प्रसाद के लिए भाजपा म.प्र.कार्यालय के मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स का आयोजन रखा था ताकि जनता को दिये गये नोटबंदी और जी.एस.टी के घावों पर कुछ नया आंकड़ो का जुमला फेंक कर पेड-मीडिया के माध्यम से जनता को बेवकूफ बनाया जा सके। इसके लिए मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने भाजपा के पट्टाधारी पत्रकारों की सूची पहले ही बना रखी थी ताकि पट्टाधारियों के अलावा कोई भाजपा से अप्रभावी पत्रकार सबाल जबान न कर सके। केन्द्रीय सरकार के मंत्री ने जैसे ही यह बताना शुरू किया कि डिजिटल भुगतान से लाभ क्या-क्या हुए तो उसमें एक लाभ यह भी बताया कि इस नई डिजिटल व्यवस्था से वैश्यावृत्ति के व्यवसाय में कमी आयी है। जब इस संबंन्ध उनसे पहले होने वाले नगद लेन देन और अभी के लेन- देन के ऑकड़ों के बारे में पूछा तो माननीय इधर-उधर बगलें झॉकने लगे कोई जबाब नहीं दे पाये। इस पर अन्य दूसरे पत्रकारों ने भी सवाल दागे तो मंत्री जी बौखला गये। फिर क्या था चारों तरफ थू-थू होने लगी उसके बाद किसी भी पत्रकार को पे्रस कॉन्प्रेन्स में किसी भी गैर-पट्टाधारी पत्रकार को बोलने नहीं दिया गया। और अन्त तक पट्टाधारी पत्रकारों और मोदी के दूत के मध्य महत्वहीन सवाल जवाब होते रहे । देश के कानून मंत्री ने नहीं बताया कि नोटबन्दी के दौरान भारत की बैकों की साइट हैक करके करोडों रूपये विदेशों में निकाल लिए गये वो रकम सरकार वापस ला पाई या नहीं। सरकार दावा कर रही है कि नोट बंदी से करोड़ो रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है सैकड़ों फर्जी कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करके उनके रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिये है,मगर बार-बार पूछने पर भी एक भी कंपनी का नाम नही बता पाये मोदी के दूत। न यह कोई बात की कि 2013 तक भाजपा महंगाई पर गला फाड़-फाड़कर गली-गली भौक रही थी मगर अब आम जन की जरूरत की खाद्य सामग्री में 5 गुना वृद्धि होने के बाद भी गरीब रोटी कैसे खा रहा है। अर्थात भाजपा मुख्यालय पर मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर के सानिध्य में केन्द्रीय मंत्री को बन्धुआ की तरह बुलवाकर पट्टाधारी पत्रकारों के माध्यम से जुमले चलाने की योजना पर पानी फिर गया । और छीछालेदर हुई वो अलग। अब यक्ष प्रश्न यह है कि केन्द्रीय मंत्री के पास वैश्यावृत्ति के व्यापार के आंकड़े नहीं है। वैश्यावृति के कारोबार में कमी कैसे हो गई कहीं ऐसा तो नहीं है कि इस कारोबार से जुड़े लोग भाजपा के सदस्य तो नहीं बन गये । जब कारोबारी परिवार के सदस्य ही बन गये तो लेन-देन दो नंबर में क्यों करेगें। वह तो सरकार के साथ मिलकर काले को भी सफेद कर लेंगे। यह संदेह इसलिए और मजबूत हो रहा है कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश में पुलिस ने अनेकों ऐसे लोगों को पकड़ा है जो भाजपा के कार्यकर्ता ही नहीं पदाधिकारी भी थे। छत्तीसगढ़ में सीडी कांड अभी चल ही रहा है। भोपाल में कई बार होटलों और ब्यूटी पार्लरों में भी पुलिस ने छापे मारे । वहॉ भी भाजपा के कार्यकर्ता ही निकले। कल तक जिनके पीछे पुलिस पड़ी थी वो भ्रष्टाचार के आरोपी पश्चिम बंगाल से मुकुल बब्बा भी भाजपा के हो गये है। काले धन को सफेद करने के संदेही कटनी के पूर्व विधायक वर्तमान में भाजपा के मंत्रीमंण्डल की शोभा बडा रहे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव गंभीर अपराधों के पुलिस थाने में 12 वर्ष से अधिक समय से पंजीबद्ध आरोपी एस.के.मिश्रा की कहानी साक्षात प्रमाण है तो दसरी ओर प्रधानमंत्री कार्यालय में पदस्थ भ्रष्टाचार के म.प्र.लोकायुक्त भोपाल के दोषसिद्ध अपचारी अनुराग जैन ,यहीं नहीं राजस्थान प्रदेश के चर्चित भंवरी देवी सैक्स स्कैं डल के दोषी मंत्री का बेटा भी भाजपा की सुचिता एवं चरित्रवाल पवित्र पार्टी का अंग हो गया है। अर्थात भाजपा गंगाजल से धुली हुई है और जनता बेचारी भेड़ बकरी जैसा चाहो हांकदो।
सुना रहे है पवित्रपाप की गाथा दूत, बनाकर भ्रष्टों को बना अपनी ढाल।
जनता झेल रही है मानसिक, आर्थिक वेदना नहीं सत्ताधीशों को मलाल।।
भोपाल/(पं.एस.के.भारद्वाज)
