नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ उप राज्यपाल के आवास पर धरने को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सवाल उठाए हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने फटकार लगाते हुए पूछा कि सीएम केजरीवाल को किसने उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना देने की अनुमति दी। कोर्ट की बेंच ने कहा, 'यह धरना नहीं है। आप किसी के घर या दफ्तर में घुसकर हड़ताल या धरना नहीं कर सकते हैं।'
कोर्ट ने यह भी पूछा कि धरने का यह फैसला व्यक्तिगत था या फिर कैबिनेट की मंजूरी से फैसला लिया गया। दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि आईएसएस अधिकारियों ने मीटिंग में हिस्सा नहीं लेने की बात खुद स्वीकार की है। इस पर हाई कोर्ट ने कहा, 'मुद्दा यह है कि आप धरने पर बैठ गए हैं, लेकिन आपको धरना करने की अनुमति किसने दी?
बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हड़ताल को खत्म करने का आदेश देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया। बता दें कि 11 जून से अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ जैन, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय उप-राज्यपाल अनिल बैजल के राज निवास में अनशन पर बैठे है।
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