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श्रीनगर/नयी दिल्ली : देश नये साल के जश्न में डूबा है ,तो दूसरी तरफ रविवार की रात दो बजे आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बड़ा हमला कर दिया . हमले में पांच जवान शहीद हो गये जबकि तीन जवानों के घायल होने की खबर है. सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. अचानक हुए हमले के बाद जवानों ने तुरंत मोरचा संभाला और आतंकियों को माकूल जवाब दिया. अभी भी कुछ आतंकियों के छिपे होने की आशंका है और रूक- रूक कर फायरिंग हो रही है.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे कायराना बताते हुए कहा, हमें अपने जवानों की बहादुरी पर गर्व है. जवानों का बलिदान बेकार नहीं जायेगा. शहीद जवानों के परिवार वालों के साथ पूरा देश खड़ा है. शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को उनके घरवालों तक पहुंचाया जा रहा है. शहीद जवान तुफैल अहमद के बेटे ने कहा, आतंकवाद खत्म नहीं हो रहा, हमारे देश के जवान अपनी शहादत दे रहे हैं, हमें कुछ करना होगा. पूरी दुनिया में पाकिस्तान से बुरा देश कोई नहीं है. स्थानीय आतंकियों ने फिदायीन हमला किया है. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश -ए -मोहम्मद ने ली है.
खुफिया विभाग ने हमले का दिया था इनपुट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीआरपीएफ के पास इस बात के इनपुट्स थे कि इस तरह के हमले हो सकते हैं. इसी कैंप में सीआरपीएफ के नये कमांडो को ट्रेनिंग मिलती है. घटना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की कमांडो टीम और आर्मी की एक स्पेशल टीम मौके पर पहुंची. इन दोनों टीमों ने ही ऑपरेशन को लीड किया. सीआरपीएफ के प्रवक्ता राजेश यादव ने बताया कि दो आतंकियों की पहचान द्रूबगाम (पुलवामा) के मंजूर अहमद बाबा और नजीमपुरा (त्राल) के फरदीन अहमद खानडे के तौर पर हुई है. खानडे एक पुलिसकर्मी का बेटा है. तीसरे आतंकी का शव देर रात तक नहीं मिल पाया.
जिन जवानो दी शहादत
उन्होंने कहा कि शहीद जवानों में हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) से निरीक्षक कुलदीप राय, राजौरी (जम्मू कश्मीर) से हेड कांस्टेबल तौफील अहमद, बडगाम (जम्मू कश्मीर) में चांदीपुरा से कांस्टेबल शरीफुद्दीन गनी, चुरु (राजस्थान) के कांस्टेबल राजेंद्र नैन और सुंदरगढ़ (ओड़िशा) के कांस्टेबल पीके पांडा हैं. घायल जवानों में कांस्टेबल नरेंद्र कुमार, मलाम समाधान और माला राम हैं
जम्मू कश्मीर पुलिस का बेटा और दसवीं का छात्र था आतंकी
इस हमले में दो आतंकियों को मार गिराया गया. इन दोनों की पहचान कर ली गयी है. एक का नाम मंजूर अहमद ऊर्फ बाबा था जबकि दूसरे का नाम फरदीन अहमद खांडे बताया गया . बाबा पुलवामा का ही रहने वाला था, खांडे बुरहान वानी के इलाके त्राल का था. खांडे के पिता मोहम्मद खांडे जम्मू-कश्मीर पुलिस में ही अफसर हैं. फरदीन की उम्र मात्र 17 साल की थी. वह दसवीं का छात्र था. सूत्रों की मानें तो खांडे महज तीन महीने से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से जुड़ा था.
2017 के दो बड़े हमले
अक्तूबर : कश्मीर में 182 बटालियन बीएसएफ कैंप पर फिदायीन हमला हुआ था, जिसमें सभी आतंकी मारे गये थे.
जून : सीआरपीएफ के काफिले पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने हमला किया था. इसमें एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गये थे.
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