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भारत में चीन के राजदूत ल्यू झाओहुई ने कहा है कि भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों को अब डोकलाम जैसी किसी स्थिति का दोबारा सामना नहीं करना पड़ेगा. मुताबिक सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को विशेष प्रतिनिधियों की आपसी बातचीत के जरिये सीमा विवाद का समाधान निकालना होगा. इस दौरान उन्होंने भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच त्रिपक्षीय वार्ता पर भी जोर दिया.
ल्यू झाओहुई ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान हाल ही में शंघाई कॉरपोरेशन आॅर्गेनाइजेशन (एससीओ) का हिस्सा बने हैं. ऐसे में दोनों देशों को करीब लाने और इनके आपसी रिश्तों में सुधार के लिए एससीओ प्रयास कर सकता है. जब रूस चीन और मंगोलिया मिलकर आपस में बातचीत कर सकते हैं तो चीन, पाकिस्तान और भारत त्रिपक्षीय चर्चा क्यों नहीं कर सकते? दिलचस्प बात यह है कि यह रचनात्मक विचार मुझे हिंदुस्तान के ही मित्रों से मिला है.’
चीनी राजदूत ने आगे कहा कि भारत और चीन दो ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें एशिया के क्षेत्रीय विकास के लिए एकजुट होना होगा. दोनों देश एक-दूसरे से भाग नहीं सकते. झाओहुई के मुताबिक भारतीय प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान की अनौपचारिक बैठक के बाद दोनों देश डोकलाम को भुलाकर द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए रजामंद हुए हैं. उनका कहना था कि ऐसे में दोनों देशों के नागरिकों और अधिकारियों को भी करीब आना चाहिए.
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