दिल्ली । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नई टीम का एलान कर दिया गया है। टीम में 8 महासचिव और 11 उपाध्यक्ष शामिल हैं। जेपी नड्डा, राजीव प्रताप रूडी, मुरलीधर राव, राम माधव, सरोज पांडेय, भूपेंद्र यादव, आरएस कटेरिया और राम लाल (संगठन) को महासचिव बनाया गया है। पार्टी के संविधान के अनुसार, दो और नेताओं को महासचिव बनाया जा सकता है शाह की नई टीम उपाध्यक्ष- बंडारू दत्तात्रेय (तेलंगाना), बीएस येदियुरप्पा (कर्नाटक), सत्यपाल मलिक (उत्तर प्रदेश), मुख्तार अब्बास नकवी (उत्तर प्रदेश), पुरुषोत्तम रुपाला (गुजरात) प्रभात झा (मप्र), रघुवर दास (झारखंड), किरण माहेश्वरी (राजस्थान), विनय सहस्त्रबुद्धे (महाराष्ट्र), श्रीमती रेनू देवी (बिहार) और दिनेश शर्मा (उत्तर प्रदेश)। महासचिव- जगत प्रकाश नड्डा (हिमाचल प्रदेश), राजीव प्रताप रूडी (बिहार), मुरलीधर राव (तेलंगाना), राम माधव (आंध्र प्रदेश), राम लाल संगठन महासचिव (दिल्ली), सरोज पांडे (छत्तीसगढ़), भूपेंद्र यादव (राजस्थान) और रामशंकर कठेरिया (उत्तर प्रदेश)। संयुक्त संगठन महासचिव वी.सतीश (कर्नाटक), सौदान सिंह (छत्तीसगढ़), शिवप्रकाश (उत्तर शहनवाज हुसैन (बिहार), सुधांशु त्रिवेदी (उत्तर प्रदेश), मीनाक्षी लेखी (दिल्ली), एमजे अकबर (दिल्ली) विजय सोनकर शास्त्री, (उत्तर प्रदेश), ललिता कुमार मंगलम (तमिलनाडु), नलिन कोहली (दिल्ली), संबित पात्रा (ओडिशा), अनिल बुलानी (उत्तराखंड), जीएसएल नरसिम्हा राव सचिव श्याम जाजू (महाराष्ट्र), अनिल जैन (दिल्ली), एच. राजा (तमिलनाडु), रोमेन डेका (असम), सुधा यादव (हरियाणा), पूनम महाजन (महाराष्ट्र), रामविचार नेताम (छत्तीसगढ़), अरुण सिंह (उत्तर प्रदेश), सिद्धार्थ नाथ सिंह (उत्तर प्रदेश), सरदार आरपी सिंह (दिल्ली), श्रीकांत शर्मा (उत्तर प्रदेश), ज्योति धुर्वे (मप्र), तरुण चुघ (पंजाब) और रजनीश कुमार (बिहार) मोर्चा अध्यक्ष महिला मोर्चा- विजया राहतर (महाराष्ट्र) युवा मोर्चा -अनुराग ठाकुर (हिमाचल) अनुसूचित जाति मोर्चा- दुष्यंत गौतम (दिल्ली) अनुसूचित जनजाति-फग्गन सिंह कुलस्ते (मप्र) अल्पसंख्यक मोर्चा - अब्दुल रशीद अंसारी कार्यालय सचिव अरूण कुमार जैन
Thursday, March 31, 2016
अमित शाह की नई टीम का एलान, कैलाश नदारत
दिल्ली । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नई टीम का एलान कर दिया गया है। टीम में 8 महासचिव और 11 उपाध्यक्ष शामिल हैं। जेपी नड्डा, राजीव प्रताप रूडी, मुरलीधर राव, राम माधव, सरोज पांडेय, भूपेंद्र यादव, आरएस कटेरिया और राम लाल (संगठन) को महासचिव बनाया गया है। पार्टी के संविधान के अनुसार, दो और नेताओं को महासचिव बनाया जा सकता है शाह की नई टीम उपाध्यक्ष- बंडारू दत्तात्रेय (तेलंगाना), बीएस येदियुरप्पा (कर्नाटक), सत्यपाल मलिक (उत्तर प्रदेश), मुख्तार अब्बास नकवी (उत्तर प्रदेश), पुरुषोत्तम रुपाला (गुजरात) प्रभात झा (मप्र), रघुवर दास (झारखंड), किरण माहेश्वरी (राजस्थान), विनय सहस्त्रबुद्धे (महाराष्ट्र), श्रीमती रेनू देवी (बिहार) और दिनेश शर्मा (उत्तर प्रदेश)। महासचिव- जगत प्रकाश नड्डा (हिमाचल प्रदेश), राजीव प्रताप रूडी (बिहार), मुरलीधर राव (तेलंगाना), राम माधव (आंध्र प्रदेश), राम लाल संगठन महासचिव (दिल्ली), सरोज पांडे (छत्तीसगढ़), भूपेंद्र यादव (राजस्थान) और रामशंकर कठेरिया (उत्तर प्रदेश)। संयुक्त संगठन महासचिव वी.सतीश (कर्नाटक), सौदान सिंह (छत्तीसगढ़), शिवप्रकाश (उत्तर शहनवाज हुसैन (बिहार), सुधांशु त्रिवेदी (उत्तर प्रदेश), मीनाक्षी लेखी (दिल्ली), एमजे अकबर (दिल्ली) विजय सोनकर शास्त्री, (उत्तर प्रदेश), ललिता कुमार मंगलम (तमिलनाडु), नलिन कोहली (दिल्ली), संबित पात्रा (ओडिशा), अनिल बुलानी (उत्तराखंड), जीएसएल नरसिम्हा राव सचिव श्याम जाजू (महाराष्ट्र), अनिल जैन (दिल्ली), एच. राजा (तमिलनाडु), रोमेन डेका (असम), सुधा यादव (हरियाणा), पूनम महाजन (महाराष्ट्र), रामविचार नेताम (छत्तीसगढ़), अरुण सिंह (उत्तर प्रदेश), सिद्धार्थ नाथ सिंह (उत्तर प्रदेश), सरदार आरपी सिंह (दिल्ली), श्रीकांत शर्मा (उत्तर प्रदेश), ज्योति धुर्वे (मप्र), तरुण चुघ (पंजाब) और रजनीश कुमार (बिहार) मोर्चा अध्यक्ष महिला मोर्चा- विजया राहतर (महाराष्ट्र) युवा मोर्चा -अनुराग ठाकुर (हिमाचल) अनुसूचित जाति मोर्चा- दुष्यंत गौतम (दिल्ली) अनुसूचित जनजाति-फग्गन सिंह कुलस्ते (मप्र) अल्पसंख्यक मोर्चा - अब्दुल रशीद अंसारी कार्यालय सचिव अरूण कुमार जैन
भगोड़े माल्या का बेटा हीरोइन के साथ रोमांस में व्यस्त
Toc news
बैंकों को नौ हजार करोड़ रुपये की चपत लगाकर सिद्धार्थ माल्या तो लंदन भाग गया है, लेकिन इससे उसके बेटे के चेहरे पर जरा सी भी चिंता की लकीर नहीं है। उनकी लाइफ स्टाइल तो पहले की तरह ही जारी है और वे रोमांस में व्यस्त हैं। हाल ही में सिद्धार्थ को एक बॉलीवुड एक्ट्रेस की बहन के साथ देखा गया।
किस हीरोइन की है बहन.
सिद्धार्थ को कैटरीना की बहन इज़ाबेल के साथ देखा गया। उन्होंने इज़ाबेल के साथ एक फोटो भी शेयर किया है और लिखा है कि बड़े दिनों बाद हुई मुलाकात के बाद आनंद आ गया। सूत्रों के मुताबिक दोनों में गहरी दोस्ती है। कुछ का कहना है कि बात दोस्ती से भी आगे बढ़ चुकी है। गौरतलब है कि इज़ाबेल का एक कथित एमएमएस भी वायरल हुआ था, जिसका उन्होंने खंडन भी किया था। इज़ाबेल को लेकर सलमान ने 'डॉ. कैबी' नामक मूवी भी बनाई थी जो असफल रही थी।
पिता के नक्शे कदम पर सिद्धार्थ...
विजय माल्या का रंगीन मिजाज हमेशा चर्चा का विषय रहा। पार्टियों में अक्सर वे सुंदरियों से घिरे रहते थे। लगता है कि सिद्धार्थ भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हैं या फिर आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
इस हीरोइन के साथ सिद्धार्थ की नजदीकियां रही चर्चित...
सिद्धार्थ की फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से नजदीकियां एक समय चर्चा का विषय रही थी। आईपीएल में सिद्धार्थ की टीम का उत्साहवर्धन करते हुए अक्सर दीपिका को देखा गया। कैटरीना कैफ भी सिद्धार्थ की इस टीम से जुड़ी थीं
बैंकों को नौ हजार करोड़ रुपये की चपत लगाकर सिद्धार्थ माल्या तो लंदन भाग गया है, लेकिन इससे उसके बेटे के चेहरे पर जरा सी भी चिंता की लकीर नहीं है। उनकी लाइफ स्टाइल तो पहले की तरह ही जारी है और वे रोमांस में व्यस्त हैं। हाल ही में सिद्धार्थ को एक बॉलीवुड एक्ट्रेस की बहन के साथ देखा गया।
किस हीरोइन की है बहन.
सिद्धार्थ को कैटरीना की बहन इज़ाबेल के साथ देखा गया। उन्होंने इज़ाबेल के साथ एक फोटो भी शेयर किया है और लिखा है कि बड़े दिनों बाद हुई मुलाकात के बाद आनंद आ गया। सूत्रों के मुताबिक दोनों में गहरी दोस्ती है। कुछ का कहना है कि बात दोस्ती से भी आगे बढ़ चुकी है। गौरतलब है कि इज़ाबेल का एक कथित एमएमएस भी वायरल हुआ था, जिसका उन्होंने खंडन भी किया था। इज़ाबेल को लेकर सलमान ने 'डॉ. कैबी' नामक मूवी भी बनाई थी जो असफल रही थी।
पिता के नक्शे कदम पर सिद्धार्थ...
विजय माल्या का रंगीन मिजाज हमेशा चर्चा का विषय रहा। पार्टियों में अक्सर वे सुंदरियों से घिरे रहते थे। लगता है कि सिद्धार्थ भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हैं या फिर आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
इस हीरोइन के साथ सिद्धार्थ की नजदीकियां रही चर्चित...
सिद्धार्थ की फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से नजदीकियां एक समय चर्चा का विषय रही थी। आईपीएल में सिद्धार्थ की टीम का उत्साहवर्धन करते हुए अक्सर दीपिका को देखा गया। कैटरीना कैफ भी सिद्धार्थ की इस टीम से जुड़ी थीं
वकील व DSP के बेटे सहित एक के खिलाफ 151 मे प्रकरण दर्ज।
Toc NEWS
देवास । बीती रात शहर के नामी वकील अशोक वर्मा के बेटे अभिषेक वर्मा , क्राइम ब्रांच DSP इजराइल शेख के बेटे मोसिन शेख व् साथी आशीष ठाकुर द्वारा पुलिस के साथ अभद्रता व् अशांति फैलाने पर कोतवाली पुलिस ने तीनो पर धारा 151 के तहत की कारवाही ।
और साथ ही बीती रात महिलाओ द्वारा सप्तमी पूजा करने के दौरान एक बाईक पर तीनो आरोपियों द्वारा बार बार चक्कर लगाना व् पुलिस द्वारा टोकने पर अपने पिता के उचे दर्जे पर होने की धौस देने का मामला भी सामने आया ।
सूत्रो के अनुसार नामी वकील के पुत्र साथियो द्वारा आए दिन शहर में देर रात इस तरह की बदसलूकी करना आम बात हो गई थी जिसपर देवास पुलिस द्वारा कारवाही कर नकेल कसने का प्रयास अपने आप में क़ानून व् पुलिस सभी के लिए एक नजर से सोचने की बात करता नजर आया।
देवास । बीती रात शहर के नामी वकील अशोक वर्मा के बेटे अभिषेक वर्मा , क्राइम ब्रांच DSP इजराइल शेख के बेटे मोसिन शेख व् साथी आशीष ठाकुर द्वारा पुलिस के साथ अभद्रता व् अशांति फैलाने पर कोतवाली पुलिस ने तीनो पर धारा 151 के तहत की कारवाही ।
और साथ ही बीती रात महिलाओ द्वारा सप्तमी पूजा करने के दौरान एक बाईक पर तीनो आरोपियों द्वारा बार बार चक्कर लगाना व् पुलिस द्वारा टोकने पर अपने पिता के उचे दर्जे पर होने की धौस देने का मामला भी सामने आया ।
सूत्रो के अनुसार नामी वकील के पुत्र साथियो द्वारा आए दिन शहर में देर रात इस तरह की बदसलूकी करना आम बात हो गई थी जिसपर देवास पुलिस द्वारा कारवाही कर नकेल कसने का प्रयास अपने आप में क़ानून व् पुलिस सभी के लिए एक नजर से सोचने की बात करता नजर आया।
खजुराहो थाना परिसर में श्री नीरज पाण्डेय जी, एडिशनल एस पी छतरपुर की अध्यक्षता में हुई शान्ति समिति की बैठक।
Toc news
दिनाँक 30 मार्च 2016 की शाम को 6:00 बजे खजुराहो थाने के प्रांगण में हुई बैठक में पाण्डेय जी ने सभी लोगों से की अपील 15 अप्रैल 2016 को भाईचारे के साथ सौहार्द पूर्ण वातावरण में मनाएं रामनवमी का त्योहार। अफवाहों पर विश्वास न करें।
पाण्डेय जी ने विशेष तौर पर
09 मार्च 2016 की रात्रि को खजुराहो के शिवरात्रि मेला में बच्ची के साथ घटित घटना की विवेचना के दौरान आदरणीय राजनगर SDM सुश्री सोनिया मीणा जी का Law And Order के अलावा देर रात्रि तक पल पल की जानकारी लेना लेट नाइट तक रहना, उनकी लगन की मुक्त कंठ से सराहना की।
बैठक के उपरान्त श्री नीरज पाण्डेय जी का आइसना परिवार AISNA All India Small News Papers Association ने किया सम्मान।
पाण्डेय जी ने 09 मार्च 2016 की रात्रि को मेला ग्राउण्ड खजुराहो में एक अबोध बालिका के साथ हुई ह्रदय विदारक घटना के आरोपी को कम से कम समय में सीखचों के अंदर करवाने में श्री ललित शाक्यवार जी, एस पी छतरपुर के दिशा निर्देशन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बैठक में खजुराहो SDOP श्री इसरार मंसूरी जी, खजुराहो न. प. CMO श्री अरुण पटेरिया जी, TI खजुराहो श्री के जी शुक्ला जी, TI श्री कमलेश साहू जी, TI श्री शहजाद सिंह जी, अधिवक्ता श्री राजकुमार गंगेले जी, खजुराहो सदर, एवं काजी जी, गणमान्य नागरिक, पत्रकार बन्धु, तुलसीदास सोनी, न्यूज़ रिओर्टर प्रखर ज्ञान, एवं आइसना के प्रदेश सचिव अविनाश तिवारी, संभाग अध्यक्ष देवेन्द्र चतुर्वेदी, संभाग महासचिव अनुपम गुप्ता, संभाग सचिव सचिन ताम्रकार, छतरपर जिलाध्यक्ष भास्कर पाठक, खजुराहो होटल्स एसोसिएशन के सचिव संजीव शुक्ला, मुन्नी भाई, मुख़्तार खान, मुश्ताक, राधे बाबा, जमुना मिश्रा, राजीव वाजपेयी जी के अलावा भी बहुत सारे गणमान्य लोग शामिल थे।
दिनाँक 30 मार्च 2016 की शाम को 6:00 बजे खजुराहो थाने के प्रांगण में हुई बैठक में पाण्डेय जी ने सभी लोगों से की अपील 15 अप्रैल 2016 को भाईचारे के साथ सौहार्द पूर्ण वातावरण में मनाएं रामनवमी का त्योहार। अफवाहों पर विश्वास न करें।
पाण्डेय जी ने विशेष तौर पर
09 मार्च 2016 की रात्रि को खजुराहो के शिवरात्रि मेला में बच्ची के साथ घटित घटना की विवेचना के दौरान आदरणीय राजनगर SDM सुश्री सोनिया मीणा जी का Law And Order के अलावा देर रात्रि तक पल पल की जानकारी लेना लेट नाइट तक रहना, उनकी लगन की मुक्त कंठ से सराहना की।
बैठक के उपरान्त श्री नीरज पाण्डेय जी का आइसना परिवार AISNA All India Small News Papers Association ने किया सम्मान।
पाण्डेय जी ने 09 मार्च 2016 की रात्रि को मेला ग्राउण्ड खजुराहो में एक अबोध बालिका के साथ हुई ह्रदय विदारक घटना के आरोपी को कम से कम समय में सीखचों के अंदर करवाने में श्री ललित शाक्यवार जी, एस पी छतरपुर के दिशा निर्देशन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बैठक में खजुराहो SDOP श्री इसरार मंसूरी जी, खजुराहो न. प. CMO श्री अरुण पटेरिया जी, TI खजुराहो श्री के जी शुक्ला जी, TI श्री कमलेश साहू जी, TI श्री शहजाद सिंह जी, अधिवक्ता श्री राजकुमार गंगेले जी, खजुराहो सदर, एवं काजी जी, गणमान्य नागरिक, पत्रकार बन्धु, तुलसीदास सोनी, न्यूज़ रिओर्टर प्रखर ज्ञान, एवं आइसना के प्रदेश सचिव अविनाश तिवारी, संभाग अध्यक्ष देवेन्द्र चतुर्वेदी, संभाग महासचिव अनुपम गुप्ता, संभाग सचिव सचिन ताम्रकार, छतरपर जिलाध्यक्ष भास्कर पाठक, खजुराहो होटल्स एसोसिएशन के सचिव संजीव शुक्ला, मुन्नी भाई, मुख़्तार खान, मुश्ताक, राधे बाबा, जमुना मिश्रा, राजीव वाजपेयी जी के अलावा भी बहुत सारे गणमान्य लोग शामिल थे।
मप्र में IAS अफसरों की नई पदस्थापना
Toc news
भोपाल, 31 मार्च l म.प्र.शासन के मुख्य सचिव श्री एंटोनी डिसा के आदेश से 30 मार्च को म..प्र. में पदस्थ 5 IAS अधिकारियो की नई पदस्थापना की गई l
1. प्रभांशु कमल प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग से प्रमुख सचिव चिकित्सा सेवा
2. व्हीसी सेमवाल प्रमुख सचिव चिकित्सा सेवा से प्रमुख सचिव जेल विभाग
3. अश्विनी कुमार प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग
4. पंकज अग्रवाल सह आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं एवं आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रण और आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन से प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
5. श्रीमती दीपाली रस्तोगी पंजीयन महानिरीक्षक एवं अधीक्षक मुद्रांक तथा पदेन सचिव वाणिज्यकर विभाग के साथ साथ आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं एवं आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रण और आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन l
भोपाल, 31 मार्च l म.प्र.शासन के मुख्य सचिव श्री एंटोनी डिसा के आदेश से 30 मार्च को म..प्र. में पदस्थ 5 IAS अधिकारियो की नई पदस्थापना की गई l
1. प्रभांशु कमल प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग से प्रमुख सचिव चिकित्सा सेवा
2. व्हीसी सेमवाल प्रमुख सचिव चिकित्सा सेवा से प्रमुख सचिव जेल विभाग
3. अश्विनी कुमार प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग
4. पंकज अग्रवाल सह आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं एवं आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रण और आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन से प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
5. श्रीमती दीपाली रस्तोगी पंजीयन महानिरीक्षक एवं अधीक्षक मुद्रांक तथा पदेन सचिव वाणिज्यकर विभाग के साथ साथ आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं एवं आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रण और आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन l
Wednesday, March 30, 2016
भोपाल में उजाला योजना का शुभारंभ 4 अप्रैल को मुख्यमंत्री करेंगे
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Toc News
भोपाल. ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहित करने के लिए उजाला योजना लागू की गई है, इसके अंतर्गत उपभोक्ताओ को सस्ते दर पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराये जायेगे। इस योजना का शुभारंभ 4 अप्रैल को भोपाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे।
पूरे प्रदेश में तीन करोड़ 9 वाट एलईडी बल्ब के वितरण का लक्ष्य रख गया है। 9 वाट का एलईडी बल्ब 100 वाट के साधारण बल्ब के समान प्रकाश देगा,जिससे 91 प्रतिशत बिजली की बचत होगी। एलईडी बल्ब कम से कम 30 हजार घंटे काम करेगा इसकी तीन वर्ष तक रिस्प्लेसमेंट वारंटी है। इस गुणवत्ता का बल्ब पूरे देश में अभी तक के न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। पूरी कीमत देने पर बल्ब केवल 85 रूपये मे मिलेगा जबकि बाजार में इस गुणवत्ता के बल्ब की कीमत 300 रूपये से अधिक है। एलईडी बल्ब का विक्रय मप्र विद्युत मण्डल के समस्त कार्यालयों, डाक घर एवं अक्षय ऊर्जा के प्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाएगा।
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9 वाट का एलईडी बल्ब फ्लीपकार्ड पर 10 बल्ब 423 रूपये का मिल रहा है यही की एक बल्ब Oricum का 43 रुपये का मिल रहा है, सर्च करनाे पर पाया गया कि इसी वाट के एलईडी बल्ब करीब 50 रुपये के अंदर आन लाईन मिल रहे है
Toc News
भोपाल. ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहित करने के लिए उजाला योजना लागू की गई है, इसके अंतर्गत उपभोक्ताओ को सस्ते दर पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराये जायेगे। इस योजना का शुभारंभ 4 अप्रैल को भोपाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे।
पूरे प्रदेश में तीन करोड़ 9 वाट एलईडी बल्ब के वितरण का लक्ष्य रख गया है। 9 वाट का एलईडी बल्ब 100 वाट के साधारण बल्ब के समान प्रकाश देगा,जिससे 91 प्रतिशत बिजली की बचत होगी। एलईडी बल्ब कम से कम 30 हजार घंटे काम करेगा इसकी तीन वर्ष तक रिस्प्लेसमेंट वारंटी है। इस गुणवत्ता का बल्ब पूरे देश में अभी तक के न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। पूरी कीमत देने पर बल्ब केवल 85 रूपये मे मिलेगा जबकि बाजार में इस गुणवत्ता के बल्ब की कीमत 300 रूपये से अधिक है। एलईडी बल्ब का विक्रय मप्र विद्युत मण्डल के समस्त कार्यालयों, डाक घर एवं अक्षय ऊर्जा के प्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाएगा।
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9 वाट का एलईडी बल्ब फ्लीपकार्ड पर 10 बल्ब 423 रूपये का मिल रहा है यही की एक बल्ब Oricum का 43 रुपये का मिल रहा है, सर्च करनाे पर पाया गया कि इसी वाट के एलईडी बल्ब करीब 50 रुपये के अंदर आन लाईन मिल रहे है
भोपाल में उजाला योजना का शुभारंभ 4 अप्रैल को मुख्यमंत्री करेंगे
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Toc news
भोपाल. ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहित करने के लिए उजाला योजना लागू की गई है, इसके अंतर्गत उपभोक्ताओ को सस्ते दर पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराये जायेगे। इस योजना का शुभारंभ 4 अप्रैल को भोपाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे।
पूरे प्रदेश में तीन करोड़ 9 वाट एलईडी बल्ब के वितरण का लक्ष्य रख गया है। 9 वाट का एलईडी बल्ब 100 वाट के साधारण बल्ब के समान प्रकाश देगा,जिससे 91 प्रतिशत बिजली की बचत होगी। एलईडी बल्ब कम से कम 30 हजार घंटे काम करेगा इसकी तीन वर्ष तक रिस्प्लेसमेंट वारंटी है। इस गुणवत्ता का बल्ब पूरे देश में अभी तक के न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। पूरी कीमत देने पर बल्ब केवल 85 रूपये मे मिलेगा जबकि बाजार में इस गुणवत्ता के बल्ब की कीमत 300 रूपये से अधिक है। एलईडी बल्ब का विक्रय मप्र विद्युत मण्डल के समस्त कार्यालयों, डाक घर एवं अक्षय ऊर्जा के प्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाएगा।
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भोपाल. ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहित करने के लिए उजाला योजना लागू की गई है, इसके अंतर्गत उपभोक्ताओ को सस्ते दर पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराये जायेगे। इस योजना का शुभारंभ 4 अप्रैल को भोपाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे।
पूरे प्रदेश में तीन करोड़ 9 वाट एलईडी बल्ब के वितरण का लक्ष्य रख गया है। 9 वाट का एलईडी बल्ब 100 वाट के साधारण बल्ब के समान प्रकाश देगा,जिससे 91 प्रतिशत बिजली की बचत होगी। एलईडी बल्ब कम से कम 30 हजार घंटे काम करेगा इसकी तीन वर्ष तक रिस्प्लेसमेंट वारंटी है। इस गुणवत्ता का बल्ब पूरे देश में अभी तक के न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। पूरी कीमत देने पर बल्ब केवल 85 रूपये मे मिलेगा जबकि बाजार में इस गुणवत्ता के बल्ब की कीमत 300 रूपये से अधिक है। एलईडी बल्ब का विक्रय मप्र विद्युत मण्डल के समस्त कार्यालयों, डाक घर एवं अक्षय ऊर्जा के प्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाएगा।
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शिवराज की ससुराल CBI जांच की जद मैं
भोपाल। व्यापमं घोटाले में आज तेजी से चर्चा गर्म हो गई है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की ससुराल वाला गांव सीबीआई जांच की जद में आ गया है। यह जांच परिवहन भर्ती घोटाले के संदर्भ में है एवं 56 अभ्यर्थी संदिग्ध हैं। बताया जा रहा है कि सभी का कनेक्शन महाराष्ट्र के गोंदिया नामक स्थान से है जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ससुरालबताया जाता है।
संभव है यह इत्तेफाक हो,
परंतु जब गोंदिया का नाम आ गयाहै तो शिवराज के दामन पर दाग लगना तय है। परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि सीबीआई ने जो भी दस्तावेज मांगे थे, सभी उपलब्ध करा दिए गए हैं। उधर सीबीआई के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि रिकाॅर्ड मिल गया है। हालांकि सीबीआई प्रवक्ता देवप्रीत सिंह का कहना है कि इस मामले में सीबीआई एसटीएफ से मिली जानकारी के अलावा दस्तावेजों की पड़ताल से भी नए सुराग जुटाने की कोशिश कर रही है। जांच से जुड़ी चीजें बता पाना अभी संभव नहीं है.
