नई दिल्ली: महात्मा गांधी की हत्या किसी और ने नहीं बल्की नाथूराम गोडसे ने ही की थी. एमीकस क्यूरी (न्यायमित्र) अमरेंद्र शरण ने इस मामले के संबंध में अपनी रिपोर्ट सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपी. एमिकस क्यूरी की रिपोर्ट में कहा गया कि इसका कोई सबूत नहीं मिलता है कि महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे के अलावा किसी और ने की थी. रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि चौथी गोली की थ्योरी भी किसी भी तरह साबित नहीं होती है. इससे जुड़ा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है.
महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच के लिए 'अभिनव भारत' के सह संस्थापक पंकज फड़णीस ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी और भारत के पूर्व एडीशनल सॉलिसिटर जनरल अमरेंद्र शरण ने इस मांग को खारिज कर दिया है।
एमिकस क्यूरी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच की जरूरत नहीं है। हत्याकांड में जिस बुलेट थ्योरी की बात की गई है उसके सबूत नहीं मिले हैं। पीआईएल में पंकज फड़णीस ने दावा किया था कि बापू की हत्या एक रहस्यमय शख्स ने की है। उस शख्स ने 'चौथी गोली' चलाई थी।
कोर्ट ने एडीशनल सॉलीसिटर जनरल से बतौर एमिकस क्यूरी सहायता करने के लिए कहा था। रिपोर्ट में कहा गया कि कोई इस तरह के कोई सबूत नहीं है जिससे हत्या में फिर से जांच की कोई गुंजाइश हो। महात्मा गांधी की शरीर से जो बुलेट मिले और जिस पिस्टल से गोली चलाई गई सभी की पहचान हो चुकी है।
पहले भी मामले की फिर से जांच की बात की गई लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को हत्या की थी और उऩके हत्यारों को फांसी दी जा चुकी है। सरकार ने बाद में आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
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