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बनारस के मिर्जापुर जिले में एक 70 साल का बूढ़ा ससुर अपनी प्रेग्नेंट बहू को बचाने के लिए उसे गोद में उठाकर अस्पताल में भागदौड़ करता रहा। इसके बावजूद बहू को इलाज नहीं मिला और नवजात सहित उसकी मौत हो गई। ससुर का कहना है कि अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी बहू की मौत हुई है।
रविवार को प्रेग्नेंट अंशु पाण्डेय की तबियत अचानक बिगड़ गई। जिसके बाद उसे एंबुलेंस द्वारा मिर्जापुर के जिला महिला अस्पताल ले जाया गया। इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचाने के 5 घंटे तक कोई डॉक्टर अंशु को देखने नहीं आई। वहां मौजूद एक नर्स ने उसे ड्रिप लगा दिया। सुबह 3 बजे से 8 बजे तक अंशु इमरजेंसी वार्ड में दर्द से तड़ती रही, लेकिन कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं आई।
बहू को दर्द से तड़पता देख और अस्पताल की लापरवाही को देखते हुए ससुर मजबूरी में उसे उठाकर प्राइवेट डॉक्टर को दिखाने ले गया। अंशु की क्रिटिकल कंडीशन में देखकर डॉ. ने उन्हें वापस सरकारी अस्पताल भेज दिया। वापस जिला महिला अस्पताल पहुंचने पर उसे स्ट्रेचर नहीं मिला जिसके बाद ससुर ने बिना कुछ सोचे समझे उसे अपनी गोद में उठाया और इमरजेंसी वार्ड की ओर दौड़ता हुआ लेकर गया। वहां पहुंचने पर किसी डॉक्टर से मुलाकात नहीं हुई। और इलाज न मिलने पर नवजात सहित उसकी मौत हो गई।
बनारस के मिर्जापुर जिले में एक 70 साल का बूढ़ा ससुर अपनी प्रेग्नेंट बहू को बचाने के लिए उसे गोद में उठाकर अस्पताल में भागदौड़ करता रहा। इसके बावजूद बहू को इलाज नहीं मिला और नवजात सहित उसकी मौत हो गई। ससुर का कहना है कि अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी बहू की मौत हुई है।
रविवार को प्रेग्नेंट अंशु पाण्डेय की तबियत अचानक बिगड़ गई। जिसके बाद उसे एंबुलेंस द्वारा मिर्जापुर के जिला महिला अस्पताल ले जाया गया। इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचाने के 5 घंटे तक कोई डॉक्टर अंशु को देखने नहीं आई। वहां मौजूद एक नर्स ने उसे ड्रिप लगा दिया। सुबह 3 बजे से 8 बजे तक अंशु इमरजेंसी वार्ड में दर्द से तड़ती रही, लेकिन कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं आई।
बहू को दर्द से तड़पता देख और अस्पताल की लापरवाही को देखते हुए ससुर मजबूरी में उसे उठाकर प्राइवेट डॉक्टर को दिखाने ले गया। अंशु की क्रिटिकल कंडीशन में देखकर डॉ. ने उन्हें वापस सरकारी अस्पताल भेज दिया। वापस जिला महिला अस्पताल पहुंचने पर उसे स्ट्रेचर नहीं मिला जिसके बाद ससुर ने बिना कुछ सोचे समझे उसे अपनी गोद में उठाया और इमरजेंसी वार्ड की ओर दौड़ता हुआ लेकर गया। वहां पहुंचने पर किसी डॉक्टर से मुलाकात नहीं हुई। और इलाज न मिलने पर नवजात सहित उसकी मौत हो गई।
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