20 लाख में तय हुआ था सिलेक्शन
एसटीएफ ने 13 अक्टूबर 2014 को परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा मेंगड़बड़ी की एफआईआर दर्ज की थी। 12 अगस्त 2012 को व्यापमं ने परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। 198 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में पास होने के लिए कई उम्मीदवारों का 20-20 लाख रुपएमें सौदा तय हुआ था। मामले में एसटीएफ ने उम्मीदवारों व व्यापमं अधिकारियों सहित 34 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जुलाई में सीबीआई को यह जांच सौंपी गई। इसके बाद सीबीआई ने व्यापमं से परीक्षा का रिकाॅर्ड जब्त किया। हालांकि पिछले कुछ दिनों से ही इस मामले में सीबीआई ने जांच तेज की है।
क्या सारे लोग एक ही इलाके के हैं...?
सीबीआई की शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि गलत तरीके से भर्ती होने वाले ज्यादातर उम्मीदवार महाराष्ट्र के किसी एक ही जिले से ताल्लुक रखते हैं। इस जिले से सरकार से जुड़े बड़े नामों का गहरा रिश्ता है। एसटीएफ की जांच के दौरान कांग्रेसी विधायकों ने इस संबंध में विधानसभा में भी आरोप लगाए हैं। आरोपी उम्मीदवारों ने मूल निवास प्रमाण पत्र गलत इसलिए लगाया ताकि उनके सिलेक्शन पर किसी तरह सवाल न उठाए जा सके।
अदालत के आदेश का पालन करे राय
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने को उस समय नाराजगी जताई जब वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने निवेशकों का धन नहीं लौटाने पर सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल भेजे जाने के न्यायालय के अधिकार पर ही सवाल उठा दिया और सिब्बल से तथ्यों और कानून के आधार पर जिरह करने को कहा।
मुख्य न्यायधीश टी.एस. ठाकुर ने सिब्बल से कहा, ‘‘आप इस अदालत के आदेश पर जेल में हैं। यह आदेश सही या गलत हो सकता है। हम इस आदेश की अपील की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। केवल एक ही रास्ता है जिससे वह (रॉय) बाहर आ सकते हैं कि वह अदालत के आदेश का पालन करे।’’सिब्बल सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की तरफ से न्यायालय में पेश हुये थे। उच्चतम न्यायालय की तरफ से यह टिप्पणी उस समय की गई जब सिब्बल ने शीर्ष अदालत की शक्तियों को लेकर सवाल उठाया और कहा, ‘‘कानून और सचाई सहारा की तरफ हैं। दुनिया में कहीं भी इस तरह व्यक्ति को जेल में नहीं रखा जाता। किस अधिकारक्षेत्र के तहत उन्हें :अदालत को: मुझे जेल भेजने का अधिकार मिला है। सेबी की अवमानना याचिका पर अभी फैसला होना बाकी है।’’
सिब्बल के इस सवाल पर पीठ ने कहा, ‘‘हमने कई वकीलों को इस विषय पर सुना है। वकील आये और चले गये। हमने आपको कभी भी कानूनी जिरह करने से नहीं रोका है लेकिन आप तथ्यों पर जिरह कीजिये। हमें भाषण मत दीजिये। दुनिया में कहीं भी कोई व्यक्ति यह नहीं कहता कि मेरे पास 1,87,000 करोड़ रुपए की संपत्ति है। मैं कभी भी भुगतान कर सकता हूं लेकिन 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं कर सकता।’’
सिब्बल ने इसके बाद अदालत से कहा कि सहारा समूह संपत्ति बेचने में मुश्किलों का सामना कर रहा है। बाजार की हालत ठीक नहीं है और संपत्ति के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम आपको प्राप्तकर्ता नियुक्त करने पर सुनेंगे। आप बेचने में असमर्थ हैं। तो फिर रिसीवर: नियुक्त करना ही इसका समाधान है। उन्हें बेचो और जो धन आता है वह आने दो।’’
सिब्बल ने जब सुब्रत रॉय को संचार और अन्य सुविधाायें उपलब्ध कराने को कहा तो तुरंत अदालत ने कहा ‘‘किस लिये? आपने कहा कि बाजार की हालत ठीक नहीं है, कोई खरीदार नहीं मिल रहा है।’’
मुख्य न्यायधीश टी.एस. ठाकुर ने सिब्बल से कहा, ‘‘आप इस अदालत के आदेश पर जेल में हैं। यह आदेश सही या गलत हो सकता है। हम इस आदेश की अपील की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। केवल एक ही रास्ता है जिससे वह (रॉय) बाहर आ सकते हैं कि वह अदालत के आदेश का पालन करे।’’सिब्बल सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की तरफ से न्यायालय में पेश हुये थे। उच्चतम न्यायालय की तरफ से यह टिप्पणी उस समय की गई जब सिब्बल ने शीर्ष अदालत की शक्तियों को लेकर सवाल उठाया और कहा, ‘‘कानून और सचाई सहारा की तरफ हैं। दुनिया में कहीं भी इस तरह व्यक्ति को जेल में नहीं रखा जाता। किस अधिकारक्षेत्र के तहत उन्हें :अदालत को: मुझे जेल भेजने का अधिकार मिला है। सेबी की अवमानना याचिका पर अभी फैसला होना बाकी है।’’
सिब्बल के इस सवाल पर पीठ ने कहा, ‘‘हमने कई वकीलों को इस विषय पर सुना है। वकील आये और चले गये। हमने आपको कभी भी कानूनी जिरह करने से नहीं रोका है लेकिन आप तथ्यों पर जिरह कीजिये। हमें भाषण मत दीजिये। दुनिया में कहीं भी कोई व्यक्ति यह नहीं कहता कि मेरे पास 1,87,000 करोड़ रुपए की संपत्ति है। मैं कभी भी भुगतान कर सकता हूं लेकिन 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं कर सकता।’’
सिब्बल ने इसके बाद अदालत से कहा कि सहारा समूह संपत्ति बेचने में मुश्किलों का सामना कर रहा है। बाजार की हालत ठीक नहीं है और संपत्ति के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम आपको प्राप्तकर्ता नियुक्त करने पर सुनेंगे। आप बेचने में असमर्थ हैं। तो फिर रिसीवर: नियुक्त करना ही इसका समाधान है। उन्हें बेचो और जो धन आता है वह आने दो।’’
सिब्बल ने जब सुब्रत रॉय को संचार और अन्य सुविधाायें उपलब्ध कराने को कहा तो तुरंत अदालत ने कहा ‘‘किस लिये? आपने कहा कि बाजार की हालत ठीक नहीं है, कोई खरीदार नहीं मिल रहा है।’’
शर्मनाक : जब बहन ने कहा मुझे गिरवी रख लो, तब मिला नेशनल खिलाड़ी का शव
Present by - Toc News
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से आ रही एक खबर डॉक्टरी पेशे को शर्मसार करने वाली तो है ही,देश के लिए भी सर झुकने वाली ही बात है। आ रही खबरों के अनुसार तीरंदाजी में देश का नाम रोशन करने वाली राष्ट्रीय खिलाड़ी शांति धांधी की मौत के बाद उसका शव अपोलो अस्पताल के मैनेजमेंट ने सिर्फ इसलिए देने से मना कर दिया, क्योंकि उसका 2 लाख रुपये का बिल बकाया था। नौबत यहां तक आ गई खिलाड़ी की बहन को खुद को गिरवी रखने की पेशकश करनी पड़ी
प्राप्त जानकारी के अनुसार शांति धांधी की लीवर फेल होने के कारण अपोलो अस्पताल में मौत हो ई थी। जिसका शव लेने के लिए अस्पताल प्रबंधन परिवार को 2 लाख रूपये का बिल थमाया। खिलाड़ी के परिवार ने असमर्थता जताई तो अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने तीरंदाजी की राष्ट्रीय खिलाड़ी का शव देने से मना कर दिया।
परिवार द्वारा कई मिन्नतें करने के बाद भी जब प्रबंधन नहीं माना तो मृतका की बहन ने डॉक्टरों के सामने रोते हुये कहा कि पैसे के बदले में जब तक चाहो, मुझे रख लो, मुझे गिरवी रख लो, मुझसे जो काम चाहो करवा लो लेकिन मेरी बहन की शव दे दो। उसे यहां पर बंधक मत बनाओ। हमारे पास पैसा नहीं है। हमारा तो सब कुछ इलाज में लुट चुका है। इसके बाद प्रबंधन ने रकम जमा करने की बात लिखित में लेकर शव परिजनों को सौंपा।
कैसे हुई मौत खिलाडी की
बताया जा रहा है कि कोरबा के मुड़ापार के रहने वाली 18 साल की शांति धांधी का लीवर फेल हो गया था। एसईसीएल कोरबा अस्पताल से उसे 14 मार्च को अपोलो रेफर किया गया। 14 मार्च से उसका इलाज अपोलो में चल रहा था। शनिवार की रात करीब एक बजे उसकी मौत हो गई। इलाज के दौरान उसकी बहन सावित्री धांधी और पड़ोस में रहने वाला उसका भाई कैलाश साहू साथ थे।
क्या है मामला?
जब उन्हें मौत का पता चला तो उन्होंने रात में ही परिजनों को सूचना दे दी। अपोलो प्रबंधन ने परिजनों से बिल का हिसाब करने के लिए कहा। सावित्री और कैलाश बिल पूछने के लिए पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि 2 लाख 19 हजार रुपए और जमा करना है। इस पर परिजनों ने कहा वे उतना पैसा नहीं दे सकते।
बिल क्लीयरेंस नहीं होने पर प्रबंधन ने शव को मरच्युरी में भिजवा दिया. दोनों भाई-बहन ने रविवार सुबह तक अलग-अलग जगहों से पैसे का इंतजाम करने की कोशिश की, लेकिन हो न सका। इसके बाद बहन ने जब खुद को गिरवी रखने की बात कही जा प्रबंधन ने शव सौंपा गया। वहीं भाई कैलाश का आरोप है कि अपोलो में इलाज नहीं होने के बाद भी जबरिया मरीज को वहां पर रखकर बिल बढ़ाया जा रहा था।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से आ रही एक खबर डॉक्टरी पेशे को शर्मसार करने वाली तो है ही,देश के लिए भी सर झुकने वाली ही बात है। आ रही खबरों के अनुसार तीरंदाजी में देश का नाम रोशन करने वाली राष्ट्रीय खिलाड़ी शांति धांधी की मौत के बाद उसका शव अपोलो अस्पताल के मैनेजमेंट ने सिर्फ इसलिए देने से मना कर दिया, क्योंकि उसका 2 लाख रुपये का बिल बकाया था। नौबत यहां तक आ गई खिलाड़ी की बहन को खुद को गिरवी रखने की पेशकश करनी पड़ी
प्राप्त जानकारी के अनुसार शांति धांधी की लीवर फेल होने के कारण अपोलो अस्पताल में मौत हो ई थी। जिसका शव लेने के लिए अस्पताल प्रबंधन परिवार को 2 लाख रूपये का बिल थमाया। खिलाड़ी के परिवार ने असमर्थता जताई तो अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने तीरंदाजी की राष्ट्रीय खिलाड़ी का शव देने से मना कर दिया।
परिवार द्वारा कई मिन्नतें करने के बाद भी जब प्रबंधन नहीं माना तो मृतका की बहन ने डॉक्टरों के सामने रोते हुये कहा कि पैसे के बदले में जब तक चाहो, मुझे रख लो, मुझे गिरवी रख लो, मुझसे जो काम चाहो करवा लो लेकिन मेरी बहन की शव दे दो। उसे यहां पर बंधक मत बनाओ। हमारे पास पैसा नहीं है। हमारा तो सब कुछ इलाज में लुट चुका है। इसके बाद प्रबंधन ने रकम जमा करने की बात लिखित में लेकर शव परिजनों को सौंपा।
कैसे हुई मौत खिलाडी की
बताया जा रहा है कि कोरबा के मुड़ापार के रहने वाली 18 साल की शांति धांधी का लीवर फेल हो गया था। एसईसीएल कोरबा अस्पताल से उसे 14 मार्च को अपोलो रेफर किया गया। 14 मार्च से उसका इलाज अपोलो में चल रहा था। शनिवार की रात करीब एक बजे उसकी मौत हो गई। इलाज के दौरान उसकी बहन सावित्री धांधी और पड़ोस में रहने वाला उसका भाई कैलाश साहू साथ थे।
क्या है मामला?
जब उन्हें मौत का पता चला तो उन्होंने रात में ही परिजनों को सूचना दे दी। अपोलो प्रबंधन ने परिजनों से बिल का हिसाब करने के लिए कहा। सावित्री और कैलाश बिल पूछने के लिए पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि 2 लाख 19 हजार रुपए और जमा करना है। इस पर परिजनों ने कहा वे उतना पैसा नहीं दे सकते।
बिल क्लीयरेंस नहीं होने पर प्रबंधन ने शव को मरच्युरी में भिजवा दिया. दोनों भाई-बहन ने रविवार सुबह तक अलग-अलग जगहों से पैसे का इंतजाम करने की कोशिश की, लेकिन हो न सका। इसके बाद बहन ने जब खुद को गिरवी रखने की बात कही जा प्रबंधन ने शव सौंपा गया। वहीं भाई कैलाश का आरोप है कि अपोलो में इलाज नहीं होने के बाद भी जबरिया मरीज को वहां पर रखकर बिल बढ़ाया जा रहा था।
हरीश रावत ही रहेंगे मुख्यमंत्री!
Toc News
29 मार्च 2016 को हरीश रावत की याचिका पर उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने एक अहम् फैसला देते हुवे 31 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए। साथ ही माननीय कोर्ट ने 9 बागियों को भी बहुमत परिक्षण में भाग लेने के निर्देश दिये। परन्तु 9 बागियों के वोट को अलग रखने को भी कहा गया। विधानसभा में हाई कोर्ट का ऑब्जर्वर भी रहेगा मौजूद। 04 अप्रैल 2016 को अगली सुनवाई होगी।
इससे पूर्व 18 मार्च 2016 को उत्तराखण्ड विधानसभा में हुई उठापठक और कोंग्रेस के 09 बागी और 26 बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल को हस्ताक्षर कर हरीश रावत सरकार को अल्पमत में बताते हुवे भंग करने की मांग की। उसके बाद उत्तराखण्ड के राज्यपाल ने हरीश रावत को 28 मार्च को बहुमत साबित करने का समय दिया। परन्तु बहुमत साबित करने से 1 दिन पूर्व ही केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया और उसी दिन उत्तराखण्ड विधानसभा के स्पीकर ने 09 कांग्रेसी बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
इससे कुछ प्रमुख बातें जो अब तक समझ आयी -
1) राष्ट्रपति शासन स्थगित।
2) हरीश रावत आज भी मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड हैं।
3) बागियों के वोट अलग रखे जायेंगे तो 61 वोटों में हरीश रावत के पास बहुमत।
4) अगर 09 बागी सदन में कांग्रेस के खिलाफ वोट देते हैं तो उनकी सदस्य्ता ख़त्म हो जायेगी क्योंकि कोर्ट में मामला विचाराधीन है।
5) अगर 09 बागी सदन में अनुपस्थित रहते हैं तो भी हरीश सरकार।
6) अगर 09 बागी सदन में वोट नहीं देते है तो शायद सदस्यता बच सकती है, परन्तु हरीश सरकार ही रहेगी।
29 मार्च 2016 को हरीश रावत की याचिका पर उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने एक अहम् फैसला देते हुवे 31 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए। साथ ही माननीय कोर्ट ने 9 बागियों को भी बहुमत परिक्षण में भाग लेने के निर्देश दिये। परन्तु 9 बागियों के वोट को अलग रखने को भी कहा गया। विधानसभा में हाई कोर्ट का ऑब्जर्वर भी रहेगा मौजूद। 04 अप्रैल 2016 को अगली सुनवाई होगी।
इससे पूर्व 18 मार्च 2016 को उत्तराखण्ड विधानसभा में हुई उठापठक और कोंग्रेस के 09 बागी और 26 बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल को हस्ताक्षर कर हरीश रावत सरकार को अल्पमत में बताते हुवे भंग करने की मांग की। उसके बाद उत्तराखण्ड के राज्यपाल ने हरीश रावत को 28 मार्च को बहुमत साबित करने का समय दिया। परन्तु बहुमत साबित करने से 1 दिन पूर्व ही केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया और उसी दिन उत्तराखण्ड विधानसभा के स्पीकर ने 09 कांग्रेसी बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
इससे कुछ प्रमुख बातें जो अब तक समझ आयी -
1) राष्ट्रपति शासन स्थगित।
2) हरीश रावत आज भी मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड हैं।
3) बागियों के वोट अलग रखे जायेंगे तो 61 वोटों में हरीश रावत के पास बहुमत।
4) अगर 09 बागी सदन में कांग्रेस के खिलाफ वोट देते हैं तो उनकी सदस्य्ता ख़त्म हो जायेगी क्योंकि कोर्ट में मामला विचाराधीन है।
5) अगर 09 बागी सदन में अनुपस्थित रहते हैं तो भी हरीश सरकार।
6) अगर 09 बागी सदन में वोट नहीं देते है तो शायद सदस्यता बच सकती है, परन्तु हरीश सरकार ही रहेगी।
एक लाख रूपए की रिश्वत लेते नगर पंचायत सीएमओ रंगे हाथों धराया
Toc News
मध्य प्रदेश लोकायुक्त ने बुधवार को भ्रष्ट सीएमओ को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया हैं। शहडोल जिले के ब्यौहारी में नगर पंचायत के मुख्य अधिकारी महेन्द्र मिश्रा को लोकायुक्त की टीम ने एक लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हथों गिरफ्तार किया। मिश्रा ने यह पैसे एक स्टेशनरी सप्लायर का बिल पास करने के एवज में मांगे थे।
जानकारी अनुसार स्टेशनरी दुकान संचालक विनय गुप्ता नगर परिषद में स्टेशनरी सप्लाई करता है। अधिकारी को सप्लायर के दो लाख 90 हजार रुपयों के बिलों का भुगतान करना था। इन्ही बिलों के भुगतान के बदले में सीएमओ मिश्रा ने विनय से एक लाख रूपए रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत स्टेशनरी संचालक ने लोकायुक्त रीवा से कर दी थी। जांच करने पर शिकायत सही मिली। जिसके बाद लोकायुक्त ने सीएमओ को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई। जिसके तहत बुधवार को स्टेशनी संचालक सौदे की रकम देने सीएमओ के पास पहुंचा। जैसे ही सीएमओ ने पैसे लिए लोकायुक्त की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से दस हजार रुपए नगद और 90 हजार रुपए का चेक बरामद कर लिया गया। आगे की कार्रवाई जारी हैं..
मध्य प्रदेश लोकायुक्त ने बुधवार को भ्रष्ट सीएमओ को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया हैं। शहडोल जिले के ब्यौहारी में नगर पंचायत के मुख्य अधिकारी महेन्द्र मिश्रा को लोकायुक्त की टीम ने एक लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हथों गिरफ्तार किया। मिश्रा ने यह पैसे एक स्टेशनरी सप्लायर का बिल पास करने के एवज में मांगे थे।
जानकारी अनुसार स्टेशनरी दुकान संचालक विनय गुप्ता नगर परिषद में स्टेशनरी सप्लाई करता है। अधिकारी को सप्लायर के दो लाख 90 हजार रुपयों के बिलों का भुगतान करना था। इन्ही बिलों के भुगतान के बदले में सीएमओ मिश्रा ने विनय से एक लाख रूपए रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत स्टेशनरी संचालक ने लोकायुक्त रीवा से कर दी थी। जांच करने पर शिकायत सही मिली। जिसके बाद लोकायुक्त ने सीएमओ को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई। जिसके तहत बुधवार को स्टेशनी संचालक सौदे की रकम देने सीएमओ के पास पहुंचा। जैसे ही सीएमओ ने पैसे लिए लोकायुक्त की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से दस हजार रुपए नगद और 90 हजार रुपए का चेक बरामद कर लिया गया। आगे की कार्रवाई जारी हैं..
