अहमदाबाद। भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले नकली नोटों पर लगाम लगाने के लिए केन्द्र सरकार ने नोटबंदी का ऐतिहासिक निर्णय भी ले लिया, लेकिन इसके बावजूद भी नकली नोटों के मिलने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के 15 बैंकों में बीते तीन महीनों में साढ़े सात लाख रुपए के अलग अलग दर के ३२०२ नकली नोट जमा हुए हैं। इसमें नवंबर-२०१६ को चलन से बाहर हो चुके १००० रुपए के दर के ४० और ५०० रुपए के दर के ६० नोट भी शामिल हैं।
इसके अलावा नवंबर-२०१६ से ही चलन में आए २००० के दर के १७६ नोट और ५०० रुपए के नए १०६ नकली नोट भी बैंकों तक पहुंचे हैं। सबसे ज्यादा २६५० नकली नोट १०० रुपए के दर के हैं, जबकि ५० रुपए के १६५ और १० रुपए के पांच नकली नोट बैंकों में जमा हुए हैं। नकली नोटों में ज्यादातर २००० रुपए के नोट फोटोकॉपी करके तैयार किए हुए हैं।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने इन बैंकों में बीते तीन महीनों में जमा हुए इन ३२०२ नकली नोटों के मामले में प्राथमिकी दर्ज करते हुए इन्हें बनाने और फिर इन्हें बाजार में चलाने व बैंकों में जमा कराने वालों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। एसओजी के सूत्र बताते हैं कि २००० रुपए के नए नोट में से ज्यादातर उसकी फोटोकॉपी करके चलन में लाए गए हैं,जिन्हें पकड़ा गया है।
ऐसा ही ५००रुपए के नए नोट के मामले में है। इससे पहले भी अहमदाबाद में बैंकों से इसी प्रकार से नकली नोट बरामद हो चुके हैं। जिन बैंकों में यह नकली नोट जमा कराए गए उनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिन्द्रा बैंक, स्टान्डर्ड चार्टर्ड बैंक, द सोशियल को-ऑपरेटिव बैंक, आईडीबीआई बैंक, कालूपुर कॉमर्शियल बंैक, आईसीआईसीआई बैंक, यश बंैक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, डीसीबी बैंक, एचएसबीसी बैंक, इन्डसइंड बैंक, आईडीएफसी बैंक और एसबीआई शामिल हैं।
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