क्राइम रिपोर्टर// लखनलाल (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी . यातायात विभाग में सिपाहियों को भारी कमी के चलते शासन ने आदेश पारित किया कि जब तक सिपाहियों की पूर्ती नहीं होती तब तक नगर सेना एवं नगर रक्षा समिती के आरक्षकों को यातायात विभाग में शामिल किया जाये ताकी यातायात में सिपाहियों कि कमी को पूरी की जाये इस आदेश के तहत राज्य के सभी जिले में नगर सेना एवं नगर रक्षा सेवा समिती के आरक्षकों को सभी विभागों में शामिल किया गया है ताकी यातायात विभाग में सिपाहियों की कमी पूरी की जा सके।
इनकी वर्दियों में कोई फर्क नहीं
जिले के पुलिस विभाग के आरक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए नगर सेना एवं नगर रक्षा समिती लोगों को लेकर अपने-अपने विभाग के सिपाहियों कि कमी को पूरा करने के लिए इन्हें शामिल किया गया है। परन्तु इन विभागो के सिपाहियों की वर्दी में कोई फर्क नहीं रखा गया है। आखिर पुलिस विभाग सिपाहियों की वर्दी में फर्क न करके क्या करना चाहती है और लोगों को क्या दर्शाना चाहती है। ऐसा करने के पीछे जिले की पुलिस विभाग का क्या उदे्श्य है।
आम आदमी खाता है धोका
नगर सेना एवं नगर रक्षा समिती के आरक्षकों को जब किसी यातायाता सिपाहियों की जगह किसी प्वाईंट पर खड़ा किया जाता है तो उस जगह खड़े होकर परे विभग का सर ऊचा अपने काम से किया जाता है। लेकिन इन नगर सेना एवं नगर रक्षा समिती के सिपाहियें को भी हराम का खाने की आदत सी पड़ चुकी है। जिस जगह खड़े होते हैं। वहीं उनका लेन देन शुरू हो जाता है। विगत कुछ दिन पहले मिशिन चौक पर सिपाहियों दो पहिया वाहन की चैकिंग चल रही थी। उसी वक्त नगर सेना एवं नगर रक्षा समिती के दो सिपाहियों को भी दो पहिया वाहन रोकने के लिए एवं सूबेदार के पास भेजने के लिए रखा गया था और उनके द्वारा वाहनो से अच्छा खासा चालान काटा गया। परन्तु लोगों ने कभी - भी नहीं सोचा होगा कि यातायाता पुलिस कि वर्दी में नगर सेना एवं नगर रक्षा समिती के सिपाही थे, वो इसलिए कि दोनों सिपाहियों कि वर्दियों में कोई भी फर्क नहीं रखा गया है।
आरोप लगते हैं यातायाता विभाग के सिपाहियों पर
नगर सेना एवं नगर रक्षा समिती के सिपाहियों जिस जगह भी तैनात किया जाता है, वहीं पर पुलिसिया रौब दिखाना चालू कर देता है और जैसे वाहनो से कमाने का मौका मिलता है, तो फिर चूकते भी नहीं हैं। आम नागरिक ही सिर्फ लुटता रहता है, जबकी इस प्रकार की हरकतों से यातायात पुलिस विभाग का नाम ही बदनाम हो रहा है, क्योंकि करता कोई और है, बदनाम होते हैं यातायाता सिपाही, लेकिन फिर भी पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों का ध्यान इन नगर सेना एवं नगर रक्षा के सिपाहियों कि ओर नहीं जा रहा है।
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