मध्यप्रदेश: एक अप्रैल से 10 फीसदी चुकाना होगा टोल।।
Toc news
भोपाल। अगर आप निजी वाहन से किसी दूसरे शहर जा रहे हैं तो आपको टोल नाकों पर नए वित्त वर्ष यानि एक अप्रैल से 3 से 10 फीसदी तक ज्यादा टोल टैक्स चुकाना होगा। इसमें सबसे ज्यादा टोल बहुउपयोगी वाहन पर बढ़ाया गया है। इस संबंध में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
निगम ने संबंधित सभी जिलों और टोल मालिकों को इसके निर्देश भेज दिए हैं। नए टोल रेट के कारण प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी जाना भी महंगा हो जाएगा। होशंगाबाद-पिपरिया-पचमढ़ी रोड पर टोल टैक्स में वृद्धि की गई है। इंदौर-देवास रोड पर टोल बढऩे से भोपाल से सिंहस्थ जाना महंगा होगा। इसमें देवास बायपास के पहले सोनकच्छ वाला टोल नाका शामिल नहीं किया है। हालांकि देवास-उज्जैन और इंदौर-उज्जैन रोड को टोल वृद्धि से मुक्त रखा गया है। मुख्यत: टैक्स बढ़ोत्तरी का असर करीब सोलह टोल नाकों पर पड़ा है। इसमें पांच श्रेणियों में कार, जीप, हल्के कमर्शियल वाहन, लोड-खाली बस, लोड-खाली ट्रक और मल्टी उपयोग वाहन पर टोल टैक्स बढ़ाया गया है।
प्रमुख वाहनों पर टोल टैक्स यू बढ़ा (राशि रुपए में)
भोपाल-देवास मार्ग
कार,हल्के वाहन,बस,ट्रक मल्टी वाहन,
पहले 43 104 216 129 517
अब 47 111 231 177 553
(सोनकच्छ वाला टोल शामिल नहीं)
इंदौर-पेटलावद मार्ग
पहले 78 188 391 468 938
अब 83 201 418 501 1004
उज्जैन-झालावड़ मार्ग
पहले 80 193 403 484 966
अब 86 207 431 517 1034
रीवा-शहडोल-उमरिया मार्ग
पहले 99 239 432 596 1193
107 256 497 638 1277
होशंगाबाद-पिपरिया-पचमढ़ी मार्ग
पहले 76 183 382 489 916
अब 81 196 408 558 980
देवास-उज्जैन-बदनावर मार्ग
पहले 59 142 296 355 770
अब 63 152 317 380 780
इन सड़कों पर बढ़ा टोल
-इंदौर-पेटलावद रोड
-उज्जैन-झालावड़ रोड
-रीवा-शहडोल-अमरकंटक रोड
-सतना-मैहर-उमरिया रोड
-होशंगाबाद-पिपरिया-पचमढ़ी रोड
-जबलपुर-नरसिंहगढ़-पिपरिया रोड
– रायसेन-राहतगढ़ रोड
-देवास-उज्जैन-बदनावर रोड
– सिवनी-बालाघाट-गोदिया
-भोपाल-देवास रोड
-मंदसौर-सीतामऊ रोड
– चांदपुर-अलीराजपुर-कुक्षी-बड़वानी रोड
– लेबाड़-जौरा रोड
-मटकुली-तामिया-छिंदवाड़ा
-जौरा-नयागांव रोड
भोपाल। अगर आप निजी वाहन से किसी दूसरे शहर जा रहे हैं तो आपको टोल नाकों पर नए वित्त वर्ष यानि एक अप्रैल से 3 से 10 फीसदी तक ज्यादा टोल टैक्स चुकाना होगा। इसमें सबसे ज्यादा टोल बहुउपयोगी वाहन पर बढ़ाया गया है। इस संबंध में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
निगम ने संबंधित सभी जिलों और टोल मालिकों को इसके निर्देश भेज दिए हैं। नए टोल रेट के कारण प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी जाना भी महंगा हो जाएगा। होशंगाबाद-पिपरिया-पचमढ़ी रोड पर टोल टैक्स में वृद्धि की गई है। इंदौर-देवास रोड पर टोल बढऩे से भोपाल से सिंहस्थ जाना महंगा होगा। इसमें देवास बायपास के पहले सोनकच्छ वाला टोल नाका शामिल नहीं किया है। हालांकि देवास-उज्जैन और इंदौर-उज्जैन रोड को टोल वृद्धि से मुक्त रखा गया है। मुख्यत: टैक्स बढ़ोत्तरी का असर करीब सोलह टोल नाकों पर पड़ा है। इसमें पांच श्रेणियों में कार, जीप, हल्के कमर्शियल वाहन, लोड-खाली बस, लोड-खाली ट्रक और मल्टी उपयोग वाहन पर टोल टैक्स बढ़ाया गया है।
प्रमुख वाहनों पर टोल टैक्स यू बढ़ा (राशि रुपए में)
भोपाल-देवास मार्ग
कार,हल्के वाहन,बस,ट्रक मल्टी वाहन,
पहले 43 104 216 129 517
अब 47 111 231 177 553
(सोनकच्छ वाला टोल शामिल नहीं)
इंदौर-पेटलावद मार्ग
पहले 78 188 391 468 938
अब 83 201 418 501 1004
उज्जैन-झालावड़ मार्ग
पहले 80 193 403 484 966
अब 86 207 431 517 1034
रीवा-शहडोल-उमरिया मार्ग
पहले 99 239 432 596 1193
107 256 497 638 1277
होशंगाबाद-पिपरिया-पचमढ़ी मार्ग
पहले 76 183 382 489 916
अब 81 196 408 558 980
देवास-उज्जैन-बदनावर मार्ग
पहले 59 142 296 355 770
अब 63 152 317 380 780
इन सड़कों पर बढ़ा टोल
-इंदौर-पेटलावद रोड
-उज्जैन-झालावड़ रोड
-रीवा-शहडोल-अमरकंटक रोड
-सतना-मैहर-उमरिया रोड
-होशंगाबाद-पिपरिया-पचमढ़ी रोड
-जबलपुर-नरसिंहगढ़-पिपरिया रोड
– रायसेन-राहतगढ़ रोड
-देवास-उज्जैन-बदनावर रोड
– सिवनी-बालाघाट-गोदिया
-भोपाल-देवास रोड
-मंदसौर-सीतामऊ रोड
– चांदपुर-अलीराजपुर-कुक्षी-बड़वानी रोड
– लेबाड़-जौरा रोड
-मटकुली-तामिया-छिंदवाड़ा
-जौरा-नयागांव रोड
शिप्रा भू-गर्भ जल से स्नान को लेकर साधुओं में आक्रोश
अवधेश पुरोहित // toc news
भोपाल । ज्यों ज्यों सिंहस्थ करीब आता जा रहा है त्यों-त्यों साधु-संतों में शिप्रा भू-गर्भजल से सिंहस्थ में साधु-संतों में स्नान कराने की मांग को लेकर आक्रोश पनपता जा रहा है स्थिति यह है कि इसकी मांग को लेकर संत गणेश प्रसाद जी महाराज अनशन पर बैठ गए हालांकि इसके पहले भी वह इस मुद्दे को लेकर उज्जैन से भोपाल और भोपाल से दिल्ली तक सत्याग्रह कर चुके हैं, लेकिन बार-बार आश्वासन देने के बावजूद भी इस समस्या का स्थाई समाधान अभी तक नहीं निकल पाया। यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा शिप्रा के जल की स्थिति को देखते हुए इसक ा एक समाधान निकाला था और शिप्रा में नर्मदा को मिलाने के उद्देश्य से नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना के द्वारा शिप्रा में नर्मदा मिलाकर पर्याप्त जल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई थी लेकिन साधु हैं यह मानने को तैयार नहीं हैं कि वह शिप्रा में मिले नर्मदा जल से स्नान करेंगे हालांकि इस मुद्दे को लेकर तत्काली न सिंहस्थ के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के कार्यकाल के दौरान साधु-संतों ने इसका विरोध किया था तो उस समय विजयगर्वीय ने साधु-संतों को यह आश्वासन देकर शांत कर दिया था कि शिप्रा को जीवित रखने के लिये शिप्रा में कुएं खोदे जाएंगे उससे इस समस्या का हल हो जाएगा लेकिन विजयवर्गीय हट गए तो उनके साथ ही उनका यह आश्वासन की ओर प्रशासन में बैठे अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया, शिप्रा अनुष्ठान से जुड़े लोगों का यह मानना है कि नर्मदा का पानी लाकर शिप्रा के अस्तित्व को समाप्त करने की साजिश है, जबकि पर्यावरणविद् राजेन्द्र सिंह भी इस मामले को लेकर यह कह चुके हैं कि नदियों के संरक्षण के लिये नदियों में कुएं खोदे जाएं उन्होंने शिप्रा के उद्गम स्थल से लेकर उज्जैन तक नदी में कुए खोदकर शिप्रा जल संरक्षण का सुझाव दिया था लेकिन उनके इस सुझाव को भी शासन ने दरकिनार कर दिया और इसको लेकर कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई स्थिति यह है कि ज्यों-ज्यों सिंहस्थ करीब आता जा रहा है त्यों-त्यों साधुओं की यह मांग जोर पकड़ रही है कि शिप्रा भू-गर्भ जल से सिंहस्थ में साधु-संतों को स्नान कराने की व्यवस्था की जाए। यह उल्लेखनीय है कि नागा साधुओं द्वारा नर्मदा को लांघने तक की प्रथा नहीं है तो वह राज्य शासन द्वारा नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना के द्वारा लाये गये नर्मदा का जो पानी शिप्रा में मिलाया जा रहा है उससे कैसे स्नान करेंगे, देखना अब यह है कि शिप्रा जल में स्नान कराने को लेकर जहां साधु-संत अड़े हुए हैं तो वहीं शासन और प्रशासन के पास उन्हें हर बार आश्वासन दिया जा रहा है। अब इस समस्या का हल कब तक निकलता है इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।
भोपाल । ज्यों ज्यों सिंहस्थ करीब आता जा रहा है त्यों-त्यों साधु-संतों में शिप्रा भू-गर्भजल से सिंहस्थ में साधु-संतों में स्नान कराने की मांग को लेकर आक्रोश पनपता जा रहा है स्थिति यह है कि इसकी मांग को लेकर संत गणेश प्रसाद जी महाराज अनशन पर बैठ गए हालांकि इसके पहले भी वह इस मुद्दे को लेकर उज्जैन से भोपाल और भोपाल से दिल्ली तक सत्याग्रह कर चुके हैं, लेकिन बार-बार आश्वासन देने के बावजूद भी इस समस्या का स्थाई समाधान अभी तक नहीं निकल पाया। यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा शिप्रा के जल की स्थिति को देखते हुए इसक ा एक समाधान निकाला था और शिप्रा में नर्मदा को मिलाने के उद्देश्य से नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना के द्वारा शिप्रा में नर्मदा मिलाकर पर्याप्त जल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई थी लेकिन साधु हैं यह मानने को तैयार नहीं हैं कि वह शिप्रा में मिले नर्मदा जल से स्नान करेंगे हालांकि इस मुद्दे को लेकर तत्काली न सिंहस्थ के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के कार्यकाल के दौरान साधु-संतों ने इसका विरोध किया था तो उस समय विजयगर्वीय ने साधु-संतों को यह आश्वासन देकर शांत कर दिया था कि शिप्रा को जीवित रखने के लिये शिप्रा में कुएं खोदे जाएंगे उससे इस समस्या का हल हो जाएगा लेकिन विजयवर्गीय हट गए तो उनके साथ ही उनका यह आश्वासन की ओर प्रशासन में बैठे अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया, शिप्रा अनुष्ठान से जुड़े लोगों का यह मानना है कि नर्मदा का पानी लाकर शिप्रा के अस्तित्व को समाप्त करने की साजिश है, जबकि पर्यावरणविद् राजेन्द्र सिंह भी इस मामले को लेकर यह कह चुके हैं कि नदियों के संरक्षण के लिये नदियों में कुएं खोदे जाएं उन्होंने शिप्रा के उद्गम स्थल से लेकर उज्जैन तक नदी में कुए खोदकर शिप्रा जल संरक्षण का सुझाव दिया था लेकिन उनके इस सुझाव को भी शासन ने दरकिनार कर दिया और इसको लेकर कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई स्थिति यह है कि ज्यों-ज्यों सिंहस्थ करीब आता जा रहा है त्यों-त्यों साधुओं की यह मांग जोर पकड़ रही है कि शिप्रा भू-गर्भ जल से सिंहस्थ में साधु-संतों को स्नान कराने की व्यवस्था की जाए। यह उल्लेखनीय है कि नागा साधुओं द्वारा नर्मदा को लांघने तक की प्रथा नहीं है तो वह राज्य शासन द्वारा नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना के द्वारा लाये गये नर्मदा का जो पानी शिप्रा में मिलाया जा रहा है उससे कैसे स्नान करेंगे, देखना अब यह है कि शिप्रा जल में स्नान कराने को लेकर जहां साधु-संत अड़े हुए हैं तो वहीं शासन और प्रशासन के पास उन्हें हर बार आश्वासन दिया जा रहा है। अब इस समस्या का हल कब तक निकलता है इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।
Monday, March 28, 2016
औबेदुल्लागंज : मृदुला सिंह व पुत्री प्रतीक्षा सिंह की हत्यारा गिरफ्तार
भोपाल- (रायसेन) // toc news
थाना औबेदुल्लागंज में 24.03.2016 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेन्द्र सिंह की पत्नि मृदुला सिंह व बेटी प्रतीक्षा सिंह उर्फ लवली के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर सफलता प्राप्त की।
पुलिस को दिनांक 24,03,2016 को सूचना प्राप्त हुई कि वार्ड नं.14 औबेदुल्लागंज में रहने वाले भूपेन्द्र सिंह के घर में घुस कर अज्ञात हत्यारो ने उनकी पत्नि मृदुला सिंह व पुत्री प्रतीक्षा सिंह की हत्या कर दी है। उस समय भूपेन्द्र सिंह सीएमओ कार्यालय गये हुये थे। छोटी बेटी प्रतिभा उर्फ स्वीटी भोपाल कोचिंग गयी थी। बेटा देवेन्द्र सिंह व्यवसाय के कार्य से बाहर गया था। घर पर पत्नि मृदुला सिंह व बड़ी बेटी प्रतीक्षा सिंह घर पर अकेली थी। छोटी पुत्री प्रतीभा सिंह दोपहर करीब 03.00 बजे जब कोचिंग से घर आई एवं उसी समय उसका भाई देवेन्द्र सिंह भी आया बोला कि बाहर क्यो बैठी हो तो बताया कि दीदी व माँ काफी देर से चेनल गेट नहीं खोल रही है, हो सकता है कि माँ व दीदी चाचा के घर समरधा चली गयी हो। मैंने पापा जी को फोन किया है जो चाबी भिजवा रहे है। इसी बीच भाई वापस अपने दोस्त के साथ चला गया।
चाबी आने के बाद जैसे प्रतिभा गेट खोल कर घर के अन्दर दाखिल हुई तो देखा कि उसकी माँ मृदुला व बड़ी बहन प्रतीक्षा जमीन पर खून से लथपथ उसके कमरे में पड़ी है। तत्काल उसने अपने पिता भूपेन्द्र व भाई देवेन्द्र को मोबाईल लगा कर सूचना दी तथा बाहर निकल कर आस.पड़ोस वालो को खबर की घायल मृदुला सिंह को उठा कर उसके परिजन अस्पताल औबेदुल्लागंज ले गये जहां से डॉ् साहब ने इलाज हेतु भोपाल रिफर किया परन्तु मृदुला सिंह को गम्भीर रूप से घायल होने के कारण रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी।
घटना की सूचना मिलते ही औबेदुल्लागंज पुलिस तत्काल घटना स्थल पर पहुंची । प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस महानिरीक्षक होशंगाबाद जोन श्री एसण्केण् सक्सेना व पुलिस अधीक्षक दीपक वर्मा दवारा उसी दिन घटना स्थल का निरीक्षण किया गया तथा विवेचना संबंधी आवश्यक निर्देश दिये गये। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस महानिरीक्षक होशंगाबाद के द्वारा 25000 रु. के ईनाम की आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु घोषणा की गयी। पुलिस अधीक्षक रायसेन श्री दीपक वर्मा के व्दारा अतिण् पुलिस अधीक्षक रायसेन श्री रामसनेही मिश्रा के नेतृत्व में 06 पुलिस टीमो का गठन किया गया जिन्होने एफएसएल की पार्टी के सहयोग से प्रकरण के हर बिन्दु पर जांच शुरू की व सूत्र दर सूत्र जोड़ते हुये आरोपी नवीन तत्तपाल पिता भगवत सिंह तत्तपाल 23 वर्ष वार्ड नं 02 महवीर कालोनी को 48 घण्टो के भीतर गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
आरोपी से पूछताछ में निम्न कहानी सामने आयी, आरोपी नवीन तत्तपाल जो मृतिका प्रतीक्षा सिंह के साथ ही पढ़ता था तथा विगत 06 वर्षो से उसको जानता थाए उसकी उससे अच्छी मित्रता भी थीए तथा दोनो अच्छे घनिष्ठ दोस्त बन गये थेए व लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से भी सम्पर्क में रहते थे। आरोपी मृतिका से एक तरफा प्यार करने लगा थाए इसी बीच मृतिका के परिजनो को पता चला तो आरोपी नवीन तत्तपाल को समझाने का प्रयास किया परन्तु वह नही माना और लगातार मृतिका का पीछा करने लगा मृतिका प्रतीक्षा ने भी नवीन तत्तपाल से अपने आप को अलग कर लिया थाए परन्तु नवीन तत्तपाल लगातार उसके दोस्तो के साथ उसके सम्पर्को को चेक करता रहा और उसका पीछा करता रहा जब उसने देखा कि वह अन्य दोस्तो से सम्पर्क में आ गयी और उसका पुराना एक तरफा 06 वर्षीय प्यार दूर जाता नजर आया तो उसने उसको रास्ते से हटाने के फैसला कर लिया तथा होली वाले दिन उसको मैसेज कर होली की बधाई देकर अगले दिन घर पर मिलने की बात की। अगले दिन जब मृतिका प्रतीक्षा के पिता व भाई तथा बहन प्रतीभा जब अपने अपने काम से बाहर निकल गये तो पहले से रणनीति बनाये आरोपी नवीन तत्तपाल मृतिका की हत्या करने के उद्देश्य से उसके घर पहुँच गया और बात.चीत करने के बहाने उसके कमरे में दाखिल हो गया साथ में रखे धार दार चाकू से उसने डरा कर उसको धमकी दी कि तू मेरी नहीं हो सकती तो किसी ओर की भी नहीं हो सकती और उसने मृतिका के गले पर जैसे ही चाकू रखा वह चिल्लाई तो उसको दो.तीन वार गर्दन व कनपटी पर किये आवाज सुनकर जैसे ही मृतिका की माँ मृदुला कमरे में दाखिल हुई तो आरोपी ने मृतिका की माँ के ऊपर लपक कर उसकी भी गर्दन पर व छाती पर बिना समय गवाये लगातार 5.6 बार वार किये जिससे की दोनो माँ बेटी लहु.लुहान होकर वही कमरे के अन्दर फर्श पर गिर गयी तथा आरोपी ने घटना स्थल पर दूसरे कमरे में जाकर लूट.पाट करने जैसा माहौल बनाया और साथ में लाये चाकू व मृतिका के मोबाईल व मृतिका को छोटा पर्स जिसमें उसके पहचान पत्र आदि रखे थेए तथा उसके पिता का एक जीन्स फुल पेन्ट नीले रंग का अलमारी में रखे छोटे बैग में भरकर पीछे सीढी के दरवाजे का ताला खोलकर छत पर से कूद कर मौके से फरार हो गया।
घटना के तत्काल बाद वरिष्ट अधिकारियों के व्दारा दिये गये निर्देशो के पालन पुलिस थाना औबेदुल्लागंज की टीमो के व्दारा सूत्र इकट्ठे किये गये तथा परिजनो से भी पूछताछ की जाकर जानकारी उठाई गयी तो आरोपी नवीन तत्तपाल को संदेह के आधार पर पूछताछ हेतु पुलिस अभिरक्षा में लिया जाकर हिकमतअमली से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार किया तथा घटना में उपयोग किये गये रक्त रंजित चाकू व पहने गये कपड़े व मृतिका के घर से उठाये गये छोटे बड़े बैग को जप्त कराया गया तथा आरोपी को महज 48 घण्टे के भीतर गिरफ्तार किया जाकर जघन्य व सनसनीखेज अन्धे कत्ल का खुलासा औबेदुल्लागंज पुलिस के व्दारा किया गया उक्त अपराध का खुलासा करने में पुलिस अधीक्षक रायसेन दीपक वर्मा के निर्देशन में अतिण् पुलिस अधीक्षक रायसेन श्री रामसनेही मिश्रा व अनुविभागीय अधिकारी।
थाना औबेदुल्लागंज में 24.03.2016 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेन्द्र सिंह की पत्नि मृदुला सिंह व बेटी प्रतीक्षा सिंह उर्फ लवली के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर सफलता प्राप्त की।
पुलिस को दिनांक 24,03,2016 को सूचना प्राप्त हुई कि वार्ड नं.14 औबेदुल्लागंज में रहने वाले भूपेन्द्र सिंह के घर में घुस कर अज्ञात हत्यारो ने उनकी पत्नि मृदुला सिंह व पुत्री प्रतीक्षा सिंह की हत्या कर दी है। उस समय भूपेन्द्र सिंह सीएमओ कार्यालय गये हुये थे। छोटी बेटी प्रतिभा उर्फ स्वीटी भोपाल कोचिंग गयी थी। बेटा देवेन्द्र सिंह व्यवसाय के कार्य से बाहर गया था। घर पर पत्नि मृदुला सिंह व बड़ी बेटी प्रतीक्षा सिंह घर पर अकेली थी। छोटी पुत्री प्रतीभा सिंह दोपहर करीब 03.00 बजे जब कोचिंग से घर आई एवं उसी समय उसका भाई देवेन्द्र सिंह भी आया बोला कि बाहर क्यो बैठी हो तो बताया कि दीदी व माँ काफी देर से चेनल गेट नहीं खोल रही है, हो सकता है कि माँ व दीदी चाचा के घर समरधा चली गयी हो। मैंने पापा जी को फोन किया है जो चाबी भिजवा रहे है। इसी बीच भाई वापस अपने दोस्त के साथ चला गया।
चाबी आने के बाद जैसे प्रतिभा गेट खोल कर घर के अन्दर दाखिल हुई तो देखा कि उसकी माँ मृदुला व बड़ी बहन प्रतीक्षा जमीन पर खून से लथपथ उसके कमरे में पड़ी है। तत्काल उसने अपने पिता भूपेन्द्र व भाई देवेन्द्र को मोबाईल लगा कर सूचना दी तथा बाहर निकल कर आस.पड़ोस वालो को खबर की घायल मृदुला सिंह को उठा कर उसके परिजन अस्पताल औबेदुल्लागंज ले गये जहां से डॉ् साहब ने इलाज हेतु भोपाल रिफर किया परन्तु मृदुला सिंह को गम्भीर रूप से घायल होने के कारण रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी।
घटना की सूचना मिलते ही औबेदुल्लागंज पुलिस तत्काल घटना स्थल पर पहुंची । प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस महानिरीक्षक होशंगाबाद जोन श्री एसण्केण् सक्सेना व पुलिस अधीक्षक दीपक वर्मा दवारा उसी दिन घटना स्थल का निरीक्षण किया गया तथा विवेचना संबंधी आवश्यक निर्देश दिये गये। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस महानिरीक्षक होशंगाबाद के द्वारा 25000 रु. के ईनाम की आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु घोषणा की गयी। पुलिस अधीक्षक रायसेन श्री दीपक वर्मा के व्दारा अतिण् पुलिस अधीक्षक रायसेन श्री रामसनेही मिश्रा के नेतृत्व में 06 पुलिस टीमो का गठन किया गया जिन्होने एफएसएल की पार्टी के सहयोग से प्रकरण के हर बिन्दु पर जांच शुरू की व सूत्र दर सूत्र जोड़ते हुये आरोपी नवीन तत्तपाल पिता भगवत सिंह तत्तपाल 23 वर्ष वार्ड नं 02 महवीर कालोनी को 48 घण्टो के भीतर गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
