- एड़ी-चोटी का जोर लगाकर अशोक पटेल ने मध्यस्थता कर जांच अधिकारियों से कराई तगड़ी सेटिंग, जल्द क्लीनचिट मिलने की संभावना
- नवंबर 2017 में पंधाना जनपद के धनोरा गांव में 10 लाख रुपए का गबन साबित होने के बाद राजेश पटेल को किया गया था सस्पेंड
खंडवा @ शेख वसीम - 9479430111
सत्ता और राजनैतिक पार्टियों से जुड़े लोग किस तरह से करीबी और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए साम-दाम-दंड की नीतियां अपनाकर खेल कर जाते हैं, इसका एक अच्छा उदाहरण खंडवा में देखने को मिला है। पंधाना जनपद पंचायत की धनोरा पंचायत का 420 और भ्रष्ट पंचायत सचिव राजेश पटेल सरकारी खजाने को चपत लगाकर करीब 10 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा करने के बाद नवंबर-2017 से सस्पेंड चल रहा है। योजनाओं में घालमेल करने के बाद राजेश की दाड़ में धोखाधड़ी का ऐसा खून लगा कि अब वह फिर पंचायत सचिव की कुर्सी संभालने के लिए सुलबुला रहा है।
वीआईपी और लक्झरी लाइफ स्टाइल जीने का शौकीन राजेश अब अपने जिला पंचायत सदस्य भैया अशोक पटेल की तगड़ी सेटिंग के चलते वापसी कुर्सी संभालेगा। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, भ्रष्टाचार के जिस मामले में सचिव राजेश पटेल को पद से हटाया गया था, अब उसकी वापसी के लिए पहले वाली रिपोर्ट को गलत ठहराए जाने की पुख्ता सूचना मिली है। मामले को निपटाने में जांचकर्ता अधिकारियों और राजेश के बीच धूरी का काम भाजपा नेता अशोक पटेल ने पूरा किया है। अफसरों से बात भी हुई है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह से पहली बार जांच हुई थी उसके मुताबिक राजेश पटेल पर धोखाधड़ी का मुकदमा कायम होना चाहिए था, लेकिन कार्रवाई तो दूर जांचकर्ताओं ने ले-देकर मामले के खात्मे की ही पूरी तैयारी कर ली है।
ये है मामला- 420 राजेश पटेल ने धनोरा पंचायत का सचिव रहते हुए सरपंच के साथ मिलीभगत कर आंगनवाड़ी भवन के नाम पर 3 लाख रुपए, शांतिधाम के नाम पर डेढ़ लाख रुपए, सार्वजनिक कूप के 80 हजार रुपए, नल-जल योजना के 2 लाख रुपए सहित दूसरी योजनाओं में धोखाधड़ी कर पेमेंट निकाल लिया था। पूरे मामले का ग्रामीणों द्वारा सप्रमाण खुलासा करते हुए कलेक्टर खंडवा को 17 अक्टूबर 2017 को लिखित शिकायत की गई थी। ग्रामीणों की शिकायत के बाद 24 अक्टूबर को जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ जांच समिति गठित कर दी थी। इस दौरान ग्रामीणों की शिकायत जांच में सही साबित हुई।
जांच में पाया गया फर्जी खाते खोलकर ई-पेमेंट भी हो गया। पंधाना जनपद के सीईओ डीएस राठौर ने 29 अक्टूबर को पत्र जारी कर शिकायत एवं जांच के संबंध में सूचित किया। सरपंच एवं सचिव पर कार्रवाई के लिए पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 व 40 के तहत कार्यवाही की अनुशंसा की गई। कुल 9 लाख 27 हजार 327 रुपए की रिकवरी का पत्र जिला पंचायत सीईओ को भेजा गया था। राजेश को हटाकर शेखपुरा पंचायत ट्रांसफर कर दिया गया था। मामले की जांचोपरात 3 नवंबर 2017 को जिला पंचायत के सीईओ वरदमूर्ति मिश्रा ने भ्रष्ट राजेश पटेल को मप्र पंचायत नियम 1999 के नियम 4 के प्रतिकूल होने पर सस्पेंड कर दिया था। तभी से राजेश पटेल सचिव पद पर अपनी वापसी के लिए फड़फड़ा रहा है।
हुई है साहब से बात
साहब से बात हुई है। भाई जल्द ही वापस सचिव बनकर लौटेगा।
अशोक पटेल, सदस्य, जिला पंचायत खंडवा (निलंबित राजेश पटेल का बड़ा भाई)
मिलेगी मुझे क्लीनचिट
दूसरी बार हुई जांच में मुझे निर्दोष पाया गया है, थोड़ी बहुत रिकवरी है तो अदा कर दूंगा। जल्द ही वापसी होगी।
राजेश पटेल, निलंबित पंचायत सचिव
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