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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि 1984 में विश्व की सर्वथा त्रासद औद्योगिक दुर्घटना से उत्पन्न जहरीली गैस ने भोपाल के लाखों परिवारों की जिन्दगी तबाह कर दी थी। गैस पीड़ित व्याधि ग्रस्त होकर जीवन और मौत से जूझते आ रहे है। गैस राहत कार्यों की सामयिक समीक्षा के पश्चात निर्णय लिया गया है कि गैस पीड़ितों को स्मार्ट कार्ड देकर उनके उपचार का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में सहकारिता एवं गैस राहत राज्यमंत्री श्री विश्वास सारंग की पहल की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया है।
उन्होनें कहा कि भोपाल में गैस राहत के तहत कई अस्पताल खोले गये है, लेकिन ये अस्पताल समय के साथ सुविधाविहीन होते गये। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान सरकार ने इन अस्पतालों को यथासंभव सुपर स्पेश्यिलिटी हास्पिटल में उन्नत करनें की कार्ययोजना तैयार की है। साथ ही सभी 6 अस्पतालों में पहली बार आऊटसोर्सिंग की योजना पर भी विचार किया है। इससे सीजीएचएस के आधार पर मरीजों को इलाज करानें अन्यत्र भटकना नहीं पड़ेगा। मरीज को पंजीयन कराने के बाद एम्बुलेंस से निश्चित सुविधा केन्द्र पर पहुंचा दिया जायेगा, मरीज को वापस लाने की जिम्मेदारी भी तय होगी।
श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि स्मार्ट कार्ड में प्रमुखता से रोग व्याधि का विवरण और इलाज की जानकारी अंकित रहेगी। यह कार्ड मरीज के स्वास्थ्य, सामाजिक व आर्थिक पुनर्वास में भी सहायक अभिलेख माना जायेगा। इसके साथ ही इन अस्पतालों के बीच एक विश्व स्तरीय रक्त कोष (ब्लड बैंक) भी बनाया जायेगा। जिससे मरीजों को रक्त की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा।
उन्होनें कहा कि गैस पीड़ित विधवाओं को पांच साल के लिए एक-एक हजार रू. मासिक सहायता देने का जो प्रावधान किया गया था,उसकी अवधि समाप्त होने पर पीड़ितों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि केन्द्र का विषय होते हुए भी राज्य सरकार इस संबंध में इस अवधि को अगले पांच वर्षों तक बढ़ाने के लिए आग्रह करेगी। गैस प्रभावित परिवारों के युवक-युवतियों को स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का लाभ सुनिश्चित किया जायेगा। प्रदेश सरकार गैस पीड़ितों के प्रति संवेदना को संकल्पित प्रयास के माध्यम से कार्य रूप में परिणित करनें में कोई कसर शेष नहीं छोड़ रही है।
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि 1984 में विश्व की सर्वथा त्रासद औद्योगिक दुर्घटना से उत्पन्न जहरीली गैस ने भोपाल के लाखों परिवारों की जिन्दगी तबाह कर दी थी। गैस पीड़ित व्याधि ग्रस्त होकर जीवन और मौत से जूझते आ रहे है। गैस राहत कार्यों की सामयिक समीक्षा के पश्चात निर्णय लिया गया है कि गैस पीड़ितों को स्मार्ट कार्ड देकर उनके उपचार का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में सहकारिता एवं गैस राहत राज्यमंत्री श्री विश्वास सारंग की पहल की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया है।
उन्होनें कहा कि भोपाल में गैस राहत के तहत कई अस्पताल खोले गये है, लेकिन ये अस्पताल समय के साथ सुविधाविहीन होते गये। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान सरकार ने इन अस्पतालों को यथासंभव सुपर स्पेश्यिलिटी हास्पिटल में उन्नत करनें की कार्ययोजना तैयार की है। साथ ही सभी 6 अस्पतालों में पहली बार आऊटसोर्सिंग की योजना पर भी विचार किया है। इससे सीजीएचएस के आधार पर मरीजों को इलाज करानें अन्यत्र भटकना नहीं पड़ेगा। मरीज को पंजीयन कराने के बाद एम्बुलेंस से निश्चित सुविधा केन्द्र पर पहुंचा दिया जायेगा, मरीज को वापस लाने की जिम्मेदारी भी तय होगी।
श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि स्मार्ट कार्ड में प्रमुखता से रोग व्याधि का विवरण और इलाज की जानकारी अंकित रहेगी। यह कार्ड मरीज के स्वास्थ्य, सामाजिक व आर्थिक पुनर्वास में भी सहायक अभिलेख माना जायेगा। इसके साथ ही इन अस्पतालों के बीच एक विश्व स्तरीय रक्त कोष (ब्लड बैंक) भी बनाया जायेगा। जिससे मरीजों को रक्त की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा।
उन्होनें कहा कि गैस पीड़ित विधवाओं को पांच साल के लिए एक-एक हजार रू. मासिक सहायता देने का जो प्रावधान किया गया था,उसकी अवधि समाप्त होने पर पीड़ितों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि केन्द्र का विषय होते हुए भी राज्य सरकार इस संबंध में इस अवधि को अगले पांच वर्षों तक बढ़ाने के लिए आग्रह करेगी। गैस प्रभावित परिवारों के युवक-युवतियों को स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का लाभ सुनिश्चित किया जायेगा। प्रदेश सरकार गैस पीड़ितों के प्रति संवेदना को संकल्पित प्रयास के माध्यम से कार्य रूप में परिणित करनें में कोई कसर शेष नहीं छोड़ रही है।
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