आरोपी से पूछताछ में निम्न कहानी सामने आयी, आरोपी नवीन तत्तपाल जो मृतिका प्रतीक्षा सिंह के साथ ही पढ़ता था तथा विगत 06 वर्षो से उसको जानता थाए उसकी उससे अच्छी मित्रता भी थीए तथा दोनो अच्छे घनिष्ठ दोस्त बन गये थेए व लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से भी सम्पर्क में रहते थे। आरोपी मृतिका से एक तरफा प्यार करने लगा थाए इसी बीच मृतिका के परिजनो को पता चला तो आरोपी नवीन तत्तपाल को समझाने का प्रयास किया परन्तु वह नही माना और लगातार मृतिका का पीछा करने लगा मृतिका प्रतीक्षा ने भी नवीन तत्तपाल से अपने आप को अलग कर लिया थाए परन्तु नवीन तत्तपाल लगातार उसके दोस्तो के साथ उसके सम्पर्को को चेक करता रहा और उसका पीछा करता रहा जब उसने देखा कि वह अन्य दोस्तो से सम्पर्क में आ गयी और उसका पुराना एक तरफा 06 वर्षीय प्यार दूर जाता नजर आया तो उसने उसको रास्ते से हटाने के फैसला कर लिया तथा होली वाले दिन उसको मैसेज कर होली की बधाई देकर अगले दिन घर पर मिलने की बात की। अगले दिन जब मृतिका प्रतीक्षा के पिता व भाई तथा बहन प्रतीभा जब अपने अपने काम से बाहर निकल गये तो पहले से रणनीति बनाये आरोपी नवीन तत्तपाल मृतिका की हत्या करने के उद्देश्य से उसके घर पहुँच गया और बात.चीत करने के बहाने उसके कमरे में दाखिल हो गया साथ में रखे धार दार चाकू से उसने डरा कर उसको धमकी दी कि तू मेरी नहीं हो सकती तो किसी ओर की भी नहीं हो सकती और उसने मृतिका के गले पर जैसे ही चाकू रखा वह चिल्लाई तो उसको दो.तीन वार गर्दन व कनपटी पर किये आवाज सुनकर जैसे ही मृतिका की माँ मृदुला कमरे में दाखिल हुई तो आरोपी ने मृतिका की माँ के ऊपर लपक कर उसकी भी गर्दन पर व छाती पर बिना समय गवाये लगातार 5.6 बार वार किये जिससे की दोनो माँ बेटी लहु.लुहान होकर वही कमरे के अन्दर फर्श पर गिर गयी तथा आरोपी ने घटना स्थल पर दूसरे कमरे में जाकर लूट.पाट करने जैसा माहौल बनाया और साथ में लाये चाकू व मृतिका के मोबाईल व मृतिका को छोटा पर्स जिसमें उसके पहचान पत्र आदि रखे थेए तथा उसके पिता का एक जीन्स फुल पेन्ट नीले रंग का अलमारी में रखे छोटे बैग में भरकर पीछे सीढी के दरवाजे का ताला खोलकर छत पर से कूद कर मौके से फरार हो गया।
घटना के तत्काल बाद वरिष्ट अधिकारियों के व्दारा दिये गये निर्देशो के पालन पुलिस थाना औबेदुल्लागंज की टीमो के व्दारा सूत्र इकट्ठे किये गये तथा परिजनो से भी पूछताछ की जाकर जानकारी उठाई गयी तो आरोपी नवीन तत्तपाल को संदेह के आधार पर पूछताछ हेतु पुलिस अभिरक्षा में लिया जाकर हिकमतअमली से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार किया तथा घटना में उपयोग किये गये रक्त रंजित चाकू व पहने गये कपड़े व मृतिका के घर से उठाये गये छोटे बड़े बैग को जप्त कराया गया तथा आरोपी को महज 48 घण्टे के भीतर गिरफ्तार किया जाकर जघन्य व सनसनीखेज अन्धे कत्ल का खुलासा औबेदुल्लागंज पुलिस के व्दारा किया गया उक्त अपराध का खुलासा करने में पुलिस अधीक्षक रायसेन दीपक वर्मा के निर्देशन में अतिण् पुलिस अधीक्षक रायसेन श्री रामसनेही मिश्रा व अनुविभागीय अधिकारी।
पेनकार्ड एवं प्रिटेंड बिल पर सौ प्रतिशत शुद्ध आभुषण मिलेगे
Toc news
आजकल पूरे देश में ज्वेलरी सामान पर सरकार द्वारा मामूली एक्साइज ड्यूटी लगाये जाने के विरोध में हड़ताल कर चले गए सराफा व्यापारियों ने अपनी प्रतिदिन की कमाई को लात मार कर सरकारी जेबों में टैक्स के रूप में पैसा न जाए और पूरा माल हजम कर जाए इस मंशा के चलते सरकार से पंगा लेकर स्वंय का लाखो - करोड़ो का कारोबार बंद करके स्वंय को जल बिन मछली जैसा कर लिया है। सराफा व्यापारी अब तक जो भी करोड़ो का व्यापार करते थे उस व्यापार पर सरकारी पैनी नज़र से काला सोना भी सफेद बन सकता है यदि सराफा व्यापारी स्वार्थ और लाभ को छोड़ कर देशहित की बात करने लगे। सराफा व्यापारी अपने हित के लिए वित्तमंत्री के पुतले भी जला रहे भाजपा विरोधी नारे लगा रहे है लेकिन सराफा व्यापारी समाज यह कैसे भूल जाता है कि व्यापारियों की पार्टी के रूप में पहचान बना चुकी भाजपा के अच्छे दिन लाने में उनका कितना बड़ा योगदान है? तन - मन - धन से भाजपा को मजबुती प्रदान करने व्यापारी को क्या केन्द्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद अपने बुरे दिन आने के संकेत मिलने लग गए है? क्या सराफा व्यापारी का भाजपा पर से विश्वास घट गया है या उठ गया है जो उस सरकार का विरोध करने पर आमदा है जो सदैव व्यापारी का हित साधने का काम करने लगी रहती है। लोगो का ऐसा मानना है कि बिना बिल के माल बेचने वाले भाजपा समर्थक व्यापारियों ने क्या ये सोचा है की अपने 50 टंच चाँदी के माल को 80 टंच बताकर उसकी आभुषण के रूप में बनवाई को 100 टंच खरा बता कर जनता को उल्लू बनाने का उनका धंधा बिल बनते ही उन्हे जेल की हवा खिला सकता है क्योकि साठ को सौ बना कर बेचना कानूनी अपराध है और वह जालसाजी की श्रेणी में आता है। ठीक इसी तरह बिलो पर सामानो की बिक्री से सोने के 70 से 75 टंच माल को 90 टंच बताकर उसकी आभुषण के रूप में बनवाई के बाद उसे पूरा 100 टंच बता कर बिल पर बेचने और खरीददार द्वारा उसकी प्रमाणिकता की जांच के बाद सच के सामने आने के बाद उनकी हवालात में उपस्थिति को कोई नहीं रोक सकता और ऐसा करने से उनके करोड़पति से अरबपति बनने के सपने चकना चूर हो जाएगें और बाजार में बनी बनाई साख भी मिट्टी में मिल जाएगी। पूरा सच उस समय सामने आ जाएगा जब बिल पर खरीदीे गए माल को आधे दाम पर गिरवी रखने पर उपभोक्ता सवाल कर सकता है कि बाजार में सामान की कीमत वर्तमान में क्या है तथा उसने कितने में रूपये में खरीदा है? ऐसी स्थिति में बेचने वाले और गिरवी रखने वाले दोनो ही बेनकाब हो जाएगें। आज के समय सराफा ही एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कोई भी एरा - गैरा मात्र साल दो साल में सड़कछाप से करोड़पति बन जाता है। बैतूल जिले के सराफा व्यापारियों के परिवारीक बेक ग्राऊण्ड की जांच की जाए तो कई ऐसे चहरे बेनकाब हो जाएगें जो पारधियों से बड़े धोखेबाज एवं जालसाज है। बिल पर आभुषणो की बिक्री में विकेत्रा को उसके सौ प्रतिशत सोना होने की ग्यारंटी और वारंटी दोनो ही देनी होगी। साथ ही पेनकार्ड धारक उपभोक्ता को भी सोना से लेकर चाँदी तक का हिसाब किताब आयकर रिर्टन में देना होगा जिससे सराफा व्यापार के बेचने वाले एवं गिरवी रखने वाले दोनो पक्षो के तोते उडऩे लगे है। सराफा व्यापारियों का यह कहना कि टैक्स जमा करने या बिल पर सामान बेचने या पेन कार्ड धारक से धंधा करने वाले से सोना - चांदी या आभुषण मंहगे हो जाएगें लेकिन ऐसा करने से सराफा व्यापारियों के अनुचित व्यापार पर नकेल कसी जाएगी तथा लोगो को सौ प्रतिशत शुद्ध एवं मानक मापदण्डो पर खरे आभुषण मिलेगें जो वजन एवं मूल्य में भिन्न नहीं होगें। बहुुंत कम लोगो को पता होगा कि संपूर्ण भारत देश के कुछ ही महानगरो में सोना - चांदी की शुद्धता जांच की सुविधा है। जब बिलो पर पेन कार्ड लेकर व्यापार किया जाएगा तब व्यापारी को ही सोने की या चाँदी या आभुषण की सौ प्रतिशत शुद्ध एवं खरा तथा वजन के होने का प्रमाण बाजारू मूल्य पर देना होगा। वास्तव में ज्वेलरी कालेधन को बढ़ावा देती है । यह पूर्णरूपेण से अनुत्पादक निरुपयोगी व असृजनात्मक व्यापार है। यह समाज में एक गहन आर्थिक असंतुलन को जन्म देती है।
आजकल पूरे देश में ज्वेलरी सामान पर सरकार द्वारा मामूली एक्साइज ड्यूटी लगाये जाने के विरोध में हड़ताल कर चले गए सराफा व्यापारियों ने अपनी प्रतिदिन की कमाई को लात मार कर सरकारी जेबों में टैक्स के रूप में पैसा न जाए और पूरा माल हजम कर जाए इस मंशा के चलते सरकार से पंगा लेकर स्वंय का लाखो - करोड़ो का कारोबार बंद करके स्वंय को जल बिन मछली जैसा कर लिया है। सराफा व्यापारी अब तक जो भी करोड़ो का व्यापार करते थे उस व्यापार पर सरकारी पैनी नज़र से काला सोना भी सफेद बन सकता है यदि सराफा व्यापारी स्वार्थ और लाभ को छोड़ कर देशहित की बात करने लगे। सराफा व्यापारी अपने हित के लिए वित्तमंत्री के पुतले भी जला रहे भाजपा विरोधी नारे लगा रहे है लेकिन सराफा व्यापारी समाज यह कैसे भूल जाता है कि व्यापारियों की पार्टी के रूप में पहचान बना चुकी भाजपा के अच्छे दिन लाने में उनका कितना बड़ा योगदान है? तन - मन - धन से भाजपा को मजबुती प्रदान करने व्यापारी को क्या केन्द्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद अपने बुरे दिन आने के संकेत मिलने लग गए है? क्या सराफा व्यापारी का भाजपा पर से विश्वास घट गया है या उठ गया है जो उस सरकार का विरोध करने पर आमदा है जो सदैव व्यापारी का हित साधने का काम करने लगी रहती है। लोगो का ऐसा मानना है कि बिना बिल के माल बेचने वाले भाजपा समर्थक व्यापारियों ने क्या ये सोचा है की अपने 50 टंच चाँदी के माल को 80 टंच बताकर उसकी आभुषण के रूप में बनवाई को 100 टंच खरा बता कर जनता को उल्लू बनाने का उनका धंधा बिल बनते ही उन्हे जेल की हवा खिला सकता है क्योकि साठ को सौ बना कर बेचना कानूनी अपराध है और वह जालसाजी की श्रेणी में आता है। ठीक इसी तरह बिलो पर सामानो की बिक्री से सोने के 70 से 75 टंच माल को 90 टंच बताकर उसकी आभुषण के रूप में बनवाई के बाद उसे पूरा 100 टंच बता कर बिल पर बेचने और खरीददार द्वारा उसकी प्रमाणिकता की जांच के बाद सच के सामने आने के बाद उनकी हवालात में उपस्थिति को कोई नहीं रोक सकता और ऐसा करने से उनके करोड़पति से अरबपति बनने के सपने चकना चूर हो जाएगें और बाजार में बनी बनाई साख भी मिट्टी में मिल जाएगी। पूरा सच उस समय सामने आ जाएगा जब बिल पर खरीदीे गए माल को आधे दाम पर गिरवी रखने पर उपभोक्ता सवाल कर सकता है कि बाजार में सामान की कीमत वर्तमान में क्या है तथा उसने कितने में रूपये में खरीदा है? ऐसी स्थिति में बेचने वाले और गिरवी रखने वाले दोनो ही बेनकाब हो जाएगें। आज के समय सराफा ही एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कोई भी एरा - गैरा मात्र साल दो साल में सड़कछाप से करोड़पति बन जाता है। बैतूल जिले के सराफा व्यापारियों के परिवारीक बेक ग्राऊण्ड की जांच की जाए तो कई ऐसे चहरे बेनकाब हो जाएगें जो पारधियों से बड़े धोखेबाज एवं जालसाज है। बिल पर आभुषणो की बिक्री में विकेत्रा को उसके सौ प्रतिशत सोना होने की ग्यारंटी और वारंटी दोनो ही देनी होगी। साथ ही पेनकार्ड धारक उपभोक्ता को भी सोना से लेकर चाँदी तक का हिसाब किताब आयकर रिर्टन में देना होगा जिससे सराफा व्यापार के बेचने वाले एवं गिरवी रखने वाले दोनो पक्षो के तोते उडऩे लगे है। सराफा व्यापारियों का यह कहना कि टैक्स जमा करने या बिल पर सामान बेचने या पेन कार्ड धारक से धंधा करने वाले से सोना - चांदी या आभुषण मंहगे हो जाएगें लेकिन ऐसा करने से सराफा व्यापारियों के अनुचित व्यापार पर नकेल कसी जाएगी तथा लोगो को सौ प्रतिशत शुद्ध एवं मानक मापदण्डो पर खरे आभुषण मिलेगें जो वजन एवं मूल्य में भिन्न नहीं होगें। बहुुंत कम लोगो को पता होगा कि संपूर्ण भारत देश के कुछ ही महानगरो में सोना - चांदी की शुद्धता जांच की सुविधा है। जब बिलो पर पेन कार्ड लेकर व्यापार किया जाएगा तब व्यापारी को ही सोने की या चाँदी या आभुषण की सौ प्रतिशत शुद्ध एवं खरा तथा वजन के होने का प्रमाण बाजारू मूल्य पर देना होगा। वास्तव में ज्वेलरी कालेधन को बढ़ावा देती है । यह पूर्णरूपेण से अनुत्पादक निरुपयोगी व असृजनात्मक व्यापार है। यह समाज में एक गहन आर्थिक असंतुलन को जन्म देती है।
Sunday, March 27, 2016
फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी प्राप्त करने बाली नर्श को 4 बर्ष का कारावास
Toc news
शिवपुरी। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री कमर इकबाल खां ने एक निर्णय में फर्जी मार्कशीट आवेदन फार्म के साथ संलग्न कर नौकरी पाने वाली नर्स मिथलेश गोस्वामी को दोषी पाते हुए चार वर्ष के सश्रम कारावास और एक हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया है।
अर्थ दण्ड अदा न करने पर आरोपी महिला को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन की कहानी के अनुसार एएनएम पद की पात्रता हांसिल करने के लिए आरोपी मिथलेश गोस्वामी ने मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल भोपाल की हाईस्कूल की फर्जी मार्कशीट आवेदन पत्र के साथ संलग्न की थी।
मार्कशीट में अनुक्रमांक 4301824122 था और मार्कशीट सन 2008 की थी। इस मार्कशीट का आवेदन पत्र के साथ संलग्न कर आरोपी महिला ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति प्राप्त कर ली जब इस विषय में मु य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ओपन स्कूल भोपाल से जानकारी ली तो विदित हुआ कि उक्त मार्कशीट फर्जी थी।
इस तरह से फर्जी मार्कशीट के सहारे आरोपी मिथलेश गोस्वामी ने न केवल नौकरी हांसिल कर ली थी बल्कि वेतन भी प्राप्त करने का ताना बाना रचा था। इस पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी महिला के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 467 और 468 के तहत मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया।
शिवपुरी। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री कमर इकबाल खां ने एक निर्णय में फर्जी मार्कशीट आवेदन फार्म के साथ संलग्न कर नौकरी पाने वाली नर्स मिथलेश गोस्वामी को दोषी पाते हुए चार वर्ष के सश्रम कारावास और एक हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया है।
अर्थ दण्ड अदा न करने पर आरोपी महिला को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन की कहानी के अनुसार एएनएम पद की पात्रता हांसिल करने के लिए आरोपी मिथलेश गोस्वामी ने मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल भोपाल की हाईस्कूल की फर्जी मार्कशीट आवेदन पत्र के साथ संलग्न की थी।
मार्कशीट में अनुक्रमांक 4301824122 था और मार्कशीट सन 2008 की थी। इस मार्कशीट का आवेदन पत्र के साथ संलग्न कर आरोपी महिला ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति प्राप्त कर ली जब इस विषय में मु य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ओपन स्कूल भोपाल से जानकारी ली तो विदित हुआ कि उक्त मार्कशीट फर्जी थी।
इस तरह से फर्जी मार्कशीट के सहारे आरोपी मिथलेश गोस्वामी ने न केवल नौकरी हांसिल कर ली थी बल्कि वेतन भी प्राप्त करने का ताना बाना रचा था। इस पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी महिला के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 467 और 468 के तहत मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया।
19 लोगों के खिलाफ कोर्ट में शिकायत, नौ वर्तमान में जज है...
Breaking News :
रायपुर. सुकमा के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रभाकर ग्वाल और आरंग टोल प्लाजा के कर्मचारियों के बीच तीन माह पूर्व हुई कथित मारपीट के मामले में जज की पत्नी प्रतिभा ग्वाल ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस समेत 19 लोगों के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायत की है। घटना 31 अक्टूबर की है। आरंग टोल प्लाजा पर जज और कर्मचारियों के बीच मारपीट हो गई थी।
- इसमें पुलिस में दोनों ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी।
- प्रतिभा के मुताबिक जज के खिलाफ कार्रवाई हो गई, लेकिन जज की शिकायत पर टोल प्लाजा के कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट ने अभी तक प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया, इसलिए उन्होंने 19 लोगों के खिलाफ कोर्ट में शिकायत की है।
- जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है उसमें चार टोल टैक्स के कर्मचारी, एक विधायक, तीन पुलिस अधिकारी, एक प्रशासनिक अधिकारी के अलावा नौ ऐसे लोग हैं जो राज्य के किसी न किसी अदालत में जज हैं।
- जज की पत्नी अपने अधिवक्ता जनमेजय सोना और भगवानू नायक के साथ शनिवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अश्विनी चतुर्वेदी की अदालत पहुंची।
- वहां प्रत्येक के खिलाफ कारण सहित शिकायत की। कोर्ट ने प्रतिवेदन स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल का समय दिया है।
जज के अधिवक्ता सोना और नायक ने कहा कि नियमानुसार किसी जज के खिलाफ कोई शिकायत होती है तो उस पर कार्रवाई के पहले हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होती है, लेकिन जज ग्वाल के खिलाफ आरंग टोल नाका के कर्मचारियों की शिकायत पर ने पुलिस ने सीधे कोर्ट में चालान प्रस्तुत कर दिया।
उन्होंने आगे कहा, "जज ग्वाल की शिकायत पर आरंग टोल नाका के कर्मचारियों के खिलाफ अभी तक आरंग पुलिस ने कोर्ट में चालान प्रस्तुत नहीं किया है।"
इनके खिलाफ शिकायत
नवीन सिन्हा - चीफ जस्टिस, हाईकोर्ट
प्रीतिंकर दीवाकर - जस्टिस, हाईकोर्ट
श्रीनिवास तिवारी - सिविल जज, महासमुंद
निधि शर्मा तिवारी - अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक कोर्ट
ओमप्रकाश चौहान - एडीजे, महासमुंद
पंकज कुमार जैन - एडीजे, सीबीआई
जितेंद्र कुमार जैन - एडीजे, एसीबी रायपुर
नरेश कुमार चंद्रवंशी - डीजे, अंबिकापुर
आशीष पाठक - एसीजेएम, रायपुर
रामलाल चौहान - विधायक, सराईपाली
राधेश्याम नागवंशी - एसडीओपी
सहदेव सिंह ठाकुर - टीआई, आरंग
बीएन मीणा - एसपी रायपुर
जीपी सिंह - आईजी, रायपुर
दीपांशु काबरा - आईजी
अमित दुबे, लखनलाल मार्कंडेय, जसविंदर सिंह और रमेश पाठक (चारों आरंग टोल प्लाजा कर्मचारी)
रायपुर. सुकमा के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रभाकर ग्वाल और आरंग टोल प्लाजा के कर्मचारियों के बीच तीन माह पूर्व हुई कथित मारपीट के मामले में जज की पत्नी प्रतिभा ग्वाल ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस समेत 19 लोगों के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायत की है। घटना 31 अक्टूबर की है। आरंग टोल प्लाजा पर जज और कर्मचारियों के बीच मारपीट हो गई थी।
- इसमें पुलिस में दोनों ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी।
- प्रतिभा के मुताबिक जज के खिलाफ कार्रवाई हो गई, लेकिन जज की शिकायत पर टोल प्लाजा के कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट ने अभी तक प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया, इसलिए उन्होंने 19 लोगों के खिलाफ कोर्ट में शिकायत की है।
- जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है उसमें चार टोल टैक्स के कर्मचारी, एक विधायक, तीन पुलिस अधिकारी, एक प्रशासनिक अधिकारी के अलावा नौ ऐसे लोग हैं जो राज्य के किसी न किसी अदालत में जज हैं।
- जज की पत्नी अपने अधिवक्ता जनमेजय सोना और भगवानू नायक के साथ शनिवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अश्विनी चतुर्वेदी की अदालत पहुंची।
- वहां प्रत्येक के खिलाफ कारण सहित शिकायत की। कोर्ट ने प्रतिवेदन स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल का समय दिया है।
जज के अधिवक्ता सोना और नायक ने कहा कि नियमानुसार किसी जज के खिलाफ कोई शिकायत होती है तो उस पर कार्रवाई के पहले हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होती है, लेकिन जज ग्वाल के खिलाफ आरंग टोल नाका के कर्मचारियों की शिकायत पर ने पुलिस ने सीधे कोर्ट में चालान प्रस्तुत कर दिया।
उन्होंने आगे कहा, "जज ग्वाल की शिकायत पर आरंग टोल नाका के कर्मचारियों के खिलाफ अभी तक आरंग पुलिस ने कोर्ट में चालान प्रस्तुत नहीं किया है।"
इनके खिलाफ शिकायत
नवीन सिन्हा - चीफ जस्टिस, हाईकोर्ट
प्रीतिंकर दीवाकर - जस्टिस, हाईकोर्ट
श्रीनिवास तिवारी - सिविल जज, महासमुंद
निधि शर्मा तिवारी - अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक कोर्ट
ओमप्रकाश चौहान - एडीजे, महासमुंद
पंकज कुमार जैन - एडीजे, सीबीआई
जितेंद्र कुमार जैन - एडीजे, एसीबी रायपुर
नरेश कुमार चंद्रवंशी - डीजे, अंबिकापुर
आशीष पाठक - एसीजेएम, रायपुर
रामलाल चौहान - विधायक, सराईपाली
राधेश्याम नागवंशी - एसडीओपी
सहदेव सिंह ठाकुर - टीआई, आरंग
बीएन मीणा - एसपी रायपुर
जीपी सिंह - आईजी, रायपुर
दीपांशु काबरा - आईजी
अमित दुबे, लखनलाल मार्कंडेय, जसविंदर सिंह और रमेश पाठक (चारों आरंग टोल प्लाजा कर्मचारी)
व्यापमं: सीबीआई जांच के बाद किसी दोषी को पहली सजा
Mar 27, 2016 @ toc news
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई के हाथों में पहुंचने के बाद पहली बार किसी दोषी को सजा मिली है. शनिवार को ही विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया है.
