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नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ने सस्ते मकानों के खरीदारों के लिये लोन सुविधा को और बेहतर बनाते हुये अब 35 लाख रुपये तक के कर्ज को प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिग के लोन की कैटेगरी में शामिल कर दिया है. यह सुविधा 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले मकानों के लिये उपलब्ध होगी. आरबीआई के इस फैसले के बाद 35 लाख रुपये तक के होम लोन सस्ते हो जाएंगे क्योंकि बैंकों से प्रायोरिटी सेक्टर का कर्ज आमतौर पर दूसरे लोन के मुकाबले सस्ता होता है.
रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन में कहा है , ‘आर्थिक रूप से कमजोर तबके और निचले आय वर्ग के लिये सस्ते घर मुहैया कराने के प्रयासों को बढ़ावा देने के वास्ते होम लोन से जुड़े प्रायोरिटी सेक्टर कर्ज के दिशानिर्देशों को सस्ती आवास योजना के अनुरूप किया गया है. इसके लिये प्रायोरिटी सेक्टर लोन के तहत होम लोन सीमा पात्रता को महानगरों के लिये संशोधित कर 35 लाख रुपये और अन्य शहरों के लिये 25 लाख रुपये किया जायेगा’
क्या रखी गई है शर्त
हालांकि इसके लिये शर्त रखी गई है कि दस लाख और उससे ज्यादा आबादी वाले शहरों में ऐसे मकानों की कुल कीमत 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिये वहीं दूसरे शहरों में सस्ती आवास योजना वाले इन मकानों का दाम 30 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिये. तभी उन्हें प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग के दायरे में लोन सुविधा उपलब्ध होगी.
हालांकि इसके लिये शर्त रखी गई है कि दस लाख और उससे ज्यादा आबादी वाले शहरों में ऐसे मकानों की कुल कीमत 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिये वहीं दूसरे शहरों में सस्ती आवास योजना वाले इन मकानों का दाम 30 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिये. तभी उन्हें प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग के दायरे में लोन सुविधा उपलब्ध होगी.
वर्तमान में ये लोन शहरों में 35 लाख रुपये और अन्य केन्द्रों में 25 लाख रुपये मूल्य तक के मकानों को प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग लोन के दायरे में रखा जाता है और इनके लिये व्यक्तियों को क्रमश : 28 लाख रुपये और 20 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाता है.
6 जून को किया था आरबीआई ने एलान
रिजर्व बैंक की 6 जून को जारी दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति के साथ विकास और नियामकीय नीतियों पर जारी वक्तव्य में इस बारें में एलान किया गया है.
रिजर्व बैंक की 6 जून को जारी दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति के साथ विकास और नियामकीय नीतियों पर जारी वक्तव्य में इस बारें में एलान किया गया है.
रिजर्व बैंक के आगे के नोटिफिकेशन में कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के रेसीडेंशियल प्रोजेक्ट्स में पात्रता के लिये पारिवारिक आय सीमा को मौजूदा दो लाख रुपये सालाना से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं निम्न आय वर्ग के लिये वार्षिक आय सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया गया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह बदलाव प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिये गये आय मानदंड के अनुरूप किया गया है.
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