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प्रदेश के सहकारिता मंत्री गौरीशंकर
बिसेन को पन्ना को-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष संजय नगाइच और उनके बोर्ड को
भंग करने के मामले मे बड़ा झटका लगा है, हाईकोर्ट ने आज इस मामले में
संचालक मंडल को भंग करने के राय शासन के आदेश को अमान्य करते हुए हाईकोर्ट
की डबल बैंच ने सुनवाई के बाद अपने फैसले में शासन की कारईवाई को गलत करार
दिया है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुशील हर्सकोली की
अध्यक्षता वाली बैंच ने इस मामले में फैसला देते हुए कहा कि सहकारिता विभाग
ने रिजर्व बैंक की सहमति लिए बिना बोर्ड को भंग किया था, जिसे सही नहीं
ठहराया जा सकता है। सहकारिता मंत्री एवं जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष के
बीच सीधे टकराव वाले इस मामले में कुछ महीने पहले काफी हल्ला मचा था, हल्ले
की मुख्य वजह सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा सहकारी बैंक के
अध्यक्ष संजय नगाइच को सार्वजनिक स्थल पर जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित करने
का था, जिसे लेकर प्रदेश के ब्राह्मणों में भी आक्रोश फैला था, जो
मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष के हस्तक्षेप एवं नगाइच को समझाइस के बाद
बयानों में तो शांत हो गया था, लेकिन न्यायालय में उपरोक्त मामला विचाराधीन
था, जिस पर आज फैसला आया है, जिसमें सहकारी बैंक के अध्यक्ष एवं उसके
बोर्ड को भंग करने के निर्णय को गलत ठहराया गया है। इससे पहले भी बिसेन को
कई विवादास्पद बयानों के लिए झटके लग चुके हैं, पटवारियों के मामले में
उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ी थी।
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