दरअसल, व्यापमं की आरक्षक भर्ती परीक्षा में खुद के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को रुपए देकर बिठाने वाले युवक राहुल सिंह को सत्र न्यायालय ने 5 साल कैद और 4 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
हालांकि, वर्ष 2015 के नवंबर माह में इसी मामले को लेकर कोर्ट फर्जी परीक्षार्थी हरेंद्र सिंह को 5 साल की सजा सुना चुका है. उस दौरान एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने हरेंद्र और राहुल के खिलाफ मामला कोर्ट तक पहुंचाया था. तब कोर्ट ने सशर्त राहुल को जमानत दे दी थी, लेकिन वह फरार हो गया था.
सीबीआई ने दिखाई सक्रियता
जांच में लेटलतीफी के आरोप झेल रही सीबीआई ने व्यापमं की जांच की जिम्मेदारी मिलते ही फरारी काट रहे राहुल को भिंड से गिरफ्तार कर लिया था. जांच एजेंसी ने कोर्ट के साथ वादाखिलाफी करने के आरोप में राहुल पर एक और केस दर्ज कराया था. आईपीसी की धारा 291-ए के तहत दर्ज इस केस में राहुल को 6 माह तक की सजा हो सकती है.
क्या है व्यापमं
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में जिन सरकारी पदों की भर्ती लोक सेवा आयोग नहीं करता, उन पदों पर व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) द्वारा भर्तियां की जाती हैं.
व्यापमं मेडिकल, इंजिनियरिंग समेत विभिन्न कोर्सेस की प्रवेश परीक्षा भी आयोजित कराता है. व्यापमं भर्ती व प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया. जुलाई 2013 में खुलासा होने के बाद जांच का जिम्मा अगस्त 2013 एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को सौंपा गया था.
सीबीआई का कसा शिकंजा
अब मामला सीबीआई के पास है. जांच एजेंसी ने 13 जुलाई 2015 को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी. व्यापमं मामले में एसटीएफ की जांच शुरू होने से लेकर तक तक कथित तौर पर 48 संदिग्ध मौत होने की बात सामने आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसी वर्ष 9 जुलाई को व्यापमं की जांच सीबीआई को सौंपी थी
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई के हाथों में पहुंचने के बाद पहली बार किसी दोषी को सजा मिली है. शनिवार को ही विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया है.
दरअसल, व्यापमं की आरक्षक भर्ती परीक्षा में खुद के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को रुपए देकर बिठाने वाले युवक राहुल सिंह को सत्र न्यायालय ने 5 साल कैद और 4 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
हालांकि, वर्ष 2015 के नवंबर माह में इसी मामले को लेकर कोर्ट फर्जी परीक्षार्थी हरेंद्र सिंह को 5 साल की सजा सुना चुका है. उस दौरान एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने हरेंद्र और राहुल के खिलाफ मामला कोर्ट तक पहुंचाया था. तब कोर्ट ने सशर्त राहुल को जमानत दे दी थी, लेकिन वह फरार हो गया था.
सीबीआई ने दिखाई सक्रियता
जांच में लेटलतीफी के आरोप झेल रही सीबीआई ने व्यापमं की जांच की जिम्मेदारी मिलते ही फरारी काट रहे राहुल को भिंड से गिरफ्तार कर लिया था. जांच एजेंसी ने कोर्ट के साथ वादाखिलाफी करने के आरोप में राहुल पर एक और केस दर्ज कराया था. आईपीसी की धारा 291-ए के तहत दर्ज इस केस में राहुल को 6 माह तक की सजा हो सकती है.
क्या है व्यापमं
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में जिन सरकारी पदों की भर्ती लोक सेवा आयोग नहीं करता, उन पदों पर व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) द्वारा भर्तियां की जाती हैं.
व्यापमं मेडिकल, इंजिनियरिंग समेत विभिन्न कोर्सेस की प्रवेश परीक्षा भी आयोजित कराता है. व्यापमं भर्ती व प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया. जुलाई 2013 में खुलासा होने के बाद जांच का जिम्मा अगस्त 2013 एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को सौंपा गया था.
सीबीआई का कसा शिकंजा
अब मामला सीबीआई के पास है. जांच एजेंसी ने 13 जुलाई 2015 को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी. व्यापमं मामले में एसटीएफ की जांच शुरू होने से लेकर तक तक कथित तौर पर 48 संदिग्ध मौत होने की बात सामने आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसी वर्ष 9 जुलाई को व्यापमं की जांच सीबीआई को सौंपी थी
पांच हजार की रिश्वत लेते धराए एसआई
Toc news
खंडवा. इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने खंडवा जिले के पंधाना थाने की बोरगांव बुजुर्ग पुलिस चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर आर एन दमाडे और एएसआई अरुण गोरे को पांच हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
अवैध शराब के मामले में ग्राम कुमठी निवासी रामचंद्र सोने उर्फ़ गोटिया से केस रफा दफा करने की एवज में पन्द्रह हजार रुपयों की रिश्वत मांगी थी,जिसकी शिकायत रामचंद्र सोने ने लोकायुक्त को की थी, आज पांच हजार रुपयों की रिश्वत लेने पर दोनों पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई हुई।
खंडवा. इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने खंडवा जिले के पंधाना थाने की बोरगांव बुजुर्ग पुलिस चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर आर एन दमाडे और एएसआई अरुण गोरे को पांच हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
अवैध शराब के मामले में ग्राम कुमठी निवासी रामचंद्र सोने उर्फ़ गोटिया से केस रफा दफा करने की एवज में पन्द्रह हजार रुपयों की रिश्वत मांगी थी,जिसकी शिकायत रामचंद्र सोने ने लोकायुक्त को की थी, आज पांच हजार रुपयों की रिश्वत लेने पर दोनों पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई हुई।
मोदी सरकार के हाथ खून से रंगे: हरीश रावत
Mar 27, 2016, toc news
देहरादून : उत्तराखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है और उन्हें इसकी आशंका पहले ही हो चुकी थी।
श्री रावत ने कहा कि देश में संविधान की मर्यादाओं का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन हुआ है । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ उत्तराखंड के लोगों की आकांक्षाओं के खून से रंग गये हैं । उन्होंने कहा," हमें आज भी बहुमत प्राप्त है औेर जनता का विश्वास भी हमारे पास है। जिस प्रकार केन्द्र सरकार के मुखिया ने उत्तराखंड जैसे छोटे सीमान्त राज्य की निर्वाचित सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाने का काम किया है ,उससे भाजपा का लोकतंत्र विरोधी चेहरा उजागर हुआ है ।
देहरादून : उत्तराखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है और उन्हें इसकी आशंका पहले ही हो चुकी थी।
श्री रावत ने कहा कि देश में संविधान की मर्यादाओं का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन हुआ है । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ उत्तराखंड के लोगों की आकांक्षाओं के खून से रंग गये हैं । उन्होंने कहा," हमें आज भी बहुमत प्राप्त है औेर जनता का विश्वास भी हमारे पास है। जिस प्रकार केन्द्र सरकार के मुखिया ने उत्तराखंड जैसे छोटे सीमान्त राज्य की निर्वाचित सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाने का काम किया है ,उससे भाजपा का लोकतंत्र विरोधी चेहरा उजागर हुआ है ।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की विश्वसनीयता पर उठने लगे सवाल
अवधेश पुरोहित // toc news
भोपाल। राजधानी से सटे जिला रायसेन के सेहतगंज में संचालित सोम डिस्टलरी के द्वारा बेतवा के प्रदूषण के मामले को लेकर राज्य विधानसभा की याचिका समिति द्वारा उक्त फैक्ट्री के एक बार नहीं अनेकों बार जांच के दौराननिरीक्षण किया था और पाया था कि सोम डिस्टलरी द्वारा बेतवा को प्रदूषित किया जा रहा है यही नहीं उस समय विदिशा के तत्कालीन सांसद होने के नाते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इसके विरोध में एक बाल्टी प्रदूषित पानी लेकर सेहतगंज से राजधानी स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय तक पदयात्रा की थी और वहां उपस्थित एक कार्यपालन यंत्री के मुंह पर कालिख पोतकर अपना विरोध दर्ज कराया था लेकिन यह सब विपक्षी नेता होने के नाते उन्होंने किया था लेकिन आज वह जब सत्ता में हैं तो प्रदेश में प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर है कि राज्य के विंध्य क्षेत्र के चार जिलों में पैदा होने वाले बच्चे आज भी प्रदूषण के कारण तमाम बीमारियां साथ लेकर जन्म ले रहे हैं
यह स्थिति अभी केवल विंध्य की इसलिये है कि वहां के डॉक्टरों ने इस पर मनन किया और इसका खुलासा करने की हिम्मत जुटाई लेकिन राज्य के अन्य जिलों में जहां बड़े-बड़े कलकारखानों की चिमनियां जहरीला धुंआ उगल रही हैं जिसकी वजह से राज्य का जनजीवन प्रभावित हो रहा है तो वहीं इस प्रदूषण के कारण जलवायु पर भी असर पड़ रहा है,
लेकिन मजे की बात यह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थापना राज्य में जिस उद्देश्य से की गई थी उसकी पूर्ति होती नजर नहीं आ रही है इसके पीछे का कारण क्या है इसका भी खुलासा सोम डिस्टलरी के द्वारा बेतवा प्रदूषण को लेकर दी गई रिपोर्ट में याचिका समिति द्वारा किया गया था और उसमें कहा गया था कि राज्य के प्रदूषण मण्डल बोर्ड का चपरासी से लेकर अध्यक्ष तक सभी उक्त फैक्टरी के संचालकों से इस तरह से प्रभावित हैं कि वह अपने कर्तव्यों को भूलकर डिस्टलरी के संचालकों के हितों की रक्षा करने में लगे हुए हैं हालांकि यह रिपोर्ट १९९८ में विधानसभा के पटल पर रखी गई थी और उस समय दिग्विजय सिंह का शासनकाल था लेकिन आज जब सोम डिस्टलरी के द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के मुद्दे को लेकर जिन शिवराज सिंह चौहान ने प्रदूषण मण्डल बोर्ड के ईई का मुंह काला करके विरोध दर्ज किया था,
वह सत्ता में हैं यह भी नहीं कहा जा सकता कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से वह परिचित न हों और वह भूल गए हों कि लक्ष्मी दर्शन के फेर में बोर्ड में क्या कुछ चल रहा है मगर शायद अब उन्हें इस प्रदेश में फैल रहे प्रदूषण की चिंता नहीं है तभी तो यह सब खेल धड़ल्ले से चल रहा है और राज्य में दिनोंदिन प्रदूषण बड़ रहा है मजे की बात तो यह है कि जिस प्रदूषण मण्डल के द्वारा राज्य के लोगों को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए भारी भरकम राशि खर्च कर मशीनें तो खरीद रखी हैं लेकिन उनके द्वारा की जिन नमूनों की जांच की जाती है वह सभी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने जाकर फेल हो जाते हैं
इसके पीछे क्या कारण है यह वही जानें ऐसा भी नहीं है कि मण्डल में इन मशीनों को संचालित करने वाले एक्पर्टों की कमी हो मगर सब खेल लक्ष्मी दर्शन का है, जिसके चलते राज्य में प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों को बोर्ड का संरक्षण प्राप्त है। ऐसे एक नहीं अनेकों मामले हैं जिनमें राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्टों में तो सबकुछ ठीकठाक नजर आता है लेकिन ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने उनके द्वारा की गई अधिकांश जांच रिपोर्टें अमान्य नजर आती है फिर चाहे वह मामला विंध्याचल डिस्टलरी का हो या अन्य डिस्टलिरयों का, राज्य में स्थापित आठ डिस्टलरियों में से सात डिस्टलरियों को ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा प्रदूषण फैलाने को लेकर नोटिस जारी किये गये हैं इससे यह साफ जाहिर हो जाता है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सबकुछ लक्ष्मी दर्शन का खेल चल रहा है।
राज्य की चाहे मण्डीदीप हो या औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर, नागदा, नीमच का खोर, सतना, सीधी, सिंगरौली, झाबुआ स्थित मेघनगर, बड़वाह, खंडवा, खरगोन, धार, कटनी, रीवा, पीलूखेड़ी या फिर रतलाम का मामला हो राज्य का शायद ही कोई ऐसा औद्योगिक क्षेत्र हो जहां स्थापित उद्योगों द्वारा प्रदूषण न फैलाया जा रहा हो, तो वहीं राज्य के तमाम शहरों के सीवेज फार्मिंग के मामलों की भी यही हालत है पीसीबी के द्वारा जब-जब भी अपनी रिपोर्ट पेश की गई तो वह ग्रीन ट्रिब्यूनल में फेल हो गई, ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष पीसीबी के द्वारा नमूनों की जांच के बाद दर्जनों बार ग्रीन ट्रिब्यूनल में बीपीसी की रिपोर्ट्स को फेल होने और कोर्ट के द्वारा आवेदक की उपस्थिति में सेम्पल जांच के आदेश से पीबीसी की विश्वसनीयता पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं, ऐसा ही नहीं कि पीबीसी की लैब के द्वारा उद्योागों के द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के नमूने को ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नकारा हो लगभग यही स्थिति पानी के मामले की है, पानी के सेम्पल की रिपोटर््स चार बार फेल हुई तो पीबीसी की ही लैब में बाहरी एक्सपर्ट से जांच कराने के आदेश ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिये।
कुल मिलाकर राज्य में पीबीसी की स्थापना जिस उद्देश्य से की गई थी लगता है उसके अधिकारी उस उद्देश्यों को ध्यान में न रखते हुए राज्य के जनजीवन के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं, यदि यही स्थिति रही तो राज्य में पर्यावरण की क्या हालत होगी यह कहा नहीं जा सकता है, यदि किसी निष्पक्ष जांच ऐसी द्वारा राज्य भर के औद्योगिक केन्द्रों और कलकारखानों के आसपास रहने वाले बस्तियों और शहरों के निवासियों के स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाए तो यह साफ हो जाएगा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की लापरवाही के चलते राज्य के अधिकांश लोग कितनी भयंकर बीमारियों से जूझ रहे हैं तो वहीं राज्य के अधिकांश आबादी के निवासियों को पीसीबी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है
हालांकि कहने को हर बार जांच होती है और सेम्पल लिये जाते हैं लेकिन राजधानी के तालाबों के पानी के भी कई बार नमूने लिये गये लेकिन यह स्थिति है कि शहर के पास सीवेज फार्मिंग के मामले में हाल ही में जो सुनवाई हुई है, उसमें पीसीबी की चार बार रिपोर्ट फेल हुई है। पांचवीं बार कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि सेंपल्स की जांच आवेदक के सामने हो, रिपोर्ट एक्सपर्ट ही तैयार करेंगे। इसका मतलब एक वैज्ञानिक स्तर की संस्था द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी सवाल हो सकता है।
डॉ. पांडे के अनुसार पीसीबी ने दो साल तक मशीनें खराब होने की स्थिति में भी जांच रिपोर्टस तैयार कर दी हैं। सवाल यह उठता है कि बार-बार इस तरह की सेम्पल की जांच रिपोर्टें क्यों फेल होती हैं इसके पीछे कारण जो भी यह जांच का विषय है लेकिन राज्य के निवासियों को शुद्ध पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिये जिम्मेदार संस्था आखिर अपने उद्देश्यों से क्यों भटक रही है, सोम डिस्टलरी के द्वारा बेतवा प्रदूषण को लेकर राज्य विधानसभा में रखी गई जांच रिपोर्ट में पीसीबी के अध्यक्ष से लेकर अदने से कर्मचारी तक जिस तरह की बात रिपोर्ट में कही गई थी क्या उस तरह की बोर्ड के अधिकारियों की नीति आज भी जारी है और इसी के चलते वह राज्य के जनजीवन के हितों की रक्षा करने की बजाए अपने हितों की रक्षा में कुछ ज्यादा ही गंभीर नजर आ रहे हैं तभी राज्य में प्रदूषण फैलाने का खेल और जांच नमूने फेल होने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
जिसकी ओर सोम डिस्टलरी के विरोध में एक बाल्टी पानी लेकर भोपाल तक पदयात्रा करने वाले मुख्यमंत्री को भी उन दिनों की याद ताजा कर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाना पड़ेंगे नहीं तो राज्य में प्रदूषण की स्थिति बद से बदतर हो जाएगी वैसे भी राज्य के अनेक शहर भी आज प्रदूषण की चपेट में हैं तो वहीं जनजीवन इस प्रदूषण की मार से तमाम बीमारियों से ग्रस्त है, यदि यही स्थिति बनी रही तो आखिर सरकार का स्वर्णिम विकास की मुहिम किसके लिये यह शोध का विषय है।
भोपाल। राजधानी से सटे जिला रायसेन के सेहतगंज में संचालित सोम डिस्टलरी के द्वारा बेतवा के प्रदूषण के मामले को लेकर राज्य विधानसभा की याचिका समिति द्वारा उक्त फैक्ट्री के एक बार नहीं अनेकों बार जांच के दौराननिरीक्षण किया था और पाया था कि सोम डिस्टलरी द्वारा बेतवा को प्रदूषित किया जा रहा है यही नहीं उस समय विदिशा के तत्कालीन सांसद होने के नाते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इसके विरोध में एक बाल्टी प्रदूषित पानी लेकर सेहतगंज से राजधानी स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय तक पदयात्रा की थी और वहां उपस्थित एक कार्यपालन यंत्री के मुंह पर कालिख पोतकर अपना विरोध दर्ज कराया था लेकिन यह सब विपक्षी नेता होने के नाते उन्होंने किया था लेकिन आज वह जब सत्ता में हैं तो प्रदेश में प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर है कि राज्य के विंध्य क्षेत्र के चार जिलों में पैदा होने वाले बच्चे आज भी प्रदूषण के कारण तमाम बीमारियां साथ लेकर जन्म ले रहे हैं
यह स्थिति अभी केवल विंध्य की इसलिये है कि वहां के डॉक्टरों ने इस पर मनन किया और इसका खुलासा करने की हिम्मत जुटाई लेकिन राज्य के अन्य जिलों में जहां बड़े-बड़े कलकारखानों की चिमनियां जहरीला धुंआ उगल रही हैं जिसकी वजह से राज्य का जनजीवन प्रभावित हो रहा है तो वहीं इस प्रदूषण के कारण जलवायु पर भी असर पड़ रहा है,
लेकिन मजे की बात यह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थापना राज्य में जिस उद्देश्य से की गई थी उसकी पूर्ति होती नजर नहीं आ रही है इसके पीछे का कारण क्या है इसका भी खुलासा सोम डिस्टलरी के द्वारा बेतवा प्रदूषण को लेकर दी गई रिपोर्ट में याचिका समिति द्वारा किया गया था और उसमें कहा गया था कि राज्य के प्रदूषण मण्डल बोर्ड का चपरासी से लेकर अध्यक्ष तक सभी उक्त फैक्टरी के संचालकों से इस तरह से प्रभावित हैं कि वह अपने कर्तव्यों को भूलकर डिस्टलरी के संचालकों के हितों की रक्षा करने में लगे हुए हैं हालांकि यह रिपोर्ट १९९८ में विधानसभा के पटल पर रखी गई थी और उस समय दिग्विजय सिंह का शासनकाल था लेकिन आज जब सोम डिस्टलरी के द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के मुद्दे को लेकर जिन शिवराज सिंह चौहान ने प्रदूषण मण्डल बोर्ड के ईई का मुंह काला करके विरोध दर्ज किया था,
वह सत्ता में हैं यह भी नहीं कहा जा सकता कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से वह परिचित न हों और वह भूल गए हों कि लक्ष्मी दर्शन के फेर में बोर्ड में क्या कुछ चल रहा है मगर शायद अब उन्हें इस प्रदेश में फैल रहे प्रदूषण की चिंता नहीं है तभी तो यह सब खेल धड़ल्ले से चल रहा है और राज्य में दिनोंदिन प्रदूषण बड़ रहा है मजे की बात तो यह है कि जिस प्रदूषण मण्डल के द्वारा राज्य के लोगों को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए भारी भरकम राशि खर्च कर मशीनें तो खरीद रखी हैं लेकिन उनके द्वारा की जिन नमूनों की जांच की जाती है वह सभी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने जाकर फेल हो जाते हैं
