शिक्षा में गुणवत्ता और सेल्फी अटेन्डेंस पर परासिया में समीक्षा बैठक संपन्न
TOC NEWS // छिन्दवाड़ा | 08-दिसम्बर-2017
कलेक्टर श्री जे.के.जैन ने आज उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परासिया में शिक्षा में गुणवत्ता और सेल्फी अटेन्डेंस पर समीक्षा बैठक ली। बैठक में प्राचार्य, जनशिक्षक और बी.ए.सी. उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर श्री जैन ने शिक्षा में गुणवत्ता और सेल्फी अटेन्डेंस पर विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि शिक्षक अपने दायित्वों को समझे और नवाचार के माध्यम से शिक्षा में गुणवत्ता लाये। सभी शिक्षक आगामी 11 दिसंबर से शत-प्रतिशत सेल्फी अटेन्डेंस सुनिश्चित करें, सेल्फी अटेन्डेंस नहीं होने पर 11 दिसंबर के बाद संबंधित का वेतन आहरित नहीं किया जायेगा। उन्होंने पिछली समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशो के परिपालन में विद्यालय के शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति और उनकी शिक्षा की गुणवत्ता में आये परिवर्तन के संबंध में प्राचार्यो से जानकारी प्राप्त की।
उपस्थित प्राचार्यो ने बताया कि पिछली समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों के परिपालन में शिक्षा में गुणात्मक सुधार आया है। कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि विद्यालय का वातावरण भयमुक्त हो, जिस प्रसन्नता के साथ विद्यार्थी स्कूल आते है, स्कूल से जाते समय भी वैसी ही प्रसन्नता उनके चेहरे पर दिखना चाहिये। शिक्षक विद्यार्थियों को अपने बच्चे मानकर पढ़ाये तो उनमें जरूर परिवर्तन दिखेगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षक किसी बच्चे को कमजोर न समझे, उनका तिरस्कार न करें और अपने प्रयासों से कमजोर बच्चो को भी सामान्य बच्चों के स्तर पर लेकर आये। शिक्षक अपने पेशे में गौरव का अनुभव करें और यह समझें कि उनका दायित्व सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इंजीनियर निर्जीव वस्तुओं से रूबरू होता है, किंतु शिक्षक सजीव विषयवस्तु से रूबरू होकर बच्चों से साक्षात्कार करते है तथा अपने व्यवहार से वह बच्चों के भविष्य को सुंदरतम बना सकते है।
कलेक्टर श्री जैन ने बैठक में कहा कि शारीरिक चोट लगने पर उसे भूल जाते हैं, किंतु मानसिक रूप से कोई आघात लगने पर उसे भूल नहीं पाते है, इसलिये शिक्षक यह ध्यान रखें कि कोई घटना कैसे बच्चों के व्यवहार में बदलाव लाती है। बच्चों को ऐसी शिक्षा दें जिससे उनका जीवन सुधरे, यादगार और उज्जवल रहे। माता-पिता के बाद शिक्षक को हर बच्चा आदर के साथ देखता है, इसलिये हमारे आचरण और कार्य से बच्चे कितना प्रभावित होते है इसका भी ज्ञान हमें होना चाहिये।
बच्चों के माता-पिता बहुत उम्मीद के साथ अपने बच्चों को स्कूल भेजते है तो शिक्षक भी उनकी आकांक्षाओं को समझकर अपने दायित्व को पूरा करें और बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर माता-पिता और बच्चों के भरोसे को बनाये रखें। उन्होंने कहा कि जो काम कर रहे हैं उस काम के प्रति हमारी सोच सकारात्मक व रूचि मानकर हो।
कार्य के प्रति जुनून हो तभी हम अच्छी गुणवत्ता से काम कर सकते है। अपने गुणवत्ता व रूचिकर कार्य ही अपने कार्य के साथ सच्चा न्याय हैं इस महत्व को पहचाने और कार्य करें तो निश्चित ही बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में बदलाव आने लगेंगे। इस अवसर पर सोनी कम्प्यूटर के डायरेक्टर श्री मनोज सोनी ने सेल्फी अटेण्डेंस के संबंध में प्रेजेन्टेशन के साथ विस्तार से जानकारी दी।
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