पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने कहा- पासवान आज सवर्णों के आरक्षण की कर रहे मांग, हमने तो हमेशा से सवर्णों को आरक्षण देने की मांग की है, पासवान ने की थी गरीब सवर्णों को 15 फीसदी आरक्षण देने की मांग.
आर्थिक आधार पर आरक्षण का मसला अब जोर पकड़ने लगा है। एनडीए कुनबे से उठा तूफान अब महागठबंधन खेमे में पहुंच गया है। गरीब सवर्णों के आरक्षण के मसले पर लगातार हो रही मांग के बीच महागठबंधन लगातार पीछे छूट रहा था। बिहार में जहां जाति आधारित राजनीति अन्य सभी मसलों पर हावी है, वहां केंद्रीय मंत्री व लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने गरीब सवर्णों के लिए 15 फीसदी आरक्षण की मांग कर एक अलग ही राजनीति शुरू कर दी। इसके बाद अन्य सभी दल पासवान का विरोध कर सवर्णों के निशाने पर आते जा रहे थे। सबसे खराब स्थिति में महागठबंधन दिख रही थी। ऐसे में महागठबंधन की ओर से उठी मांग ने सबको चौंका दिया है।
महागठबंधन के बड़े दलित नेता व हम लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग कर दी है। मांझी ने कहा कि हमने हमेशा से आरक्षण की लड़ाई लड़ी है। गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के मसले पर भी हम हमेशा आवाज उठाते रहे हैं। रामविलास पासवान तो अब गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। जीतनराम मांझी का यह बयान महागठबंधन से जुड़े सवर्णों को साधने का एक बड़ा हथियार बन सकता है।
दूसरी तरफ, दलित-पिछड़ों के आरक्षण के सबसे बड़े पैरोकार रहे लालू प्रसाद यादव, जीतनराम मांझी के बयान से कितने सहमत होते हैं, देखना होगा। पासवान के बयान के बाद राजद के भीतर से आवाज आई थी कि पहले दलित-पिछड़ों को आरक्षण का पूरी तरह से लाभ मिल जाए, इसके बार गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग करें। जीतनराम मांझी के बयान को रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है, लेकिन दलित-पिछड़ों के आरक्षण की लड़ाई को इस हिसाब से तेजस्वी यादव भी कमजोर नहीं होते देखना चाहेंगे।
तेजस्वी के रुख पर अब सभी की नजर रहेगी। दूसरी तरफ, पासवान की मांग पर भाजपा व जदयू की ओर से भी समर्थन के सुर निकले थे। ऐसे में तय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान गरीब सवर्णों को आरक्षण का मामला बढ़ सकता है। इस मामले को इतना बड़ा रूप देने की कोशिश हो रही है कि किसी भी स्थिति में सवर्णों के वोट बैंक को बंटने नहीं दिया जाएगा, एनडीए उसे अपने पक्ष में रखने की कोशिश में है और महागठबंधन उसमें सेंध लगाने के प्रयास में।
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