दिल्ली के महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रहे संदीप कुमार की सीडी भी आ गई और तस्वीरें भीं. इन्हें देख कर ये भी साफ हो गया कि मंत्री जी ने किसी भी महिला के साथ कुछ भी जोर-जबरदस्ती से नहीं किया बल्कि ये महिलाएं खुद भी मंत्री जी का पूरा-पूरा साथ दे रही थीं.
लेकिन बंद कमरे की ये खिड़की बाज़ार में खुल चुकी है, लिहाजा संदीप कुमार की जिंदगी में अब कुछ भी पर्सनल नहीं रह गया है. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर कानून की नजर में ऐसा वीडियो बनाने और ऐसी तस्वीरें उतारने के मायने क्या हैं? तो जवाब सीधा सा है वो चाहे धोखे से हो या फिर रजामंदी से अपने किसी भी पार्टनर के साथ अगर कोई भी ऐसी अश्लील तस्वीरें उतारता है या वीडियो बनाता है, वो कानून की नजर में गलत है, गैरकानूनी है. कानून के जानकार बताते हैं कि इनफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी एक्ट 2000 के मुताबिक-
1. ऐसे मामलों में पुलिस के पास सीधे केस दर्ज करने का अधिकार है.
2. यानी पुलिस बगैर किसी शिकायत के अपने-आप मामले पर संज्ञान ले सकती है.
3. इतना जरूर है कि इसमें पुलिस को ये बताना होता है कि उन्हें ऐसी सीडी या अश्लील सामग्री कहां से मिली. 4. अगर उन्होंने उसे डाउनलोड किया तो क्या लिंक था और किसी ने उन्हें सौंपी, तो वो सोर्स क्या था.
5. फिर ऐसी सामग्री की सत्यता साबित करने के लिए इसकी फॉरेंसिक जांच करानी भी पुलिस के लिए जरूरी है. अश्लील वीडियो शूट करना अपराध दरअसल, अपना या किसी और का अश्लील वीडियो शूट करना वो अपराध है, जो आईटी एक्ट की धारा 67 के अधीन आता है. इसमें तीन से पांच साल तक की सजा और पांच लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. खुद की अश्लील वीडियो शूट करना भी अपराध है.
यहां तक कि अश्लील सामग्री को सरक्युलेट करना, उसे देखना या अपने मोबाइल में रखना भी अपराध है और उसके लिए भी तीन साल से पांच साल तक की सजा है. धोखे से शूट नहीं हुआ वीडियो दस मिनट के जिस वीडियो ने आम आदमी पार्टी के सबसे नौजवान मंत्री संदीप कुमार की कुर्सी एक झटके में छीन ली वो वीडियो शूट कैसे हुआ? अब सरेआम नंगा होने के बाद संदीप कुमार बेशक इस वीडियो में खुद के ना होने की बात कह रहे हों, लेकिन इस वीडियो के ऐसे कई पहलू हैं, जिन्हें देखते ही ये साबित हो जाता है कि ये वीडियो किसी ने धोखे से शूट नहीं किया, बल्कि इसके पीछे दिमाग खुद मंत्री जी का ही चल रहा था.
संदीप को पता था कमरे में है कैमरा वीडियो की हिलती डुलती तस्वीरों से ये साफ है कि कैमरा चल रहा है. और उसे चालू हालत में ही कमरे में छुपाया जा रहा है. इस वक्त कैमरा रखने वाले शख्स के अलावा इस कमरे में किसी और के होने की भी कोई गुंजाइश नजर नहीं आती. क्योंकि एक तरफ कैमरा छुपाने वाला शख्स है और दूसरी तरफ दीवार. कैमरे को यूं चालू हालत में छुपाए जाने के डेढ़ मिनट के अंदर ही संदीप कुमार नंगे हो जाते हैं. इन डेढ़ मिनट के दौरान ना तो इस कमरे या कैमरे में कोई तीसरा शख्स नजर आया और ना ही किसी और की कोई आवाज ही सुनाई दी. वैसे भी इस वीडियो में पूर्व हो चुके मंत्री जी के हाव-भाव, आई लुक यानी कैमरे में देखने की अदा जैसी कई चीजें भी साफ बताती हैं कि कमरे में कैमरा है ये उन्हें पता है.
