TOC NEWS // भोपाल | 23 -नवम्बर-2017
भोपाल संभाग में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इस संबंध में आज संपन्न बैठक में संभागायुक्त श्री अजातशत्रु श्रीवास्तव ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता बढाने के राज्य स्तर पर स्कूलों में ग्रेडिंग प्रणाली लागू की गई है। संभाग में भी ग्रेडिंग प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करना सुनिश्चित किया जाए।
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संभागायुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ग्रेडिंग व्यवस्था के संबंध में आज संपन्न समीक्षा बैठक संभागायुक्त श्री अजातशत्रु श्रीवास्तव की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में श्री श्रीवास्तव ने सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ के जिला शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों की ग्रेडिंग प्रणाली के आधार पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता, वातावरण बच्चों को स्कूल में आने के लिए कैसे प्रेरित करना है। इसके लिए सभी अधिकारी सी और डी ग्रेड के प्राथमिक, माध्यमिक, हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ नियमित बैठक कर स्कूलों की आवश्यकताएं, समस्याएं एवं वित्तीय स्थिति की जानकारी प्राप्त कर उनका समाधान करना सुनिश्चित करें।
इसके लिए स्कूलों का शैक्षणिक स्तर, वातावरण, गुणवत्ता पूर्ण हो एवं स्कूलों में पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई बिजली आदि पर्याप्त हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।
संभागायुक्त ने कहा कि प्रणाली के आधार पर स्कूलों को सी एवं डी ग्रेड क्यों हुआ, इसका मूल्याकंन कर, उनके प्राचार्यों से चर्चा करें कि स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए और क्या उपाय किये जा सकते हैं ताकि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित हो और बच्चों का रूझान भी स्कूल की तरफ बढे।
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उन्होंने बताया कि राजगढ़ जिले के बडोदिया और सुल्तानिया गांव के हायर सेकेण्डरी स्कूल जो कि एक मॉडल के रूप में उभरकर आए हैं। वहां बाकी चारों जिला शिक्षा अधिकारी भ्रमण करे और वहां के स्कूलों की कार्यप्रणाली समझकर बाकी स्कूलों में भी उसे लागू करवायें। स्कूलों में नियमित रूप से सप्ताह में एक बार बाल सभाएं आयोजित हो जिसमें संगीत, गायन, भाषण, योगा, स्काउट गाईड आदि के संबंध में कार्यक्रम रखे जाए ताकि बच्चों का रूझान स्कूल आने के लिए बढे। उन्होंने एस.सी, एस.टी. के स्कूलों में फर्नीचर, कम्प्यूटर, बिजली, अन्य उपकरण आदि की जानकारी लेते हुए दिशा निर्देश जारी किए। आश्रम-शालाओं में रजाई, कम्बल, सोलर गीजर, हीटर, गैस सिलेण्डर, बिजली बिलों की पूर्ति एवं पेयजल व्यवस्था आदि होना सुनिश्चित करें।
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उन्होंने कहा कि बालिका आश्रम शालाओं में महिला वार्डन एवं कर्मचारी भी महिला हो, ऐसा सुनिश्चित करें। बैठक में संयुक्त कमिश्नर श्री एम.एल. त्यागी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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