इसके पीछे क्या कारण है यह वही जानें ऐसा भी नहीं है कि मण्डल में इन मशीनों को संचालित करने वाले एक्पर्टों की कमी हो मगर सब खेल लक्ष्मी दर्शन का है, जिसके चलते राज्य में प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों को बोर्ड का संरक्षण प्राप्त है। ऐसे एक नहीं अनेकों मामले हैं जिनमें राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्टों में तो सबकुछ ठीकठाक नजर आता है लेकिन ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने उनके द्वारा की गई अधिकांश जांच रिपोर्टें अमान्य नजर आती है फिर चाहे वह मामला विंध्याचल डिस्टलरी का हो या अन्य डिस्टलिरयों का, राज्य में स्थापित आठ डिस्टलरियों में से सात डिस्टलरियों को ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा प्रदूषण फैलाने को लेकर नोटिस जारी किये गये हैं इससे यह साफ जाहिर हो जाता है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सबकुछ लक्ष्मी दर्शन का खेल चल रहा है।
राज्य की चाहे मण्डीदीप हो या औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर, नागदा, नीमच का खोर, सतना, सीधी, सिंगरौली, झाबुआ स्थित मेघनगर, बड़वाह, खंडवा, खरगोन, धार, कटनी, रीवा, पीलूखेड़ी या फिर रतलाम का मामला हो राज्य का शायद ही कोई ऐसा औद्योगिक क्षेत्र हो जहां स्थापित उद्योगों द्वारा प्रदूषण न फैलाया जा रहा हो, तो वहीं राज्य के तमाम शहरों के सीवेज फार्मिंग के मामलों की भी यही हालत है पीसीबी के द्वारा जब-जब भी अपनी रिपोर्ट पेश की गई तो वह ग्रीन ट्रिब्यूनल में फेल हो गई, ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष पीसीबी के द्वारा नमूनों की जांच के बाद दर्जनों बार ग्रीन ट्रिब्यूनल में बीपीसी की रिपोर्ट्स को फेल होने और कोर्ट के द्वारा आवेदक की उपस्थिति में सेम्पल जांच के आदेश से पीबीसी की विश्वसनीयता पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं, ऐसा ही नहीं कि पीबीसी की लैब के द्वारा उद्योागों के द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के नमूने को ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नकारा हो लगभग यही स्थिति पानी के मामले की है, पानी के सेम्पल की रिपोटर््स चार बार फेल हुई तो पीबीसी की ही लैब में बाहरी एक्सपर्ट से जांच कराने के आदेश ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिये।
कुल मिलाकर राज्य में पीबीसी की स्थापना जिस उद्देश्य से की गई थी लगता है उसके अधिकारी उस उद्देश्यों को ध्यान में न रखते हुए राज्य के जनजीवन के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं, यदि यही स्थिति रही तो राज्य में पर्यावरण की क्या हालत होगी यह कहा नहीं जा सकता है, यदि किसी निष्पक्ष जांच ऐसी द्वारा राज्य भर के औद्योगिक केन्द्रों और कलकारखानों के आसपास रहने वाले बस्तियों और शहरों के निवासियों के स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाए तो यह साफ हो जाएगा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की लापरवाही के चलते राज्य के अधिकांश लोग कितनी भयंकर बीमारियों से जूझ रहे हैं तो वहीं राज्य के अधिकांश आबादी के निवासियों को पीसीबी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है
हालांकि कहने को हर बार जांच होती है और सेम्पल लिये जाते हैं लेकिन राजधानी के तालाबों के पानी के भी कई बार नमूने लिये गये लेकिन यह स्थिति है कि शहर के पास सीवेज फार्मिंग के मामले में हाल ही में जो सुनवाई हुई है, उसमें पीसीबी की चार बार रिपोर्ट फेल हुई है। पांचवीं बार कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि सेंपल्स की जांच आवेदक के सामने हो, रिपोर्ट एक्सपर्ट ही तैयार करेंगे। इसका मतलब एक वैज्ञानिक स्तर की संस्था द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी सवाल हो सकता है।
डॉ. पांडे के अनुसार पीसीबी ने दो साल तक मशीनें खराब होने की स्थिति में भी जांच रिपोर्टस तैयार कर दी हैं। सवाल यह उठता है कि बार-बार इस तरह की सेम्पल की जांच रिपोर्टें क्यों फेल होती हैं इसके पीछे कारण जो भी यह जांच का विषय है लेकिन राज्य के निवासियों को शुद्ध पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिये जिम्मेदार संस्था आखिर अपने उद्देश्यों से क्यों भटक रही है, सोम डिस्टलरी के द्वारा बेतवा प्रदूषण को लेकर राज्य विधानसभा में रखी गई जांच रिपोर्ट में पीसीबी के अध्यक्ष से लेकर अदने से कर्मचारी तक जिस तरह की बात रिपोर्ट में कही गई थी क्या उस तरह की बोर्ड के अधिकारियों की नीति आज भी जारी है और इसी के चलते वह राज्य के जनजीवन के हितों की रक्षा करने की बजाए अपने हितों की रक्षा में कुछ ज्यादा ही गंभीर नजर आ रहे हैं तभी राज्य में प्रदूषण फैलाने का खेल और जांच नमूने फेल होने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
जिसकी ओर सोम डिस्टलरी के विरोध में एक बाल्टी पानी लेकर भोपाल तक पदयात्रा करने वाले मुख्यमंत्री को भी उन दिनों की याद ताजा कर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाना पड़ेंगे नहीं तो राज्य में प्रदूषण की स्थिति बद से बदतर हो जाएगी वैसे भी राज्य के अनेक शहर भी आज प्रदूषण की चपेट में हैं तो वहीं जनजीवन इस प्रदूषण की मार से तमाम बीमारियों से ग्रस्त है, यदि यही स्थिति बनी रही तो आखिर सरकार का स्वर्णिम विकास की मुहिम किसके लिये यह शोध का विषय है।
Saturday, March 26, 2016
इतना मोटा है ये आदमी, रस्सी के सहारे उठाया जाता है
Mar 17, 2016, Present by - toc news
मोटापा जानलेवा भी हो सकता है, ये ऐसे ही नहीं कहा जाता है। इसके पीछे सच्चाई भी है और वो इस आदमी से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। कैलीफॉर्निया के रहने वाले सीन मिलिकिन को कोई उम्मीद नहीं है कि वे अपने 30वें जन्मदिन तक भी जिंदा रह पाएंगे।
इस आदमी का वजन 408 किलो है औऱ इसकी उम्र मात्र 25 साल। टीएलसी चैनल पर प्रचारित हुए एक शो में इसने अपनी कहानी बताई। सीन ने बताया कि शरीर पर इतनी ज्यादा खाल होने के कारण वो आपस में रगड़ती है औऱ उसे घाव हो जाते हैं। इसका मोटापा इतना है कि ये टॉयलेट तक नहीं जा पाता और बाल्टी में ही करना पड़ता है।
सीन का वजन इतना है कि ये 30 सेकेंड भी खड़ा नहीं हो सकता। इसीलिए ये अपना एक भी काम खुद नहीं कर पाता। सीन के कमरे में छत से एक रस्सी लटकी रहती है जिसे पकड़ कर ही वो उठ पाता है ताकि बिस्तर के पास रखी बाल्टी उठा सके और टॉयलेट कर सके।
सीन की मां रिनी बताती हैं कि उन्हें ही सीन का सिर से पांव तक ख्याल रखना पड़ता है। सीन कहते हैं कि सबसे मुश्किल दिन वो होते हैं जब उन्हें नहाने के लिए उठना पड़ता है। इसके लिए भी उनकी एक दोस्त केट मदद करती हैं।
रिनी बताती हैं कि सीन को अक्सर ही घाव होते रहते हैं इसलिए जरूरी है कि उनकी सफाई हो वरना ये बढ़ते जाएंगे। सीन को जब पेट के बल पलटा जाता है तो उन्हें सांस लेने में भी परेशानी आती है। सीन कहते हैं कि ये बहुत शर्मिंदगी भरी स्थिति है। उनके पैरों और घुटनों में सबसे ज्यादा दर्द होता है। सीन जिंदगी भर अपने वजन के साथ ऐसे ही लड़ते आए हैं। आस पड़ोस के बच्चों में से भी वे सबसे मोटे रहे हैं।
अपने मोटापे के कारण उनका स्कूल में भी मजाक उड़ता था। उसी दौरान उनके मां-बाप का ताक हुआ तो सीन इस सदमे को झेलने के लिए खाने पर निर्भर हो गए। अपना दुख दूर करने के लिए वे और ज्यादा
खाने लगे। सीन जानते हैं कि अगर उन्होंने वजन पर नियंत्रण नहीं पाया तो वो पांच साल से ज्यादा और नहीं जिंदा रहेंगे। उनकी मां भी वजन घटाने की सर्जरी के लिए कई चक्कर लगाती रहती हैं।
सीन कहते हैं,''मैं अपने शरीर का गुलाम हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था मेरी जिंदगी का ऐसा हाल होगा।'' शायद इसीलिए कहा जाता है कि गुस्से या दुख में और ज्यादा खाना खाने के बजाए इस आदत पर कंट्रोल रखना चाहिए। वरना हश्र वैसा ही हो सकता है जैसा सीन का हुआ।
मोटापा जानलेवा भी हो सकता है, ये ऐसे ही नहीं कहा जाता है। इसके पीछे सच्चाई भी है और वो इस आदमी से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। कैलीफॉर्निया के रहने वाले सीन मिलिकिन को कोई उम्मीद नहीं है कि वे अपने 30वें जन्मदिन तक भी जिंदा रह पाएंगे।
इस आदमी का वजन 408 किलो है औऱ इसकी उम्र मात्र 25 साल। टीएलसी चैनल पर प्रचारित हुए एक शो में इसने अपनी कहानी बताई। सीन ने बताया कि शरीर पर इतनी ज्यादा खाल होने के कारण वो आपस में रगड़ती है औऱ उसे घाव हो जाते हैं। इसका मोटापा इतना है कि ये टॉयलेट तक नहीं जा पाता और बाल्टी में ही करना पड़ता है।
सीन का वजन इतना है कि ये 30 सेकेंड भी खड़ा नहीं हो सकता। इसीलिए ये अपना एक भी काम खुद नहीं कर पाता। सीन के कमरे में छत से एक रस्सी लटकी रहती है जिसे पकड़ कर ही वो उठ पाता है ताकि बिस्तर के पास रखी बाल्टी उठा सके और टॉयलेट कर सके।
सीन की मां रिनी बताती हैं कि उन्हें ही सीन का सिर से पांव तक ख्याल रखना पड़ता है। सीन कहते हैं कि सबसे मुश्किल दिन वो होते हैं जब उन्हें नहाने के लिए उठना पड़ता है। इसके लिए भी उनकी एक दोस्त केट मदद करती हैं।
रिनी बताती हैं कि सीन को अक्सर ही घाव होते रहते हैं इसलिए जरूरी है कि उनकी सफाई हो वरना ये बढ़ते जाएंगे। सीन को जब पेट के बल पलटा जाता है तो उन्हें सांस लेने में भी परेशानी आती है। सीन कहते हैं कि ये बहुत शर्मिंदगी भरी स्थिति है। उनके पैरों और घुटनों में सबसे ज्यादा दर्द होता है। सीन जिंदगी भर अपने वजन के साथ ऐसे ही लड़ते आए हैं। आस पड़ोस के बच्चों में से भी वे सबसे मोटे रहे हैं।
अपने मोटापे के कारण उनका स्कूल में भी मजाक उड़ता था। उसी दौरान उनके मां-बाप का ताक हुआ तो सीन इस सदमे को झेलने के लिए खाने पर निर्भर हो गए। अपना दुख दूर करने के लिए वे और ज्यादा
खाने लगे। सीन जानते हैं कि अगर उन्होंने वजन पर नियंत्रण नहीं पाया तो वो पांच साल से ज्यादा और नहीं जिंदा रहेंगे। उनकी मां भी वजन घटाने की सर्जरी के लिए कई चक्कर लगाती रहती हैं।
सीन कहते हैं,''मैं अपने शरीर का गुलाम हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था मेरी जिंदगी का ऐसा हाल होगा।'' शायद इसीलिए कहा जाता है कि गुस्से या दुख में और ज्यादा खाना खाने के बजाए इस आदत पर कंट्रोल रखना चाहिए। वरना हश्र वैसा ही हो सकता है जैसा सीन का हुआ।
केरल के मंत्रियों को 'सेक्स जाल' में फंसाने वाली मैं नही और भी हैं
Present by - toc news @ sarita nayar
कोच्चि : सूर्य उर्जा की डील पर केरल सरकार का सूर्य अब अस्त होने पर आमादा है। ग्लेमर गर्ल सरिता एस. नायर ने आज फिर सनसनीखेज खुलासा किया है। सरिता नायर ने ओमान चांडी पर आरोप लगाये हैं कि उन्होंने उसे रेन्युबल एनर्जी बिजनेस के क्षेत्र में एक कंपनी शुरू करने का आग्रह किया था, जिसमे ओमान चांडी के पुत्र समेत उनके परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे। सरिता नायर ने जस्टिस श्रीवरजन आयोग के सामने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री चांडी से कंपनी शुरू करने के सम्बन्ध में भी बातचीत की थी। सरिता ने आयोग क सामने बताया कि मैंने उन्हें उनके परिवार के सदस्यों के साथ एक सहकारी संस्था बनाने की भी बात की थी।
सोलर घोटाले में आरोपी सरिता के कई खुलासों से सबको हिलाकर रख दिया है। सरिता ने चांडी पर आरोप लगाया कि वह एक अमेरिकी फर्म में भी पार्टनर थे और उनसे कहा गया था कि वह उस कंपनी का इस्तेमाल सोलर पेनल में आयात में इस्तेमाल किया जा सकता है।
मैंने चांडी से कभी सेक्स सम्बन्ध नही रखे
सरिता नायर ने इन आरोपों से इंकार किया कि उनके चांडी के साथ अवैध सम्बन्ध थे लेकिन यह बात स्वीकार की कि उनके सीएम चांडी के पुत्र से कारोबारी रिश्ते जरूर थे। उन्होंने कहा कि सीएम चांडी के साथ उनके सेक्सुअल रिश्तों की बात पूरी तरह दुर्भाग्यपूर्ण है। सरिता ने कहा कि वह कभी चांडी ऐसी आपत्तिजनक स्थिति में नही रही जैसा कि उन पर आरोप लगाया जा रहा है। सरिता ने कहा कि वह इस तरह की कहानियों की नायिका नही हैं।
इस कहानी की नायिका कोई और है !
सरिता ने कहा कि इस मामले में एक और महिला किरदार हैं जिसके इस पूरे मामले में इस तरह के सम्बन्ध कई नेताओं से हैं जिसको उसने खुद देखा है। लेकिन वह उसके नाम का खुलासा नही करेगी। उसने कहा कि मेरे पास इसको साबित करने के लिए अभी कोई सबूत मौजूद भी नहीं हैं। सरिता ने कहा कि उसका नाम बताने से किसी की प्राइवेसी को नुकसान पहुँच सकता है।
नेताओं का आपत्तिजनक विडियो मैंने देखा है
सरिता ने दावा किया कि उसने वह वीडियो देखा है जिसमे सीएम चांडी समेत कई नेताओं को दुबई यात्रा के दौरान एक आपत्तिजनक विडियो में देखा गया है। सरिता ने कहा कि उन्हें शक है कि राधा कृष्णन ने उस वीडियो की जानकारी मीडिया तक केबिनेट में फेरबदल के डर से दी। गौरतलब है कि सोलर घोटाले ने सरिता ने केरल के मुख्यमंत्री ओमान चंडी चांडी पर करोड़ों की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
Friday, March 25, 2016
आजाद नगर थाना के ti पर मुकदमा दर्ज करने की मांग
आजाद नगर थाना
होली मनाने जा रहे युवको को टीआई ने इतनी बेरहमी से पीटा कि एक युवक का अण्डकोष ही निकालना पड़ गया । आजाद नगर टीआई के एल दांगी के खिलाफ के संघ कार्यकर्ता के लोग शुक्रवार क ो पुलिस कंट्रोल रुम पहुचे । पिंटु नामक युवक के गुप्तांग के गंभीर चोट आई है और उसका अण्डकोष निकालना पडा। पिंटु और उसके साथी अण्डकोष लेकर सीएसपी पारुल बेलारपुरकर के पास पहुचे और कार्यवाही की मांग की । उनका कहना है कि टीआई ने दादागिरी कर हमें बहुत बुरी तरह पीटा है ।टीआई पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज होना चाहिए । अगर पुलिस ने कार्यवाही नही की तो हम उग्र आंदोलन करेगे । ये सभी युवक संघ कार्यकर्ता है ।
होली मनाने जा रहे युवको को टीआई ने इतनी बेरहमी से पीटा कि एक युवक का अण्डकोष ही निकालना पड़ गया । आजाद नगर टीआई के एल दांगी के खिलाफ के संघ कार्यकर्ता के लोग शुक्रवार क ो पुलिस कंट्रोल रुम पहुचे । पिंटु नामक युवक के गुप्तांग के गंभीर चोट आई है और उसका अण्डकोष निकालना पडा। पिंटु और उसके साथी अण्डकोष लेकर सीएसपी पारुल बेलारपुरकर के पास पहुचे और कार्यवाही की मांग की । उनका कहना है कि टीआई ने दादागिरी कर हमें बहुत बुरी तरह पीटा है ।टीआई पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज होना चाहिए । अगर पुलिस ने कार्यवाही नही की तो हम उग्र आंदोलन करेगे । ये सभी युवक संघ कार्यकर्ता है ।
विधानसभा चुनाव 2017 के लिए उत्तर प्रदेश सपा प्रत्याशियों की पूरी सूची जारी
Present by - toc news
लखनऊ- मंत्री शिवपाल यादव ने विधानसभा चुनाव 2017 के लिए सपा ने 143 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए- बेहट- उमल अली खान, सहारनपुर नगर- संजय गर्ग, सहारनपुर देहात- अब्दुल वाहिद को सपा का टिकट, रामपुर मनिहारन (सु)- विश्व दयाल छोटन, गंगोह- रुद्रसेन चौधरी, भवन- किरनपाल कश्यप, शामली- मनीष कुमार चौहान, चरथावल- मुकेश कुमार चौधरी, पुरकाजी (सु)- उमा किरन, खतौली- श्याम लाल बच्ची सैनी, मीरापुर- शहनवाज राणा, नजीबाबाद- अबरार आलम, बढ़ापुर- शेख सुलेमान, नहटौर (सु)- मुन्ना लाल प्रेमी, चांदपुर-शेरबाज पठान, नूरपुर- नईमुल हसन, कांठ- अनीसुर्रहमान, सरधना- अतुल प्रधान, मेरठ कैंट- सरदार परविंदर सिंह, मेरठ- शहर रफीक अंसारी
मेरठ दक्षिणी- आजी आदिल चौधरी, छपरौली- तराबुद्दीन, बड़ौत- चौधरी साहब सिंह, बागपत- कुलदीप उज्जवल, लोनी- ईश्वर मावी, मुरादानगर-दिशांत त्यागी, साहिबाबाद- राशिद मलिक, गाजियाबाद- सागर शर्मा, मोदीनगर- रामआसरे शर्मा, हापुड़ (सु)- तेजपाल सिंह, नोएडा- अशोक कुमार चौहान, दादरी- विक्रम सिंह भाटी, सिकंदराबाद- अब्दुल रब, बुलंदशहर- मो. मुस्तकीम अल्वी, अनूपशहर- हिमायत अली, खुर्जा (सु)- सुनीता चौहान, खैर (सु)- प्रशांत कुमार बाल्मिकी, बरौली- सुभाष बाबू लोधी, इग्लास(सु) से कन्हैया लाल दिवाकर, हाथरस(सु) से रामनारायण काके, सिकंदराराऊ- यशपाल सिंह चौहान, छाता- लोकमणि कांत जादौन,
मांठ- जगदीश नोहवार, गोवर्धन- किशोर सिंह, एत्मादपुर- प्रेम सिंह बघेल, आगरा कैंट (सु) से चंद्रसेन टपलू, आगरा ग्रामीण- प्रेम लता दिवाकर, फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर को सपा का टिकट, खैरागढ़ से विनोद कुमार सिकरवार को सपा का टिकट, फतेहाबाद से डॉ. राजेंद्र सिंह, टूंडला (सु) से महराज सिंह धनगर, फिरोजाबाद से शमशाद अहमद बाबा को सपा का टिकट, अमापुर से वीरेंद्र सिंह सोलंकी, बिल्सी से उदयवीर सिंह शाक्य, दातागंज से अवनीश यादव, बिथरी चैनपुर से वीरपाल सिंह यादव, बरेली शहर से शेर अली जाफरी आल्वी को सपा का टिकट, बरेली कैंट से हाजी इस्लाम बाबू, आंवला- महिपाल सिंह यादव, बीसलपुर- नीरज गंगवार, जलालाबाद- शरदवीर सिंह, तिलहर - अनवर अली, शाहजहांपुर - तनवीर अहमद खां, पलिया - अनीता यादव, धौरहरा - यशपाल चौधरी, मोहम्मदी - आरए उस्मानी, हरगांव(सु)-मनोज कुमार राजवंशी, लहरपुर - अनिल कुमार वर्मा, सवाइजपुर- पद्मराग सिंह यादव, बिलग्राम मल्लावां-सुभाष पाल, मोहान (सु)-भगवती प्रसाद, उन्नाव-मनीषा दीपक, लखनऊ पूर्वी-डॉ. श्वेता सिंह, तिलोई- मयंकेश्वर सिंह, रायबरेली सदर- आरपी यादव, जगदीशपुर (सु)-विजय कुमार पासी, फर्रूखाबाद-विजय सिंह, सिकंदरा- महेंद्र कटियार, गोविंदनगर - सुनील शुक्ला,आर्यनगर- रीता बहादुर सिंह, किदवईनगर - ओमप्रकाश मिश्रा, कानपुर कैंट- हाजी परवेज अंसारी,महाराजपुर-अरुणा तोमर, माधवगढ़- लाखन सिंह कुशवाहा, कालपी- विष्णुपाल सिंह, ललितपुर- ज्योति लोधी, महरौनी (सु)- रमेश कुमार खटीक, राठ (सु)- अम्बेश कुमारी, महोबा- सिद्ध गोपाल साहू, तिंदवारी- दीपा सिंह गौर, नरैनी (सु)- भरत लाल दिवाकर,
बांदा- देवराज गुप्ता, मानिकपुर- निर्भय सिंह पटेल, बिंदकी- समरजीत सिंह, फतेहपुर- चंद्रप्रकाश लोधी, अययाशाह- दलजीत निषाद, हुसैनगंज- मो. शफीर, खागा (सु)- ओमप्रकाश गिहार, विश्वनाथगंज- संजय पांडेय
मंझनपुर (सु)- हेमंत कुमार टुन्नू, चायल- चंद्रबलि सिंह पटेल, करछना-उज्जवल रमण सिंह, इलाहाबाद पश्चिम-ज्योति यादव, कोरांव (सु) - रामदेव निडर कोल,रूदौली-अब्बास अली जैदी, महसी- राजेश त्रिपाठी, कैसरगंज-रामतेज यादव, कटराबाजार- बैजनाथ दूबे, बांसी- लालाजी यादव, डुमरियागंज - कमाल यूसुफ, कप्तानगंज - राणा सिंह किंकर, रुदौली- अनूप पांडेय, खलीलाबाद- सुबोध चंद्र यादव, पनियारा - कृष्णभान सिंह सैथवार, कैम्पियरगंज-चिंता यादव, गोरखपुर सदर - संजय सिंह, सहजनवा-यशपाल सिंह रावत, खजनी (सु)- जोखू पासवान, चौरीचौरा - केशव यादव, बांसगांव- संजय कुमार पहलवान, चिल्लूपार- राजेंद्र सिंह