लेकिन बंद कमरे की ये खिड़की बाज़ार में खुल चुकी है, लिहाजा संदीप कुमार की जिंदगी में अब कुछ भी पर्सनल नहीं रह गया है. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर कानून की नजर में ऐसा वीडियो बनाने और ऐसी तस्वीरें उतारने के मायने क्या हैं? तो जवाब सीधा सा है वो चाहे धोखे से हो या फिर रजामंदी से अपने किसी भी पार्टनर के साथ अगर कोई भी ऐसी अश्लील तस्वीरें उतारता है या वीडियो बनाता है, वो कानून की नजर में गलत है, गैरकानूनी है. कानून के जानकार बताते हैं कि इनफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी एक्ट 2000 के मुताबिक-
1. ऐसे मामलों में पुलिस के पास सीधे केस दर्ज करने का अधिकार है.
2. यानी पुलिस बगैर किसी शिकायत के अपने-आप मामले पर संज्ञान ले सकती है.
3. इतना जरूर है कि इसमें पुलिस को ये बताना होता है कि उन्हें ऐसी सीडी या अश्लील सामग्री कहां से मिली. 4. अगर उन्होंने उसे डाउनलोड किया तो क्या लिंक था और किसी ने उन्हें सौंपी, तो वो सोर्स क्या था.
5. फिर ऐसी सामग्री की सत्यता साबित करने के लिए इसकी फॉरेंसिक जांच करानी भी पुलिस के लिए जरूरी है. अश्लील वीडियो शूट करना अपराध दरअसल, अपना या किसी और का अश्लील वीडियो शूट करना वो अपराध है, जो आईटी एक्ट की धारा 67 के अधीन आता है. इसमें तीन से पांच साल तक की सजा और पांच लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. खुद की अश्लील वीडियो शूट करना भी अपराध है.
यहां तक कि अश्लील सामग्री को सरक्युलेट करना, उसे देखना या अपने मोबाइल में रखना भी अपराध है और उसके लिए भी तीन साल से पांच साल तक की सजा है. धोखे से शूट नहीं हुआ वीडियो दस मिनट के जिस वीडियो ने आम आदमी पार्टी के सबसे नौजवान मंत्री संदीप कुमार की कुर्सी एक झटके में छीन ली वो वीडियो शूट कैसे हुआ? अब सरेआम नंगा होने के बाद संदीप कुमार बेशक इस वीडियो में खुद के ना होने की बात कह रहे हों, लेकिन इस वीडियो के ऐसे कई पहलू हैं, जिन्हें देखते ही ये साबित हो जाता है कि ये वीडियो किसी ने धोखे से शूट नहीं किया, बल्कि इसके पीछे दिमाग खुद मंत्री जी का ही चल रहा था.
संदीप को पता था कमरे में है कैमरा वीडियो की हिलती डुलती तस्वीरों से ये साफ है कि कैमरा चल रहा है. और उसे चालू हालत में ही कमरे में छुपाया जा रहा है. इस वक्त कैमरा रखने वाले शख्स के अलावा इस कमरे में किसी और के होने की भी कोई गुंजाइश नजर नहीं आती. क्योंकि एक तरफ कैमरा छुपाने वाला शख्स है और दूसरी तरफ दीवार. कैमरे को यूं चालू हालत में छुपाए जाने के डेढ़ मिनट के अंदर ही संदीप कुमार नंगे हो जाते हैं. इन डेढ़ मिनट के दौरान ना तो इस कमरे या कैमरे में कोई तीसरा शख्स नजर आया और ना ही किसी और की कोई आवाज ही सुनाई दी. वैसे भी इस वीडियो में पूर्व हो चुके मंत्री जी के हाव-भाव, आई लुक यानी कैमरे में देखने की अदा जैसी कई चीजें भी साफ बताती हैं कि कमरे में कैमरा है ये उन्हें पता है.
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