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उज्जैन। आपको यह जानकार हैरत होगी कि बाजार में जो अच्छी गुणवत्ता की ब्लिंकर लाइट महज 70 रुपए में उपलब्ध है। उसका सरकारी रेट यानी एसओआर 700 रुपए प्रति लाइट है।
नगर निगम ने हाल ही में इस दर के अनुसार जब निविदा निकाली तो ठेका 50 प्रतिशत कम राशि में गया। हालांकि फिर भी निगम को लाइट के लिए पांच गुना अधिक पैसे चुकाने होंगे। जाहिर है ऐसे में शासकीय धन का जमकर दुरुपयोग हो रहा है।
सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम ने नानाखेड़ा जोन 6 के विभिन्न मार्गों पर संकेतक बतौर 1431 केट आई ब्लिंकर लाइट लगाने का टेंडर निकाला था। इसका एसओआर रेट 700 रुपए प्रति यूनिट रखा। टेंडर टेक्निकल और फाइनेंशियल बीड स्वीकृति प्रक्रिया से गुजरा तो अफसरों ने एक फर्म को एसओआर से 50 फीसद कम रेट पर ठेका दे दिया।
मामला संज्ञान में आने पर आरटीआई एक्टिविस्ट संस्था सॉलिसिट्स सोशल सोसायटी के हेमंत कुमार गुप्ता ने कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को लिखित में शिकायत की। अनुरोध किया कि वे सरकारी धन का दुरुपयोग रोकें। उनकी संस्था अच्छी से अच्छी गुणवत्ता के केट आई ब्लिंकर मजदूरी सहित 100 रुपए प्रति यूनिट में लगाने को तैयार है। इससे निगम को लाखों रुपए की बचत होगी।
इनका कहना है
शिकायत सही पाई गई तो मामला जांच में लिया जाएगा। शासकीय धन का दुरुपयोग कतई नहीं होने दिया जाएगा। सवाल किसी सामान की खरीदारी का हो या निर्माण का, गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा - प्रतिभा पाल, आयुक्त, नगर निगम
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