भारत सरकार के कानून और सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री एवं प्रधान मंत्री मोदी के विश्वसनीय दूत आये तो थे डिजिटल इंडिया,जी.एस.टी. और नोटबंदी की तारीफ में कसीदे गढऩे पर बेचारे फंस गये अपने ही एक सवाल के जबाव देने में। हुआ यूॅ कि रविशंकर प्रसाद के लिए भाजपा म.प्र.कार्यालय के मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स का आयोजन रखा था ताकि जनता को दिये गये नोटबंदी और जी.एस.टी के घावों पर कुछ नया आंकड़ो का जुमला फेंक कर पेड-मीडिया के माध्यम से जनता को बेवकूफ बनाया जा सके। इसके लिए मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने भाजपा के पट्टाधारी पत्रकारों की सूची पहले ही बना रखी थी ताकि पट्टाधारियों के अलावा कोई भाजपा से अप्रभावी पत्रकार सबाल जबान न कर सके। केन्द्रीय सरकार के मंत्री ने जैसे ही यह बताना शुरू किया कि डिजिटल भुगतान से लाभ क्या-क्या हुए तो उसमें एक लाभ यह भी बताया कि इस नई डिजिटल व्यवस्था से वैश्यावृत्ति के व्यवसाय में कमी आयी है। जब इस संबंन्ध उनसे पहले होने वाले नगद लेन देन और अभी के लेन- देन के ऑकड़ों के बारे में पूछा तो माननीय इधर-उधर बगलें झॉकने लगे कोई जबाब नहीं दे पाये। इस पर अन्य दूसरे पत्रकारों ने भी सवाल दागे तो मंत्री जी बौखला गये। फिर क्या था चारों तरफ थू-थू होने लगी उसके बाद किसी भी पत्रकार को पे्रस कॉन्प्रेन्स में किसी भी गैर-पट्टाधारी पत्रकार को बोलने नहीं दिया गया। और अन्त तक पट्टाधारी पत्रकारों और मोदी के दूत के मध्य महत्वहीन सवाल जवाब होते रहे । देश के कानून मंत्री ने नहीं बताया कि नोटबन्दी के दौरान भारत की बैकों की साइट हैक करके करोडों रूपये विदेशों में निकाल लिए गये वो रकम सरकार वापस ला पाई या नहीं। सरकार दावा कर रही है कि नोट बंदी से करोड़ो रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है सैकड़ों फर्जी कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करके उनके रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिये है,मगर बार-बार पूछने पर भी एक भी कंपनी का नाम नही बता पाये मोदी के दूत। न यह कोई बात की कि 2013 तक भाजपा महंगाई पर गला फाड़-फाड़कर गली-गली भौक रही थी मगर अब आम जन की जरूरत की खाद्य सामग्री में 5 गुना वृद्धि होने के बाद भी गरीब रोटी कैसे खा रहा है। अर्थात भाजपा मुख्यालय पर मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर के सानिध्य में केन्द्रीय मंत्री को बन्धुआ की तरह बुलवाकर पट्टाधारी पत्रकारों के माध्यम से जुमले चलाने की योजना पर पानी फिर गया । और छीछालेदर हुई वो अलग। अब यक्ष प्रश्न यह है कि केन्द्रीय मंत्री के पास वैश्यावृत्ति के व्यापार के आंकड़े नहीं है। वैश्यावृति के कारोबार में कमी कैसे हो गई कहीं ऐसा तो नहीं है कि इस कारोबार से जुड़े लोग भाजपा के सदस्य तो नहीं बन गये । जब कारोबारी परिवार के सदस्य ही बन गये तो लेन-देन दो नंबर में क्यों करेगें। वह तो सरकार के साथ मिलकर काले को भी सफेद कर लेंगे। यह संदेह इसलिए और मजबूत हो रहा है कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश में पुलिस ने अनेकों ऐसे लोगों को पकड़ा है जो भाजपा के कार्यकर्ता ही नहीं पदाधिकारी भी थे। छत्तीसगढ़ में सीडी कांड अभी चल ही रहा है। भोपाल में कई बार होटलों और ब्यूटी पार्लरों में भी पुलिस ने छापे मारे । वहॉ भी भाजपा के कार्यकर्ता ही निकले। कल तक जिनके पीछे पुलिस पड़ी थी वो भ्रष्टाचार के आरोपी पश्चिम बंगाल से मुकुल बब्बा भी भाजपा के हो गये है। काले धन को सफेद करने के संदेही कटनी के पूर्व विधायक वर्तमान में भाजपा के मंत्रीमंण्डल की शोभा बडा रहे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव गंभीर अपराधों के पुलिस थाने में 12 वर्ष से अधिक समय से पंजीबद्ध आरोपी एस.के.मिश्रा की कहानी साक्षात प्रमाण है तो दसरी ओर प्रधानमंत्री कार्यालय में पदस्थ भ्रष्टाचार के म.प्र.लोकायुक्त भोपाल के दोषसिद्ध अपचारी अनुराग जैन ,यहीं नहीं राजस्थान प्रदेश के चर्चित भंवरी देवी सैक्स स्कैं डल के दोषी मंत्री का बेटा भी भाजपा की सुचिता एवं चरित्रवाल पवित्र पार्टी का अंग हो गया है। अर्थात भाजपा गंगाजल से धुली हुई है और जनता बेचारी भेड़ बकरी जैसा चाहो हांकदो।
सुना रहे है पवित्रपाप की गाथा दूत, बनाकर भ्रष्टों को बना अपनी ढाल।
जनता झेल रही है मानसिक, आर्थिक वेदना नहीं सत्ताधीशों को मलाल।।
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