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देश में किसान कर्ज चुकाने के बोझ से अबतक मुक्त नहीं हुए हैं। कर्ज का बोझ उन पर इतना ज्यादा है कि कुछ न कर सकने की स्थिति में वे आत्महत्या का रास्ता ही अपनाते हैं। कर्नाटक में एक लाचार किसान ने ऐसा ही किया वो घर से खेत जाने की बात बोल कर निकला, लेकिन चंद घंटों बाद उसकी लाश मिलीउसकी मौत का कारण था कुछ और नहीं बल्कि उधार का पैसा था
देश में किसान कर्ज चुकाने के बोझ से अबतक मुक्त नहीं हुए हैं। कर्ज का बोझ उन पर इतना ज्यादा है कि कुछ न कर सकने की स्थिति में वे आत्महत्या का रास्ता ही अपनाते हैं। कर्नाटक में एक लाचार किसान ने ऐसा ही किया वो घर से खेत जाने की बात बोल कर निकला, लेकिन चंद घंटों बाद उसकी लाश मिली।
उसकी मौत का कारण था कुछ और नहीं बल्कि उधार का पैसा था, जिसे वो दिन-रात मेहनत करके भी चुका नहीं पाया। ये दर्दनाक घटना कर्नाटक के हुबली की है, जहां किसान सुबह 5 बजे जाकर बिजली के हाईवॉलटेज टावर पर बैठ गया।अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के मुताबिक हवेरी जिले के रहने वाले चमनसब अर्सिनागुप्पी (58) ने शुक्रवार को यह कदम उठाया। दरअसल, चमनसब की फसल बर्बाद होने के सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाया।उसे मालूम था कि अभी टावर में करंट नहीं है फिर भी दिल पर पत्थर रखकर वो वहां बैठ गया।
आत्महत्या के दिन घर वालों ने जब किसान से पूछा कि कहा जा रहे हो, तो बोला कि खेत जा रहा हूं। लेकिन वो टॉवर पर जा कर बैठ गया। वो करीब दो घंटे तक वहां बैठा रहा पर किसी की नजर वहां नहीं गई, लेकिन सुबह 8 बजे लोगों का ध्यान गया कि किसान ने मौत को मुंह लगा लिया।इस सनसनीखेज घटना के बाद वहां लोगों का जमावड़ा लग गया। दरअसल चमनसब ने ज्वार की खेती के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 3 लाख रुपये का लोन लिया था।
इसके बाद उसने लोन की रकम लौटाने के लिए मनीलॉन्डर्स से मोटी ब्याज दर पर पैसा उधार ले लिया दी जिसका डर था वहीं होना लगा, मनीलॉन्डर्स उसे रोज प्रताड़ित करने लगे। चमनसब की सात बच्चे हैं, जिनमें पांच लड़कियां हैं।
चमनसब ने दो लड़कियों की शादी कर दी, लेकिन उसकी जिम्मेदारी का सफर अभी काफी लंबा था। किसानों के लीडर ने कहा कि मनीलॉन्डर्स ही नहीं चमनसब को बैंक भी लोन चुकाने के लिए दबाव बनाया करते थे।कृषि विभाग की ओर से जारी किए गए आकंड़े में सामने आया कि करीब 77 किसान इसी वजह से खुद को खत्म कर चुके हैं। हैरान करने वाली बात है कि इनमें 56 किसान इसी हवेरी जिले के हैं।
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