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- अभिभाषक संघ के शपथ ग्रहण समारोह में यशोधरा राजे ने की बड़ी घोषणा
- कहा असफल होकर नहीं पूर्ण करना चाहती अपना कार्यकाल
शिवपुरी : संवाददाता – शील कुमार यादव
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शिवपुरी. अपने निर्वाचन क्षेत्र शिवपुरी में पेयजल संकट और जीर्णशीर्ण सड़कों की हालत से जूझ रहीं स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कल रात जिला अभिभाषक संघ के शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि यदि वह अपने वर्र्तमान कार्यकाल में शिवपुरी को स्वर्र्ग नहीं बना पार्ई तो राजनीति को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह देंगी। क्योंकि असफल होकर राजनीति करना उनके स्वभाव में नहीं है।
शपथ ग्रहण समारोह में यशोधरा राजे ने विस्तार से बताया कि किस तरह उन्होंने सन् 1998 से 2007 तक शिवपुरी के प्रतिनिधि के रूप में कार्र्य कर यहां विकास की गंगा बहार्ई थी और तत्पश्चात उनके ग्वालियर जाने के बाद किस तरह से उनके उत्तराधिकारियों ने उनकी एफडी में दीमक लगा दी थी। शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरबी कुमार ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य अभिभाषक संघ के जेपी मिश्रा और प्रबल प्रताप सिंह उपस्थित थे। अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरबी कुमार ने शपथ ग्रहण कराई। कार्यक्रम का सुन्दर संचालन अभिभाषक विनोद धाकड़ ने किया।
शपथ ग्रहण समारोह में यशोधरा राजे ने बताया कि सन् 2013 में जब वह पुन: शिवपुरी आर्ई तो उन्हें आभास नहीं था कि शिवपुरी के हालात इतने बिगड़ चुके हैं और विकास की दृष्टि से शिवपुरी पटरी से उतर चुकी है। उन्होंने यह कहने में संकोच नहीं किया कि यदि उन्हें ऐसा आभास होता तो वह अपने कदम पीछे खींचकर शिवपुरी नहीं आती। लेकिन एक बार जब मैने यहां आकर चैलेंज स्वीकार कर लिया है तो उससे पीछे हटने का सवाल ही नहीं है। क्योंकि मैं किसी और मिट्टी की बनी हुई हूं। समारोह में जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरबी कुमार के अलावा, अध्यक्ष स्वरूप नारायण भान, उपाध्यक्ष राजेश जाट, महामंत्री सुनील भुगड़ा, कोषाध्यक्ष भरत ओझा, वरिष्ठ अभिभाषक केबी लाल ने भी संबोधित किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए वहीं आभार प्रदर्र्शन की रस्म सुनील भुगड़ा ने निर्र्वहन की।
*आपात काल की परेशानियों ने मुझे बनाया मजबूत*
यशोधरा राजे ने कहा कि शिवपुरी में जिस तरह के संकट का मैने पिछले दिनों सामना किया है वह संकट ठीक उस तरह का था जब मैने आपात काल की पीड़ा को भोगा था। उस दौरान मेरी माँ स्व. राजमाता विजयाराजे सिंधिया जेल में थी और मेरे भार्ई स्व. माधवराव सिंधिया विदेश में थे। इसलिए परेशानियों का मैने स्वयं अकेले होकर सामना किया, लेकिन इससे मेरे व्यक्तित्व में धार पैदा हुर्ई और समस्याओं को फेस करना मुझे आया। व्यक्तित्व की उसी पैनी धार के कारण ही मैं आज शिवपुरी की समस्याओं से जूझ कर उन पर विजयपाने में लगी हुई हूं।
*अब गाड़ी पुन: पटरी पर आने लगी है*
यशोधरा राजे ने कहा कि हारना मेरी फिदरत में नहीं है और मेरी थाली में जो परोसा गया है उसे लेकर मैं साथ चलना चाहती हूं। मैं अपना प्रतिनिधित्व ठीक ढंग से करना चाहती हूं। यही कारण है कि जब भी मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में आती हूं तो नीबू की तरह निचुड़ जाती हूं लेकिन इससे मुझे आंतरिक संतुष्टि अवश्य होती है। इसी का परिणाम है कि गाड़ी अब पटरी पर आने लगी है।
*अभिभाषकों के लिए बनेेंगे चेम्बर*
यशोधरा राजे सिंधिया जैसे ही कार्यक्रम में भाग लेने के लिए न्यायालय भवन पहुंची तो अभिभाषकों के बैठने की व्यवस्था को उन्होंने अपमान जनक महसूस किया और बार एसोसियेशन के अध्यक्ष स्वरूप नारायण भान से कहा कि अभिभाषकों के चेम्बर बनाने के लिए मैं हर संभव सहयोग के लिए तैयार हूं। यशोधरा राजे ने स्वयं न्यायालय के बाहर आकर चेम्बर के संभावित स्थल का निरीक्षण किया और इस बाबत एसडीएम रूपेश उपाध्याय को निर्र्देशित किया। सत्र न्यायाधीश एसबी कुमार ने भी चेम्बर के लिए अभिभाषकों को सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि वह बतायें कि कितने चेम्बर अभिभाषकों के लिए बनाए जाने चाहिए।
*पदाधिकारियों ने लाईब्रेरी के लिए फण्ड की मांग की*
जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष स्वरूप नारायण भान, उपाध्यक्ष राजेश जाट, सचिव सुनील कुमार भुगरा, कोषाध्यक्ष भरत ओझा, पूर्र्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र शर्र्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए राज्य अधिवक्ता संघ के जेपी मिश्रा और प्रबल प्रताप सिंह से कहा कि पिछले 6 साल से शिवपुरी बार की लाईब्रेरी के लिए फण्ड नहीं मिल पा रहा है। इस पर राज्य अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि प्रतिवर्ष 50 हजार रूपए की राशि के हिसाब से बकाया सालों का धन अभिभाषक संघ को जुलाई तक दिलाया जाएगा।
*अभिभाषक अपनी नैतिकता और व्यक्तित्व से शिवपुरी का मार्गदर्शन करें*
प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अभिभाषकों से अनुरोध किया कि वह अपनी नैतिकता और व्यक्तित्व से शिवपुरी का मार्र्गदर्शन करें। यशोधरा राजे ने कहा कि अभिभाषकों का पेशा डॉक्टरों के समान बहुत उत्तम होता है और इस पेशे में सेवा भावना अहम होती है। वह देखें कि इस पेशे को कैसे श्रेष्ठ और उत्तम बनाकर समाज के समक्ष आदर्श प्रस्तुत किया जाए। यशोधरा राजे ने अपने मन की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि मुझ पर विधायक बनने के बाद अनावश्यक केस लाद दिया गया इन सब भावनाओं से ऊपर उठकर समाजहित में अभिभाषकों को कार्य करना चाहिए।
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