महिलाओं में सेक्स के प्रति घटती रुचि को बढ़ाने वाली दवा बानसेरिन यानी ‘फीमेल वायग्रा’ को अमरीकी फ़ूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मंजूरी दे दी है। एफडीए की सलाहकार समिति ने तर्क सुनने के बाद इसे मंजूदी दी। विश्व भर से अनेक महिला संगठनों ने ‘महिलाओं की बेहतरी का फैसला’ बताया है।
ऐसा कहा जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं के अंदर सेक्स करने की चाहत कम होने लगती है। ऐसे में फीमेल वायग्रा इनकी सेक्स की चाहत को बढ़ाएगी। अभी तक मर्दों में सेक्स इरेक्शन संबंधी परेशानी के लिए वायग्रा काफी लोकप्रिय थी लेकिन औरतों के लिए वायग्रा को लेकर काफी विवाद हो रहे थे। एफडीए का कहना है कि मर्द और औरत दोनों की ही जिंदगी में सेक्स को लेकर एक तरह का रवैया रखना चाहिए।
फ़्लिबानसेरिन यानी फीमेल वायग्रा की जरूरत तब महसूस हुई जब यह बात उठी कि बढ़ती उम्र और अन्य कई कारणों से महिलाओं में
सेक्स के प्रति कम दिलचस्पी हो रही है। मर्दों के लिए वायग्रा की जरूरत इरेक्शन और उसका समय बढ़ाने के लिए महसूस हुई जबकि महिलाओं के लिए वायग्रा की जरूरत डिजायर पैदा करने के लिए महसूस की गई।
संयोग की ही बात है कि फ़्लिबानसेरिन को मूल रूप से अवसाद कम करने वाली दवा (एंटी-डिप्रेसेंट) के तौर पर विकसित किया गया था लेकिन इसका लोगों के मूड पर कोई असर नहीं पड़ा। लेकिन टेस्ट के दौरान वैज्ञानिकों ने इसका कुछ अलग ही असर महसूस किया। वैज्ञानिकों को इसके क्लिनिकल ट्रायल में शामिल औरतों में एक साइड इफ़ेक्ट दिखा- औरतों की सेक्स में दिलचस्पी बढ़ने लगी।
फिर वैज्ञानिकों ने अपने शोध की दिशा को बदलते हुए इस दवा को फीमेल वायग्रा के तौर पर विकसित किया। यह दवा दरअसल मस्तिष्क में डोपामाइन, नोराड्रेनालाइन और सेरोटनिन को संतुलित करने का काम करती है जिससे महिलाओं के शरीर में सेक्स के प्रति दिलचस्पी बढ़ती है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि यह दवा महिलाओं के दिमाग के अगले हिस्से के सर्किट को उस समय शिथिल कर देती है जो उनकी सेक्स इच्छा को घटा रहा होता है।
sex enjoyment for female viagra is now in the market
ऐसा कहा जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं के अंदर सेक्स करने की चाहत कम होने लगती है। ऐसे में फीमेल वायग्रा इनकी सेक्स की चाहत को बढ़ाएगी। अभी तक मर्दों में सेक्स इरेक्शन संबंधी परेशानी के लिए वायग्रा काफी लोकप्रिय थी लेकिन औरतों के लिए वायग्रा को लेकर काफी विवाद हो रहे थे। एफडीए का कहना है कि मर्द और औरत दोनों की ही जिंदगी में सेक्स को लेकर एक तरह का रवैया रखना चाहिए।
फ़्लिबानसेरिन यानी फीमेल वायग्रा की जरूरत तब महसूस हुई जब यह बात उठी कि बढ़ती उम्र और अन्य कई कारणों से महिलाओं में
सेक्स के प्रति कम दिलचस्पी हो रही है। मर्दों के लिए वायग्रा की जरूरत इरेक्शन और उसका समय बढ़ाने के लिए महसूस हुई जबकि महिलाओं के लिए वायग्रा की जरूरत डिजायर पैदा करने के लिए महसूस की गई।
संयोग की ही बात है कि फ़्लिबानसेरिन को मूल रूप से अवसाद कम करने वाली दवा (एंटी-डिप्रेसेंट) के तौर पर विकसित किया गया था लेकिन इसका लोगों के मूड पर कोई असर नहीं पड़ा। लेकिन टेस्ट के दौरान वैज्ञानिकों ने इसका कुछ अलग ही असर महसूस किया। वैज्ञानिकों को इसके क्लिनिकल ट्रायल में शामिल औरतों में एक साइड इफ़ेक्ट दिखा- औरतों की सेक्स में दिलचस्पी बढ़ने लगी।
फिर वैज्ञानिकों ने अपने शोध की दिशा को बदलते हुए इस दवा को फीमेल वायग्रा के तौर पर विकसित किया। यह दवा दरअसल मस्तिष्क में डोपामाइन, नोराड्रेनालाइन और सेरोटनिन को संतुलित करने का काम करती है जिससे महिलाओं के शरीर में सेक्स के प्रति दिलचस्पी बढ़ती है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि यह दवा महिलाओं के दिमाग के अगले हिस्से के सर्किट को उस समय शिथिल कर देती है जो उनकी सेक्स इच्छा को घटा रहा होता है।
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