खड्डा- नथुनी कुशवाहा, पडरौना- विजेंद्र पाल सिंह यादव, तमुकुहीराज - पीके राय, फाजिलनगर- विश्वनाथ सिंह, रुद्रपुर - प्रदीप यादव, मुबारकपुर- रामदर्शन यादव, मधुवन- राजेंद्र मिश्रा, मऊ- अल्ताफ अंसारी
रसड़ा- सनातन पांडेय, फेफना- अम्बिका चौधरी, जौनपुर- मो. जावेद सिद्दीकी, मुंगराबादशाहपुर- ज्वाला प्रसाद, मोहम्दाबाद- राजेश कुशवाहा, मुगलसराय-बाबूलाल यादव, सकलडीहा- प्रभुनारायण सिंह यादव को सपा का टिकट, पिंड्रा- रामबालक सिंह पटेल, अजगरा (सु)- लालजी सोनकर, शिवपुर-अरविंद कुमार मौर्य,वाराणसी उत्तरी-अब्दुल समद अंसारी, वाराणसी दक्षिण - अशफाक अहमद डब्ल्यू को टिकट, वाराणसी कैंट से रीबू श्रीवास्वत को सपा का टिकट
लखनऊ- मंत्री शिवपाल यादव ने विधानसभा चुनाव 2017 के लिए सपा ने 143 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए- बेहट- उमल अली खान, सहारनपुर नगर- संजय गर्ग, सहारनपुर देहात- अब्दुल वाहिद को सपा का टिकट, रामपुर मनिहारन (सु)- विश्व दयाल छोटन, गंगोह- रुद्रसेन चौधरी, भवन- किरनपाल कश्यप, शामली- मनीष कुमार चौहान, चरथावल- मुकेश कुमार चौधरी, पुरकाजी (सु)- उमा किरन, खतौली- श्याम लाल बच्ची सैनी, मीरापुर- शहनवाज राणा, नजीबाबाद- अबरार आलम, बढ़ापुर- शेख सुलेमान, नहटौर (सु)- मुन्ना लाल प्रेमी, चांदपुर-शेरबाज पठान, नूरपुर- नईमुल हसन, कांठ- अनीसुर्रहमान, सरधना- अतुल प्रधान, मेरठ कैंट- सरदार परविंदर सिंह, मेरठ- शहर रफीक अंसारी
मेरठ दक्षिणी- आजी आदिल चौधरी, छपरौली- तराबुद्दीन, बड़ौत- चौधरी साहब सिंह, बागपत- कुलदीप उज्जवल, लोनी- ईश्वर मावी, मुरादानगर-दिशांत त्यागी, साहिबाबाद- राशिद मलिक, गाजियाबाद- सागर शर्मा, मोदीनगर- रामआसरे शर्मा, हापुड़ (सु)- तेजपाल सिंह, नोएडा- अशोक कुमार चौहान, दादरी- विक्रम सिंह भाटी, सिकंदराबाद- अब्दुल रब, बुलंदशहर- मो. मुस्तकीम अल्वी, अनूपशहर- हिमायत अली, खुर्जा (सु)- सुनीता चौहान, खैर (सु)- प्रशांत कुमार बाल्मिकी, बरौली- सुभाष बाबू लोधी, इग्लास(सु) से कन्हैया लाल दिवाकर, हाथरस(सु) से रामनारायण काके, सिकंदराराऊ- यशपाल सिंह चौहान, छाता- लोकमणि कांत जादौन,
मांठ- जगदीश नोहवार, गोवर्धन- किशोर सिंह, एत्मादपुर- प्रेम सिंह बघेल, आगरा कैंट (सु) से चंद्रसेन टपलू, आगरा ग्रामीण- प्रेम लता दिवाकर, फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर को सपा का टिकट, खैरागढ़ से विनोद कुमार सिकरवार को सपा का टिकट, फतेहाबाद से डॉ. राजेंद्र सिंह, टूंडला (सु) से महराज सिंह धनगर, फिरोजाबाद से शमशाद अहमद बाबा को सपा का टिकट, अमापुर से वीरेंद्र सिंह सोलंकी, बिल्सी से उदयवीर सिंह शाक्य, दातागंज से अवनीश यादव, बिथरी चैनपुर से वीरपाल सिंह यादव, बरेली शहर से शेर अली जाफरी आल्वी को सपा का टिकट, बरेली कैंट से हाजी इस्लाम बाबू, आंवला- महिपाल सिंह यादव, बीसलपुर- नीरज गंगवार, जलालाबाद- शरदवीर सिंह, तिलहर - अनवर अली, शाहजहांपुर - तनवीर अहमद खां, पलिया - अनीता यादव, धौरहरा - यशपाल चौधरी, मोहम्मदी - आरए उस्मानी, हरगांव(सु)-मनोज कुमार राजवंशी, लहरपुर - अनिल कुमार वर्मा, सवाइजपुर- पद्मराग सिंह यादव, बिलग्राम मल्लावां-सुभाष पाल, मोहान (सु)-भगवती प्रसाद, उन्नाव-मनीषा दीपक, लखनऊ पूर्वी-डॉ. श्वेता सिंह, तिलोई- मयंकेश्वर सिंह, रायबरेली सदर- आरपी यादव, जगदीशपुर (सु)-विजय कुमार पासी, फर्रूखाबाद-विजय सिंह, सिकंदरा- महेंद्र कटियार, गोविंदनगर - सुनील शुक्ला,आर्यनगर- रीता बहादुर सिंह, किदवईनगर - ओमप्रकाश मिश्रा, कानपुर कैंट- हाजी परवेज अंसारी,महाराजपुर-अरुणा तोमर, माधवगढ़- लाखन सिंह कुशवाहा, कालपी- विष्णुपाल सिंह, ललितपुर- ज्योति लोधी, महरौनी (सु)- रमेश कुमार खटीक, राठ (सु)- अम्बेश कुमारी, महोबा- सिद्ध गोपाल साहू, तिंदवारी- दीपा सिंह गौर, नरैनी (सु)- भरत लाल दिवाकर,
बांदा- देवराज गुप्ता, मानिकपुर- निर्भय सिंह पटेल, बिंदकी- समरजीत सिंह, फतेहपुर- चंद्रप्रकाश लोधी, अययाशाह- दलजीत निषाद, हुसैनगंज- मो. शफीर, खागा (सु)- ओमप्रकाश गिहार, विश्वनाथगंज- संजय पांडेय
मंझनपुर (सु)- हेमंत कुमार टुन्नू, चायल- चंद्रबलि सिंह पटेल, करछना-उज्जवल रमण सिंह, इलाहाबाद पश्चिम-ज्योति यादव, कोरांव (सु) - रामदेव निडर कोल,रूदौली-अब्बास अली जैदी, महसी- राजेश त्रिपाठी, कैसरगंज-रामतेज यादव, कटराबाजार- बैजनाथ दूबे, बांसी- लालाजी यादव, डुमरियागंज - कमाल यूसुफ, कप्तानगंज - राणा सिंह किंकर, रुदौली- अनूप पांडेय, खलीलाबाद- सुबोध चंद्र यादव, पनियारा - कृष्णभान सिंह सैथवार, कैम्पियरगंज-चिंता यादव, गोरखपुर सदर - संजय सिंह, सहजनवा-यशपाल सिंह रावत, खजनी (सु)- जोखू पासवान, चौरीचौरा - केशव यादव, बांसगांव- संजय कुमार पहलवान, चिल्लूपार- राजेंद्र सिंह
खड्डा- नथुनी कुशवाहा, पडरौना- विजेंद्र पाल सिंह यादव, तमुकुहीराज - पीके राय, फाजिलनगर- विश्वनाथ सिंह, रुद्रपुर - प्रदीप यादव, मुबारकपुर- रामदर्शन यादव, मधुवन- राजेंद्र मिश्रा, मऊ- अल्ताफ अंसारी
रसड़ा- सनातन पांडेय, फेफना- अम्बिका चौधरी, जौनपुर- मो. जावेद सिद्दीकी, मुंगराबादशाहपुर- ज्वाला प्रसाद, मोहम्दाबाद- राजेश कुशवाहा, मुगलसराय-बाबूलाल यादव, सकलडीहा- प्रभुनारायण सिंह यादव को सपा का टिकट, पिंड्रा- रामबालक सिंह पटेल, अजगरा (सु)- लालजी सोनकर, शिवपुर-अरविंद कुमार मौर्य,वाराणसी उत्तरी-अब्दुल समद अंसारी, वाराणसी दक्षिण - अशफाक अहमद डब्ल्यू को टिकट, वाराणसी कैंट से रीबू श्रीवास्वत को सपा का टिकट
होली पर नशे में धुत पति ने की ऐसी हरकत, गुस्से में पत्नी ने काट दिया प्राइवेट पार्ट
Mar 25, 2016 @ toc news
वाराणसी। होलियाना मूड में शराब के नशे में धुत पति ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि अपनी पत्नी के साथ जबरदस्ती करने पर उसे जिंदगी भर का दर्द सहना होगा। शराबी पति को सबक सिखाने के लिए पत्नी ने ऐसा कदम उठाया कि आप भी किसी महिला के साथ उसकी इच्छा के विपरीत सेक्स करने से पहले सौ बार सोचेंगे।
वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के कटारी गांव में जबरन शारीरिक संबंध बना रहे पति के गुप्तांग पर पत्नी ने हंसुआ से प्रहार कर दिया। पति का यह रूप देख पति का नशा काफूर हो गया। मामला थाने तक पहुंचा लेकिन दोनों पक्षों के बीच हुई पंचायत व ग्राम प्रधान प्यारेलाल के हस्तक्षेप पर मामला रफा-दफा हो गया।
शराब के नशे में था इसलिए कर रही थी इंकार
कटारी गांव निवासी तीस वर्षीय छेदी मजदूरी करता है। होली के दिन सुबह से ही शराब के नशे में धुत था। दोस्तों के साथ होली खेलने के बाद नशे में धुत होकर पहुंचे छेदी ने अपनी पत्नी को पकड़ लिया और जबरन कमरे में ले गया। वहां उसने सेक्स की इच्छा जाहिर की। पत्नी ने शराब के नशे में सेक्स करने से इंकार कर दिया। नशे के चलते हवस की भूख इस कदर सवार थी कि पति ने पत्नी ने कपड़े फाड़ डाले और जबरदस्ती सेक्स करने लगा। आए दिन शराब के नशे में इस शरीर के रौंदे जाने से आहत पत्नी के सब्र का बांध टूट गया और उसने कमरे में रखे हंसुआ से पति के गुप्तांग पर प्रहार कर दिया। गुप्तांग के कटते ही पति का सारा नशा काफूर हो गया। खून से लथपथ पति को लोग समीप के अस्पताल ले गए जहां उसका उपचार हुआ। उपचार के बाद पति ने पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उधर पत्नी के मायके वाले भी आ गए। नशा उतरने के बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर पंचायत हुई। थाने और पंचायत में दोनों जगह पति का पलड़ा कमजोर था। बाद में ग्राम प्रधान के हस्तक्षेप पर दोनों पक्षों के बीच सुलह-समझौता हो गया।
वाराणसी। होलियाना मूड में शराब के नशे में धुत पति ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि अपनी पत्नी के साथ जबरदस्ती करने पर उसे जिंदगी भर का दर्द सहना होगा। शराबी पति को सबक सिखाने के लिए पत्नी ने ऐसा कदम उठाया कि आप भी किसी महिला के साथ उसकी इच्छा के विपरीत सेक्स करने से पहले सौ बार सोचेंगे।
वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के कटारी गांव में जबरन शारीरिक संबंध बना रहे पति के गुप्तांग पर पत्नी ने हंसुआ से प्रहार कर दिया। पति का यह रूप देख पति का नशा काफूर हो गया। मामला थाने तक पहुंचा लेकिन दोनों पक्षों के बीच हुई पंचायत व ग्राम प्रधान प्यारेलाल के हस्तक्षेप पर मामला रफा-दफा हो गया।
शराब के नशे में था इसलिए कर रही थी इंकार
कटारी गांव निवासी तीस वर्षीय छेदी मजदूरी करता है। होली के दिन सुबह से ही शराब के नशे में धुत था। दोस्तों के साथ होली खेलने के बाद नशे में धुत होकर पहुंचे छेदी ने अपनी पत्नी को पकड़ लिया और जबरन कमरे में ले गया। वहां उसने सेक्स की इच्छा जाहिर की। पत्नी ने शराब के नशे में सेक्स करने से इंकार कर दिया। नशे के चलते हवस की भूख इस कदर सवार थी कि पति ने पत्नी ने कपड़े फाड़ डाले और जबरदस्ती सेक्स करने लगा। आए दिन शराब के नशे में इस शरीर के रौंदे जाने से आहत पत्नी के सब्र का बांध टूट गया और उसने कमरे में रखे हंसुआ से पति के गुप्तांग पर प्रहार कर दिया। गुप्तांग के कटते ही पति का सारा नशा काफूर हो गया। खून से लथपथ पति को लोग समीप के अस्पताल ले गए जहां उसका उपचार हुआ। उपचार के बाद पति ने पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उधर पत्नी के मायके वाले भी आ गए। नशा उतरने के बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर पंचायत हुई। थाने और पंचायत में दोनों जगह पति का पलड़ा कमजोर था। बाद में ग्राम प्रधान के हस्तक्षेप पर दोनों पक्षों के बीच सुलह-समझौता हो गया।
पोर्न करियर से जुड़े सवाल पूछने पर पत्रकार पर भड़कीं सनी, जड़ा तमाचा
Present by _ toc news
मुंबई। पोर्न स्टार से बॉलीवुड स्टार सनी लियोनी होली सेलिब्रेशन के लिए गुरुवार को गुजरात की हीरानगरी सूरत पहुंची। डुमस बीच पर होली सेलिब्रेशन का आयोजन हुआ। सनी लियोनी ने इस दौरान बॉलीवुड सॉन्ग्स पर डांस किया। उन्होंने सूरतवासियों के साथ जमकर सेल्फी भी ली। पोर्न
कॅरियर के बारे में सवाल पूछने वाले को जड़ा तमाचा...
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सनी लियोनी डुमस बीच पर टीजीबी होटल में ठहरी थीं। एक व्यक्ति ने इसी दौरान पत्रकार के रूप में अपनी पहचान बताई और लियोनी से सवाल पूछने शुरू कर दिए।
इसी दौरान उस व्यक्ति ने उनके पोर्न कॅरियर संबंधी कुछ अभद्र सवाल करने शुरू कर दिए।
इस पर सनी भड़क उठीं। सनी लियोनी ने सवाल का जवाब न देते हुए सीधे उसके गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद किसी भी पत्रकार के सवाल का जवाब देने से मना कर दिया और होटल के रूम में चली गईं।
रद्द की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दोपहर को होली सेलिब्रेशन के बाद लियोनी प्रेंस कॉन्फ्रेंस भी करने वाली थीं। कार्यक्रम के आयोजकों ने इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक और अखबारों के पत्रकारों को भी सूचना दे दी थी। होटल में हुई घटना के चलते सनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी और होटल में भी किसी भी पत्रकार से मिलने से साफ मना कर दिया।
मुंबई। पोर्न स्टार से बॉलीवुड स्टार सनी लियोनी होली सेलिब्रेशन के लिए गुरुवार को गुजरात की हीरानगरी सूरत पहुंची। डुमस बीच पर होली सेलिब्रेशन का आयोजन हुआ। सनी लियोनी ने इस दौरान बॉलीवुड सॉन्ग्स पर डांस किया। उन्होंने सूरतवासियों के साथ जमकर सेल्फी भी ली। पोर्न
कॅरियर के बारे में सवाल पूछने वाले को जड़ा तमाचा...
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सनी लियोनी डुमस बीच पर टीजीबी होटल में ठहरी थीं। एक व्यक्ति ने इसी दौरान पत्रकार के रूप में अपनी पहचान बताई और लियोनी से सवाल पूछने शुरू कर दिए।
इसी दौरान उस व्यक्ति ने उनके पोर्न कॅरियर संबंधी कुछ अभद्र सवाल करने शुरू कर दिए।
इस पर सनी भड़क उठीं। सनी लियोनी ने सवाल का जवाब न देते हुए सीधे उसके गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद किसी भी पत्रकार के सवाल का जवाब देने से मना कर दिया और होटल के रूम में चली गईं।
रद्द की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दोपहर को होली सेलिब्रेशन के बाद लियोनी प्रेंस कॉन्फ्रेंस भी करने वाली थीं। कार्यक्रम के आयोजकों ने इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक और अखबारों के पत्रकारों को भी सूचना दे दी थी। होटल में हुई घटना के चलते सनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी और होटल में भी किसी भी पत्रकार से मिलने से साफ मना कर दिया।
औबेदुल्लागंज CMO की पत्नी और बेटी की हत्या......
Toc news
रायसेन_भोपाल से 30 किमी दूर स्थित औबेदुल्लागंज में गुरुवार दोपहर को नगर परिषद के सीएमओ की पत्नी और बेटी की अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अफसर घटनास्थल पर पहुंच गए थे। दोपहर लगभग तीन बजे घटना की जानकारी मिलने के बाद नगर में सनसनी फैल गई। तमाम जांच पड़ताल के बाद पुलिस देर शाम तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी। आईजी ने अज्ञात हत्यारों का सुराग देने वाले को 25 हजार रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है।
ये है पूरा मामलानगर परिषद औबेदुल्लागंज में सीएमओ के पद पर पदस्थ भूपेंद्र सिंह सुबह नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ नगर के भ्रमण पर निकले थे। घर में उनकी पत्नी मृदुला सिंह (45), दो बेटियां प्रतिक्षा और प्रतिभा के अलावा भाई नरेंद्र सिंह थे। CMO के जाने के बाद एक बेटा और बेटी घर से निकल गए थे। बेटी ट्यूशन के लिए और बेटा अपने कारोबार के सिलसिले में गया था। दोपहर लगभग तीन बजे जब छोटी बेटी प्रतिभा वापस लौटी तो घर के बाहर ताला लगा हुआ था। उसने पिता भूपेंद्र सिंह को फोन करके बुलाया।
ताला खोलने पर जब वे अंदर पहुंचे तो हालात देखकर दंग रह गए। घर में उनकी 22 वर्षीय बेटी प्रतिक्षा की खून से सनी लाश पड़ी थी, जबकिपत्नी मृदुला गंभीर रूप से घायल थी, उनकी सांस चल रही थी। भूपेंद्र सिंह ने तत्काल पुलिस और अन्य लोगों को घटना की जानकारी दी। पत्नी मृदुला को तुरंत भोपाल के लिए रवाना किया गया, कुछ दूर जाने के बाद रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
इस सनसनीखेज वारदात की जानकारी मिलते ही IG सतीश सक्सेना, कलेक्टर जेके जैन, SP दीपक वर्मा सहित अन्य अधिकारी औबेदुल्लागंज पहुंच गए थे। देर शाम आईजी सक्सेना ने हत्यारों का सुराग देने वाले को 25 हजार रुपए ईनाम देने की घोषणा की है। FSL सहित अन्य पुलिस दल घटना स्थल की जांच और साक्ष्य एकत्र करने में लगे रहे।
बाहर से लगा गए तालाअज्ञात हत्यारे वारदात को अंजाम देने के बाद भूपेंद्र सिंह के घर के बाहर वाले दरवाजे पर ताला डालकर गए, ताकि किसी को तुरंत घटना की जानकारी नहीं मिल सके। भूपेंद्र सिंह का मकान नगर के वार्ड 14 में मुख्य मार्ग से लगभग 50 फीट अंदर है, जिससे हमलावरों को वारदात को अंजाम देने में आसानी रही।
रायसेन_भोपाल से 30 किमी दूर स्थित औबेदुल्लागंज में गुरुवार दोपहर को नगर परिषद के सीएमओ की पत्नी और बेटी की अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अफसर घटनास्थल पर पहुंच गए थे। दोपहर लगभग तीन बजे घटना की जानकारी मिलने के बाद नगर में सनसनी फैल गई। तमाम जांच पड़ताल के बाद पुलिस देर शाम तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी। आईजी ने अज्ञात हत्यारों का सुराग देने वाले को 25 हजार रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है।
ये है पूरा मामलानगर परिषद औबेदुल्लागंज में सीएमओ के पद पर पदस्थ भूपेंद्र सिंह सुबह नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ नगर के भ्रमण पर निकले थे। घर में उनकी पत्नी मृदुला सिंह (45), दो बेटियां प्रतिक्षा और प्रतिभा के अलावा भाई नरेंद्र सिंह थे। CMO के जाने के बाद एक बेटा और बेटी घर से निकल गए थे। बेटी ट्यूशन के लिए और बेटा अपने कारोबार के सिलसिले में गया था। दोपहर लगभग तीन बजे जब छोटी बेटी प्रतिभा वापस लौटी तो घर के बाहर ताला लगा हुआ था। उसने पिता भूपेंद्र सिंह को फोन करके बुलाया।
ताला खोलने पर जब वे अंदर पहुंचे तो हालात देखकर दंग रह गए। घर में उनकी 22 वर्षीय बेटी प्रतिक्षा की खून से सनी लाश पड़ी थी, जबकिपत्नी मृदुला गंभीर रूप से घायल थी, उनकी सांस चल रही थी। भूपेंद्र सिंह ने तत्काल पुलिस और अन्य लोगों को घटना की जानकारी दी। पत्नी मृदुला को तुरंत भोपाल के लिए रवाना किया गया, कुछ दूर जाने के बाद रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
इस सनसनीखेज वारदात की जानकारी मिलते ही IG सतीश सक्सेना, कलेक्टर जेके जैन, SP दीपक वर्मा सहित अन्य अधिकारी औबेदुल्लागंज पहुंच गए थे। देर शाम आईजी सक्सेना ने हत्यारों का सुराग देने वाले को 25 हजार रुपए ईनाम देने की घोषणा की है। FSL सहित अन्य पुलिस दल घटना स्थल की जांच और साक्ष्य एकत्र करने में लगे रहे।
बाहर से लगा गए तालाअज्ञात हत्यारे वारदात को अंजाम देने के बाद भूपेंद्र सिंह के घर के बाहर वाले दरवाजे पर ताला डालकर गए, ताकि किसी को तुरंत घटना की जानकारी नहीं मिल सके। भूपेंद्र सिंह का मकान नगर के वार्ड 14 में मुख्य मार्ग से लगभग 50 फीट अंदर है, जिससे हमलावरों को वारदात को अंजाम देने में आसानी रही।
गुड फ्राइडे आज जब दो दिन बाद जीसस फिर से जीवित हो गए
जीसस ने क्रूस पर खून बहा कर मनुष्यों के पापों का प्रायश्चित किया
Toc news
ईस्टर की मूल भावना को समझने के लिए शुरुआत एक घटना से - गुड फ्राइडे के दिन चर्च में प्रार्थना चल रही थी। चर्च खचाखच भरा हुआ था। प्रार्थना की शुरुआत में पवित्र बाइबल से कुछ अंश पढ़े जाते हैं। उसके बाद फादर सरमन (उपदेश) देते हैं। फादर जैसे ही उपदेश देने के लिए खड़े हुए तो एक लड़का बूढ़ी महिला के साथ चर्च में आया। महिला से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। बहुतों ने उन्हें देखा लेकिन अपनी सीट से उठा कोई नहीं।
फादर ने मुझे पुकारा और कहा, मेरी कुर्सी इस महिला को दे दो। फादर का इतना कहना था कि कुछ युवाओं ने अपनी सीट छोड़ कर महिला को ऑफर की। मैंने कहा, बस एक ही कुर्सी चाहिए। फादर ने उपदेश शुरू करते हुए कहा कि हम यहां गुड फ्राइडे की प्रार्थना करने आए हैं। संडे को हम ईस्टर मनाएंगे।
क्या आपको पता है कि इनके पीछे भाव क्या है? ये हैं दया और क्षमा। एक बूढ़ी महिला चर्च में खड़ी है, वह चल नहीं पा रही है और हममें इतनी करुणा और दया नहीं कि उन्हें बैठने के लिये कह सकें। अपनी सीट दे सकें।
दया ही कारण : फादर ने कहा कि ईश्वर धरती पर क्यों आए? पवित्र बाइबल के अनुसार दुनिया में पाप इतना बढ़ गया था कि ईश्वर के पास दो ही विकल्प बचे थे। दुनिया का विनाश या फिर पापों का पछतावा। ईश्वर ने फैसला किया कि वह खुद इंसान का रूप धारण करके मनुष्य के पापों का पश्चाताप करेंगे और लोगों को जीने की राह दिखाएंगे।
