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भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के एक्स्ट्राडीशन केस की सुनवाई लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में आज से शुरू हो चुकी है, जो 14 दिसंबर तक चलेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी के अफसरों की टीम भी मौजूद रहेगी। इसकी अगुआई स्पेशल सीबीआई डायरेक्टर राकेश अस्थाना करेंगे। इस केस में ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस भारतीय अफसरों का पक्ष रख रही है। आखिरी बार 21 नवंबर को माल्या कोर्ट में पेश हुआ था। बता दें कि माल्या पर 17 बैंकों के 9,432 करोड़ रुपए बकाया हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पिछले साल 2 मार्च को देश छोड़कर भाग गया था। भारत ने ब्रिटेन से उसके एक्स्ट्राडीशन की रिक्वेस्ट की थी।
वहीँ, कोर्ट में पेशी से पहले माल्या ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, '' मैं पहले भी कह चुका हूँ कि मैं बेगुनाह हूँ, मुझ पर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं।" उन्होंने आगे कहा, ''मेरे पास अब कहने के लिए कुछ नहीं है।'' माल्या ने आगे कहा, 'मैं निर्णय निर्माता नहीं हूँ मैं कार्यवाही का पालन करूंगा इससे आगे मुझे कुछ नहीं कहना है।
आपको बता दें कि विजय माल्या को लंदन में दो बार गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन दोनों ही बार जमानत पर रिहा हो गया।
इससे पहले माल्या के वकील की ओर से दलील दी गई थी कि भारतीय जेलों में विजय माल्या की जान को खतरा हो सकता है। इसके साथ ही वकील ने भारतीय जेलों में मानवाधिकार उल्लंघन के कई मामले भी पेश किए। वहीं आज भारत सरकार की ओर से इस बात पर दलील दी जाएगी कि भारत में कैदियों की हालत कई देशों की तुलना में बहुत बेहतर है।
लंदन के वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट्स कोर्ट को बताया जाएगा कि कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है और जान को खतरे की माल्या की आशंका भ्रम फैलाने की कोशिश है।
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