TOC NEWS // 9 Apr. 2017
पंजाब के मंत्री सिद्धू को अब ये अहसास हो रहा होगा कि कांग्रेस में आकर उनकी आजादी खत्म हो गई है। उन्हे कम महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया गया और अब…
New Delhi, Apr 09: पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों चर्चा में हैं। वो अपने काम के कारण नहीं बल्कि कॉमेडी शो के कारण चर्चा में हैं। मंत्री बनने से पहले सिद्धू बीजेपी सांसद हुआ करते थे। बीजेपी में रहने के दौरान वो कॉमेडी शो में बतौर गेस्ट आया करते थे। लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद और मंत्री बनने के बाद से उनके कॉमेडी शो में भाग लेने को लेकर विवाद गरमाया हुआ है। विरोधी इसको लेकर सिद्धू के साथ साथ पंजाब सरकार को भी निशाने पर ले रहे हैं। कैप्टन इमरिंदर सिंह ने सिद्धू के कॉमेडी शो में भाग लेने को लेकर कानूनी राय भी ली थी।
एडवोकेट जनरल ने उन्हे बताया कि सिद्धू के कॉमेडी शो में भाग लेने में कोई विरोधाभास नहीं वो ऐसा कर सकते हैं। लेकिन इस मामले में पंजाब औऱ हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को आईना दिखाया है।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सिद्धू के कॉमेडी शो का मामले पर एक याचिका दाखिल की गई थी। इस पर सुनवाी करते हुए हाईकोर्ट ने सिद्धू और पंजाब के एडवोकेट जनरल से कुछ सवाल पूछे हैं। हाईकोर्ट ने पूछा कि मंत्री सरकारी पद पर तैनात कर्मचारी की तरह है। अगर कोई कर्मचारी पद पर रहते हुए बिजनेस करेगा तो क्या ये कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मामला नहीं बनता है। कोर्ट ने ये भी कहा कि सिद्धू के टीवी पर कॉमेडी शो में आने पर कानूनी और नैतिक आधार पर विचार किए जाने की जरूरत है। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होनी है। सिद्धू और कॉमेडी शो के मामले में वकील एचसी अरोड़ा ने जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि सिद्धू कैबिनेट मंत्री हैं। संवैधानिक पद आसीन होने के चलते उन्हे कॉमेडी शो में भाग नहीं लेना चाहिए।
सुनवाई के दौरान पंजाब के एजी अतुल नंदा कोर्ट में ही थे। वकील एचसी अरोड़ा ने कोर्ट से कहा कि वो एजी से पूछे कि उनका क्या कहना है। कोर्ट ने सवाल पूछा कि मंत्री रहते हुए किसी शख्स को क्या कॉमेडी शो में शामिल होना चाहिए। इस मामले में शिष्टाचार क्या कहता है। कोर्ट में एजी ने मामले के कानूनी पक्ष को सामने रखा। याचिका दाखिल करने वाले वकील ने अपनी याचिका के पक्ष में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया। जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री को फिल्म में काम नहीं करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि इसी तहसे मंत्री को कॉमेडी शो में काम नहीं करना चाहिए। ये हितों के टकराव का मामला है। आपको बता दें कि पंजाब में सरकारी कर्मचारियों के नियम 1966 के नियम 15 के तहत कोई भी कर्मचारी प्राइवेट ट्रेड या बिजनेस नहीं कर सकता।
कुल मिलाकर सिद्धू कांग्रेस में जाकर फंसते दिखाई दे रहे हैं। जो आजादी उन्हे बीजेपी में रहने के दौरान मिल रही थी वो अब नहीं है। सिद्धू ने पंजाब की सेवा का हवाला देकर और पंजाब के लिए काम करने की बात कहकर वो कांग्रेस में शामिल हुए थे। दबी जुबान में सिद्धू के सहयोगी कह रहे हैं कि वो पंजाब सरकार में मंत्री बनकर फंस गए हैं। पहले तो उन्हे कम महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया गया और अब उनके शो करने पर भी पाबंदी लगाई जा रही है। सिद्धू का मानना है कि अगर कैप्टन ने कानूनी राय लेने की बात नहीं की होती तो कोई बखेड़ा नहीं होता। कैप्टन के कारण ही वो इस मुसीबत में हैं। बता दें कि कैप्टन ने सिद्धू के कॉमेडी शो में काम करने को लेकर एतराज जताया था। जिसके बाद पूरा मामला चर्चा में आ गया था।
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