ईस्टर का मतलब और महत्व : ईस्टर का महत्व दो तरीके से है। एक, जीसस ने लोगों को माफ करने का पाठ पढ़ाया। लोगों ने उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। मगर मरने से पहले उन्होने सबको माफ कर दिया। जीसस ने क्रूस पर खून बहा कर मनुष्यों के पापों का प्रायश्चित किया। जीसस को जिस दिन सूली पर चढ़ाया गया, उसे गुड फ्राइडे कहा जाता है। इसके दो दिन बाद जीसस फिर से जीवित हो गए। इससे लोगों में नई उम्मीदें जागीं। इस दिन को ईस्टर कहते हैं।
अप्रैल में ही क्यों ईस्टर : वेटिकन में थीऑलजी में पीएचडी कर रहे फादर जान प़ॉल का कहना है कि इसके पीछे तर्क यह है कि जिस वक्त जीसस को पकड़ा गया, तब इस्राइल में सर्दी जाने और गर्मी के आने का वक्त था। यही कारण है वेटिकन मौसम और चांद के घटने-बढ़ने के अनुसार गुड फ्राइडे और ईस्टर का दिन तय करता है। ईस्टर आमतौर पर अप्रैल में आता है।
Toc news
ईस्टर की मूल भावना को समझने के लिए शुरुआत एक घटना से - गुड फ्राइडे के दिन चर्च में प्रार्थना चल रही थी। चर्च खचाखच भरा हुआ था। प्रार्थना की शुरुआत में पवित्र बाइबल से कुछ अंश पढ़े जाते हैं। उसके बाद फादर सरमन (उपदेश) देते हैं। फादर जैसे ही उपदेश देने के लिए खड़े हुए तो एक लड़का बूढ़ी महिला के साथ चर्च में आया। महिला से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। बहुतों ने उन्हें देखा लेकिन अपनी सीट से उठा कोई नहीं।
फादर ने मुझे पुकारा और कहा, मेरी कुर्सी इस महिला को दे दो। फादर का इतना कहना था कि कुछ युवाओं ने अपनी सीट छोड़ कर महिला को ऑफर की। मैंने कहा, बस एक ही कुर्सी चाहिए। फादर ने उपदेश शुरू करते हुए कहा कि हम यहां गुड फ्राइडे की प्रार्थना करने आए हैं। संडे को हम ईस्टर मनाएंगे।
क्या आपको पता है कि इनके पीछे भाव क्या है? ये हैं दया और क्षमा। एक बूढ़ी महिला चर्च में खड़ी है, वह चल नहीं पा रही है और हममें इतनी करुणा और दया नहीं कि उन्हें बैठने के लिये कह सकें। अपनी सीट दे सकें।
दया ही कारण : फादर ने कहा कि ईश्वर धरती पर क्यों आए? पवित्र बाइबल के अनुसार दुनिया में पाप इतना बढ़ गया था कि ईश्वर के पास दो ही विकल्प बचे थे। दुनिया का विनाश या फिर पापों का पछतावा। ईश्वर ने फैसला किया कि वह खुद इंसान का रूप धारण करके मनुष्य के पापों का पश्चाताप करेंगे और लोगों को जीने की राह दिखाएंगे।
ईस्टर का मतलब और महत्व : ईस्टर का महत्व दो तरीके से है। एक, जीसस ने लोगों को माफ करने का पाठ पढ़ाया। लोगों ने उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। मगर मरने से पहले उन्होने सबको माफ कर दिया। जीसस ने क्रूस पर खून बहा कर मनुष्यों के पापों का प्रायश्चित किया। जीसस को जिस दिन सूली पर चढ़ाया गया, उसे गुड फ्राइडे कहा जाता है। इसके दो दिन बाद जीसस फिर से जीवित हो गए। इससे लोगों में नई उम्मीदें जागीं। इस दिन को ईस्टर कहते हैं।
अप्रैल में ही क्यों ईस्टर : वेटिकन में थीऑलजी में पीएचडी कर रहे फादर जान प़ॉल का कहना है कि इसके पीछे तर्क यह है कि जिस वक्त जीसस को पकड़ा गया, तब इस्राइल में सर्दी जाने और गर्मी के आने का वक्त था। यही कारण है वेटिकन मौसम और चांद के घटने-बढ़ने के अनुसार गुड फ्राइडे और ईस्टर का दिन तय करता है। ईस्टर आमतौर पर अप्रैल में आता है।
आज गुड फ्राइडे : प्रभु यीशु का बलिदान दिवस
आज गुड फ्राइडे : प्रभु यीशु का बलिदान दिवस
ओबेदुल्लागंज डबल मर्डर सीएमओ की बेटी और पत्नी हत्या
Toc news
रायसेन- ओबेदुल्लागंज डबल मर्डर मामले में आरोपियो की जानकारी देने पर इनाम की घोषणा।
आईजी होशंगाबाद सतीश सक्सेना ने की 25 हजार के इनाम की घोषणा।
सीएमओ के घर पर अज्ञात बदमाशो ने किया हमला।
घर में उनकी बेटी और पत्नी पर हुआ हमला।
बेटी की मौत औरपत्नी की मौत। नगर पंचायत सीएमओ भूपेंद्र सिंह के घर हुआ हमला।
होशंगाबाद रेंज के आईजी सतीश सक्सेना और एसपी दीपक वर्मा और कलेक्टर जेके जैन भी घटना स्थल पर पहुँचे।
भोपाल औरहोशंगाबाद से डॉग और एफएसएल टीम मौके पर पहुँची।
रायसेन- ओबेदुल्लागंज डबल मर्डर मामले में आरोपियो की जानकारी देने पर इनाम की घोषणा।
आईजी होशंगाबाद सतीश सक्सेना ने की 25 हजार के इनाम की घोषणा।
सीएमओ के घर पर अज्ञात बदमाशो ने किया हमला।
घर में उनकी बेटी और पत्नी पर हुआ हमला।
बेटी की मौत औरपत्नी की मौत। नगर पंचायत सीएमओ भूपेंद्र सिंह के घर हुआ हमला।
होशंगाबाद रेंज के आईजी सतीश सक्सेना और एसपी दीपक वर्मा और कलेक्टर जेके जैन भी घटना स्थल पर पहुँचे।
भोपाल औरहोशंगाबाद से डॉग और एफएसएल टीम मौके पर पहुँची।
Thursday, March 24, 2016
पुलिस ने रेप पीड़िता को पोर्न क्लिप दिखाकर पूछा- कौन से पोज में किया था
Toc news
नई दिल्ली। ओशिवारा इलाके की रहने वाली एक रेप पीड़िता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने बताया कि जब वह पुलिस के पास कंप्लेन करने पहुंची तो इंस्पेक्टर ने उसे जबरन पोर्न क्लिप दिखाई। फिर ब्लैकमेल कर उससे 50 हजार रुपए भी मांगे।
मिडडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता ने पुलिस इंस्पेक्टर परमेश्वर गनामे के खिलाफ उत्पीड़न और जबरन वसूली का मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़िता का आरोप है कि रेप की शिकायत लिखने के बदले में उसे जबरन अश्लील तस्वीरें दिखाई गईं।
तस्वीरों में यौन-संबंध वाले पोज के बार में पूछा गया। पीड़िता ने बताया कि इंस्पेक्टर गनामे ने उसे धमकाया कि अगर पैसों का इंतजाम नहीं किया तो उसके साथ हुए रेप की बात सबको बता देगा। पीड़िता की मानें तो गनामे ने उसे अश्लील तस्वीर दिखाकर पूछा कि तुम लोग ऐसा कैसे कर लेते हो, मेरी बीवी को ये सब आता ही नहीं है।
इंस्पेक्टर के खिलाफ पीड़िता ने ऑनलाइन FIR दर्ज की। लेकिन अब तक परमेश्वर गनामे के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़िता ने बताया कि साल 2015 में ब्रह्मभट्ट नाम के शख्स से फेसबुक पर उसकी दोस्ती हुई थी।
इसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ती गईं। ब्रह्मभट्ट गुजरात का रहने वाला है, लेकिन वो मुंबई आ गया और दोनों ने कोर्ट मैरिज के लिए अर्जी लगाई। इसके तुरंत बाद ब्रह्मभट्ट ने उससे शारीरिक संबंध बनाने चाहे लेकिन उसने मना कर दिया।
पीड़िता की मानें तो ब्रह्मभट्ट ने शादी का झांसा देकर उससे जबरन संबंध बनाए। इसके बाद से ब्रह्मभट्ट ओशिवारा का फ्लैट बेचने के लिए जोर देने लगा। उसने युवती की कुछ नकदी भी चुरा ली। युवती ने उसके खिलाफ बीती जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गुजरात में पकड़ लिया।
गिरफ्तार होने के बाद जब ब्रह्मभट्ट की कोर्ट में पेशी हुई तो उसने युवती और उसकी मां पर हमला कर दिया। पीड़िता आरोपी के खिलाफ दोबारा शिकायत करने पुलिस थाने पहुंची। वहां उसे इंस्पेक्टर परमेश्वर गनामे मिला। पीड़िता ने बताया कि गनामे ने उसके साथ रेपिस्ट जैसा सलूक किया। पीड़िता के मुताबिक, परमेश्वर की मांगी हुई रकम का इंतजाम तो नहीं हुआ लेकिन उसके पास 6 हजार रुपए थे जो उसने उसको दे दिए।
पीड़िता ने ये भी आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर उसके घर आकर बेवजह परेशान करता है। वहीं गनामे ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया। गनामे का कहना है कि उस पर आरोप लगाने वाली महिला का चाल-चलन ठीक नहीं है। वो कईयों को अपना शिकार बना चुकी है। अब एक पुलिवाले को झूठे आरोप लगाकर फंसा रही है।
नई दिल्ली। ओशिवारा इलाके की रहने वाली एक रेप पीड़िता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने बताया कि जब वह पुलिस के पास कंप्लेन करने पहुंची तो इंस्पेक्टर ने उसे जबरन पोर्न क्लिप दिखाई। फिर ब्लैकमेल कर उससे 50 हजार रुपए भी मांगे।
मिडडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता ने पुलिस इंस्पेक्टर परमेश्वर गनामे के खिलाफ उत्पीड़न और जबरन वसूली का मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़िता का आरोप है कि रेप की शिकायत लिखने के बदले में उसे जबरन अश्लील तस्वीरें दिखाई गईं।
तस्वीरों में यौन-संबंध वाले पोज के बार में पूछा गया। पीड़िता ने बताया कि इंस्पेक्टर गनामे ने उसे धमकाया कि अगर पैसों का इंतजाम नहीं किया तो उसके साथ हुए रेप की बात सबको बता देगा। पीड़िता की मानें तो गनामे ने उसे अश्लील तस्वीर दिखाकर पूछा कि तुम लोग ऐसा कैसे कर लेते हो, मेरी बीवी को ये सब आता ही नहीं है।
इंस्पेक्टर के खिलाफ पीड़िता ने ऑनलाइन FIR दर्ज की। लेकिन अब तक परमेश्वर गनामे के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़िता ने बताया कि साल 2015 में ब्रह्मभट्ट नाम के शख्स से फेसबुक पर उसकी दोस्ती हुई थी।
इसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ती गईं। ब्रह्मभट्ट गुजरात का रहने वाला है, लेकिन वो मुंबई आ गया और दोनों ने कोर्ट मैरिज के लिए अर्जी लगाई। इसके तुरंत बाद ब्रह्मभट्ट ने उससे शारीरिक संबंध बनाने चाहे लेकिन उसने मना कर दिया।
पीड़िता की मानें तो ब्रह्मभट्ट ने शादी का झांसा देकर उससे जबरन संबंध बनाए। इसके बाद से ब्रह्मभट्ट ओशिवारा का फ्लैट बेचने के लिए जोर देने लगा। उसने युवती की कुछ नकदी भी चुरा ली। युवती ने उसके खिलाफ बीती जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गुजरात में पकड़ लिया।
गिरफ्तार होने के बाद जब ब्रह्मभट्ट की कोर्ट में पेशी हुई तो उसने युवती और उसकी मां पर हमला कर दिया। पीड़िता आरोपी के खिलाफ दोबारा शिकायत करने पुलिस थाने पहुंची। वहां उसे इंस्पेक्टर परमेश्वर गनामे मिला। पीड़िता ने बताया कि गनामे ने उसके साथ रेपिस्ट जैसा सलूक किया। पीड़िता के मुताबिक, परमेश्वर की मांगी हुई रकम का इंतजाम तो नहीं हुआ लेकिन उसके पास 6 हजार रुपए थे जो उसने उसको दे दिए।
पीड़िता ने ये भी आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर उसके घर आकर बेवजह परेशान करता है। वहीं गनामे ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया। गनामे का कहना है कि उस पर आरोप लगाने वाली महिला का चाल-चलन ठीक नहीं है। वो कईयों को अपना शिकार बना चुकी है। अब एक पुलिवाले को झूठे आरोप लगाकर फंसा रही है।
होली पर महिला की अर्धनग्न लाश लटकी मिली, पुलिस पर पथराव, आगजनी
जिले के कटंगी अनुविभागीय मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर कटेरा गांव में कल 23 मार्च को बिजली विभाग के सेवानिवृत्त लाईनमेन रामदयाल चौहान के बड़े बेटे सुनील चैव्हान की 27 वर्षीय पत्नी योगिता की घर के कमरे में पंखे से लटकी हुई अर्धनग्न लाश मिलने की खबर सुनकर गांव में सनसनी फैल गई।
मृतिका के शरीर पर केवल ब्लाउज एवं पेटीकोट पहना दिखाई दे रहा था गांव के लोग इस घटना के पीछे बलात्कार की आशंका व्यक्त कर रहे थे। मृतिका योगिता की 2 बेटियां है जिसमें से सबसे छोटी 4 माह की है। घटना का पता चलते ही क्रोधित लोगों ने लाइनमेन के घर में रखे टीवी पलंग सोफा सेट, वाशिंग मशीन, फ्रीज, मोटरसाइकल को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नही आक्रोशित ग्रामीणों ने घटना की जांच के लिये आये पुलिस बल पर पत्थराव किया जिसके कारण 8 जवान घायल बताये गये है। पुलिस वाहन में तोडफोड भी की स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिये पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
कटंगी एसडीओ पुलिस जे एस मरकाम ने बताया की मामले की जांच की जा रही है तथा गांव में स्थिति नियत्रंण में है और सामान्य है लेकिन पुलिस बल अभी भी गांव में है तथा कल निर्दोष लोगों को पुलिस की ज्यादती का शिकार होना पड़ा पुलिस ने अनेक वाहन पकडे और उन्होने कटंगी पुलिस थाना ले जाया गया। गांव में दहशत का आलम है।
आरक्षक के घर की तलाशी में और विस्फोटक मिला
Toc news
उज्जैन. हॉस्टल में अपने साथी के साथ विस्फोटक रखवाने वाले लोकायुक्त के आरक्षक आशीष चंदेल के घर की पुलिस सर्चिंग में और विस्फोटक पदार्थ मिला है। घर में डेटोनेटर, विस्फोट में काम आने वाले तार बरामद किए हैं। हॉस्टल में मिले संदिग्ध आईडी के प्रमाण भी आरक्षक के घर से मिले हैं। मामले में पुलिस और भी लोगों के शामिल होने के आशंका जताई रही है। एटीएस की ओर से बॉयज हॉस्टल से मिले विस्फोटक के खुलासे के बाद नानाखेड़ा पुलिस ने मामले में जांच शुरू की है। पुलिस मंगलवार रात को आरोपी लोकायुक्त आरक्षक आशीष चंदेल निवासी नागझिरी पुलिस लाइन व सुशील मिश्रा निवासी देवासरोड को उज्जैन लाई।
एएसपी मनीष खत्री ने दोनों से पूछताछ की। रात में ही आरक्षक के पुलिस लाइन स्थित घर में सर्चिंग की तो यहां डेटोनेटर व विस्फोटक से जुड़ी सामग्री बरामद हुई। घर से फर्जी आईडी बनाने से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस ने कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई है। पुलिस अधिकारी बता रहे हैं कि मामले में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने चंदेल की विस्फोटक दिलवाने सहित अन्य काम में मदद की। सात दिन रिमांड दोनों आरोपियों को नानाखेड़ा पुलिस ने बुधवार सुबह न्यायिक मजिस्ट्रेट नदीम खान की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को सात दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा। अब पुलिस इनसे घटनाक्रम में टूटी हुई कडिय़ों के बारे में पूछताछ करेगी। इसमें से विस्फोटक किससे खरीदे, इनकी डिलिवरी किसके माध्यम से हुई, फर्जी आईडी (आधार कार्ड) कैसे बनाया गया। वहीं आरक्षक आशीष चंदेल किस साथी को फंसाना चाहता था यह भी जानकारी लेगी। आरक्षक के घर की तलाशी में और विस्फोटक पदार्थ मिले हैं। जो पुख्ता कर रहे हैं कि आरक्षक ने ही हॉस्टल में विस्फोटक रखवाए थे। मामले में और भी आरोपियों की संख्या बढने के आसार हैं।
उज्जैन. हॉस्टल में अपने साथी के साथ विस्फोटक रखवाने वाले लोकायुक्त के आरक्षक आशीष चंदेल के घर की पुलिस सर्चिंग में और विस्फोटक पदार्थ मिला है। घर में डेटोनेटर, विस्फोट में काम आने वाले तार बरामद किए हैं। हॉस्टल में मिले संदिग्ध आईडी के प्रमाण भी आरक्षक के घर से मिले हैं। मामले में पुलिस और भी लोगों के शामिल होने के आशंका जताई रही है। एटीएस की ओर से बॉयज हॉस्टल से मिले विस्फोटक के खुलासे के बाद नानाखेड़ा पुलिस ने मामले में जांच शुरू की है। पुलिस मंगलवार रात को आरोपी लोकायुक्त आरक्षक आशीष चंदेल निवासी नागझिरी पुलिस लाइन व सुशील मिश्रा निवासी देवासरोड को उज्जैन लाई।
एएसपी मनीष खत्री ने दोनों से पूछताछ की। रात में ही आरक्षक के पुलिस लाइन स्थित घर में सर्चिंग की तो यहां डेटोनेटर व विस्फोटक से जुड़ी सामग्री बरामद हुई। घर से फर्जी आईडी बनाने से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस ने कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई है। पुलिस अधिकारी बता रहे हैं कि मामले में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने चंदेल की विस्फोटक दिलवाने सहित अन्य काम में मदद की। सात दिन रिमांड दोनों आरोपियों को नानाखेड़ा पुलिस ने बुधवार सुबह न्यायिक मजिस्ट्रेट नदीम खान की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को सात दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा। अब पुलिस इनसे घटनाक्रम में टूटी हुई कडिय़ों के बारे में पूछताछ करेगी। इसमें से विस्फोटक किससे खरीदे, इनकी डिलिवरी किसके माध्यम से हुई, फर्जी आईडी (आधार कार्ड) कैसे बनाया गया। वहीं आरक्षक आशीष चंदेल किस साथी को फंसाना चाहता था यह भी जानकारी लेगी। आरक्षक के घर की तलाशी में और विस्फोटक पदार्थ मिले हैं। जो पुख्ता कर रहे हैं कि आरक्षक ने ही हॉस्टल में विस्फोटक रखवाए थे। मामले में और भी आरोपियों की संख्या बढने के आसार हैं।
Wednesday, March 23, 2016
डेल का स्पेशल ऑफर, मात्र 1 रुपये में खरीदे लैपटॉप! जानिए कैसे?
Toc news
नई दिल्ली। लैपटॉप या पीसी खरीदने को और सुविधाजनक बनाने के इरादे से डेल ने 'बैक टु स्कूल' नाम से एक प्रोग्राम शुरू किया है। इससे स्टूडेंट्स या उनके पैरंट्स 1 रुपये में लैपटॉप घर ले जा सकते हैं। बाकी बची रकम उन्हें EMI में चुकानी होगी और इसपर कोई ब्याज भी नहीं लगेगा। यह प्रोग्राम मई में खत्म होगा। कंपनी का 'बैक टु स्कूल' सीज़न 22 मार्च से शुरू हो गया है और यह 31 मई तक चलेगा।
इस प्रोग्राम के तहत कई सारे डेल लैपटॉप उपलब्ध हैं। कंपनी का कहना है कि यूजर डेल इंस्पिरॉन डेस्कटॉप, ऑल इन वन मॉडल या इंस्पिरॉन 3000 सीरीज़ का लैपटॉप (फोर्थ जेनरेशन कोर i3 नोटबुक मॉडल) 1 रुपये में घर ले जा सकते हैं।
जो यूजर इंस्पायर डेस्कटॉप या ऑल-इन-वन सीरीज़ खरीदने के इच्छुक हैं, वे 999 रुपये अतिरिक्त देकर 2 साल की अतिरिक्त Next Business Day ऑनसाइट वॉरन्टी ले सकते हैं।
इसके साथ एक साल का Edurite कॉन्टेंट पैक और बाटा की तरफ से शॉपिंग वाउचर भी मिलेगा। जो यूजर इंस्पिरॉन 3000 सीरीज़ का लैपटॉप लेना चाहते हैं, वे भी 999 रुपये अतिरिक्त देकर 2 साल की अडिशनल नेक्स्ट बिज़नस डे वॉरन्टी ले सकते हैं। बैक टु स्कूल ऑफर देश के सभी ऑथराइज्ड डेल आउटलेट्स और CompuIndia वेबसाइट पर उपलब्ध है। ग्राहकों को लैपटॉप खरीदने के बाद उसे 7 दिन के अंदर Back to School ऑफर के साथ रजिस्टर करना होगा।
नई दिल्ली। लैपटॉप या पीसी खरीदने को और सुविधाजनक बनाने के इरादे से डेल ने 'बैक टु स्कूल' नाम से एक प्रोग्राम शुरू किया है। इससे स्टूडेंट्स या उनके पैरंट्स 1 रुपये में लैपटॉप घर ले जा सकते हैं। बाकी बची रकम उन्हें EMI में चुकानी होगी और इसपर कोई ब्याज भी नहीं लगेगा। यह प्रोग्राम मई में खत्म होगा। कंपनी का 'बैक टु स्कूल' सीज़न 22 मार्च से शुरू हो गया है और यह 31 मई तक चलेगा।
इस प्रोग्राम के तहत कई सारे डेल लैपटॉप उपलब्ध हैं। कंपनी का कहना है कि यूजर डेल इंस्पिरॉन डेस्कटॉप, ऑल इन वन मॉडल या इंस्पिरॉन 3000 सीरीज़ का लैपटॉप (फोर्थ जेनरेशन कोर i3 नोटबुक मॉडल) 1 रुपये में घर ले जा सकते हैं।
जो यूजर इंस्पायर डेस्कटॉप या ऑल-इन-वन सीरीज़ खरीदने के इच्छुक हैं, वे 999 रुपये अतिरिक्त देकर 2 साल की अतिरिक्त Next Business Day ऑनसाइट वॉरन्टी ले सकते हैं।
इसके साथ एक साल का Edurite कॉन्टेंट पैक और बाटा की तरफ से शॉपिंग वाउचर भी मिलेगा। जो यूजर इंस्पिरॉन 3000 सीरीज़ का लैपटॉप लेना चाहते हैं, वे भी 999 रुपये अतिरिक्त देकर 2 साल की अडिशनल नेक्स्ट बिज़नस डे वॉरन्टी ले सकते हैं। बैक टु स्कूल ऑफर देश के सभी ऑथराइज्ड डेल आउटलेट्स और CompuIndia वेबसाइट पर उपलब्ध है। ग्राहकों को लैपटॉप खरीदने के बाद उसे 7 दिन के अंदर Back to School ऑफर के साथ रजिस्टर करना होगा।
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जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है
जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है
‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।
कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )
पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )
कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036
क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )
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