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नई दिल्ली। बिना अनुमति प्रधानमंत्री की फोटो किसी विज्ञापन में इस्तेमाल करने की सजा क्या हो सकती है? जरा यह खबर पढ़ें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो को बिना इजाजत प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक विज्ञापन में इस्तेमाल करने के लिए रिलायंस जियो पर 500 रुपए जुर्माना लगाया जा सकता है। इस पर विपक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए हंगामा किया और पूछा कि किसी निजी कंपनी के विज्ञापन में पीएम की तस्वीर कैसे इस्तेमाल हो गई?
सूचना एंव प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 1 दिसंबर को लिखित में जवाब दिया था। इसमें उन्होंने बताया था कि रिलायंस जियो के विज्ञापनों में मोदी की फोटो इस्तेमाल करने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से कोई इजाजत नहीं ली गई थी।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि सरकार से रिलायंस जियो के बारे में यह सवाल समाजवादी पार्टी से सांसद नीरज शेखर ने पूछा था। राज्यवर्धन ने उसके जवाब में माना कि सरकार को पता था कि रिलायंस ने पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया था।
इसके साथ ही पेटीएम जैसे ई-वालेट कंपनी के ऐड में भी पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल हुआ था। उसको लेकर भी सवाल पूछा गया। विपक्ष ने आगे पूछा कि क्या पीएमओ ने दोनों कंपनी के खिलाफ बिना इजाजत के फोटो इस्तेमाल करने पर कोई कार्रवाई की?
इस पर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, ‘प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम’ को खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा देखा जाता है। उन्होंने बताया था कि विज्ञापन के खिलाफ उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली। मगर, फिर भी हम कानून तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा देते हैं।’
कानून की धारा तीन के अनुसार, किसी भी ‘विशिष्ट’ व्यक्ति के नाम या तस्वीर और चिन्ह को किसी लेन-देन, व्यापार के लिए बिना केंद्र सरकार की इजाजत के इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ‘विशिष्ट’ की लिस्ट में लगभग तीन दर्जन नाम और चिन्ह शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल बिना केंद्र सरकार की इजाजत के नहीं किया जा सकता।
इस सूची में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के गवर्नर, भारत या राज्य सरकार, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, संयुक्त राष्ट्र संघ, अशोक चक्र और धर्म चक्र शामिल हैं।
नई दिल्ली। बिना अनुमति प्रधानमंत्री की फोटो किसी विज्ञापन में इस्तेमाल करने की सजा क्या हो सकती है? जरा यह खबर पढ़ें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो को बिना इजाजत प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक विज्ञापन में इस्तेमाल करने के लिए रिलायंस जियो पर 500 रुपए जुर्माना लगाया जा सकता है। इस पर विपक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए हंगामा किया और पूछा कि किसी निजी कंपनी के विज्ञापन में पीएम की तस्वीर कैसे इस्तेमाल हो गई?
सूचना एंव प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 1 दिसंबर को लिखित में जवाब दिया था। इसमें उन्होंने बताया था कि रिलायंस जियो के विज्ञापनों में मोदी की फोटो इस्तेमाल करने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से कोई इजाजत नहीं ली गई थी।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि सरकार से रिलायंस जियो के बारे में यह सवाल समाजवादी पार्टी से सांसद नीरज शेखर ने पूछा था। राज्यवर्धन ने उसके जवाब में माना कि सरकार को पता था कि रिलायंस ने पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया था।
इसके साथ ही पेटीएम जैसे ई-वालेट कंपनी के ऐड में भी पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल हुआ था। उसको लेकर भी सवाल पूछा गया। विपक्ष ने आगे पूछा कि क्या पीएमओ ने दोनों कंपनी के खिलाफ बिना इजाजत के फोटो इस्तेमाल करने पर कोई कार्रवाई की?
इस पर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, ‘प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम’ को खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा देखा जाता है। उन्होंने बताया था कि विज्ञापन के खिलाफ उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली। मगर, फिर भी हम कानून तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा देते हैं।’
कानून की धारा तीन के अनुसार, किसी भी ‘विशिष्ट’ व्यक्ति के नाम या तस्वीर और चिन्ह को किसी लेन-देन, व्यापार के लिए बिना केंद्र सरकार की इजाजत के इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ‘विशिष्ट’ की लिस्ट में लगभग तीन दर्जन नाम और चिन्ह शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल बिना केंद्र सरकार की इजाजत के नहीं किया जा सकता।
इस सूची में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के गवर्नर, भारत या राज्य सरकार, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, संयुक्त राष्ट्र संघ, अशोक चक्र और धर्म चक्र शामिल हैं।
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