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साल 2017 में हुए सात राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद विपक्ष ने चुनाव आयोग की कार्य प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े किए थे. लेकिन चुनाव आयोग ने इन सवालों को लेकर कहा कि हमारी कार्य प्रणाली में एक दम पारदर्शिता है इसमें किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है. चुनाव आयोग ने जिस पारदर्शिता और चुनावी सिस्टम को सही बताया है. दरअसल वो पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की देन है. लेकिन पिछले कुछ समय से टीएन शेषन गुमनामी की जिंदगी बिता रहे हैं.
खबरों की मानें तो ये पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त आजकल वृद्धाश्रम (ओल्ड ऐज होम) में जिंदगी गुजार रहे हैं. वह चेन्नई में अपने ही घर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर बने एक ओल्ड ऐज होम में रुके थे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टीएन शेषन ने ही भारत में चुनावों को चरणों के आधार पर वोटिंग कराने की शुरुआत की थी. उनका ये फैसला आज सभी के लिए मील का पत्थर साबित हुआ था.
एनबीटी की इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है वह फिलहाल अपने घर में रह रहे हैं, लेकिन बार-बार थोड़ा बहुत समय बिताने के लिए ओल्ड एज होम चले जाते हैं. दरअसल, शेषन पिछले काफी समय से शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं. बताया जाता है कि शेषन सत्य साईं बाबा के बड़े भक्त रहे हैं. साल 2011 में देह त्याग के बाद शेषन सदमे में चले और इस बीच उनको भूलने की बीमारी हो गई.
तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी टीएन शेषन भारत के 10वें चुनाव आयुक्त रहे हैं. उन्होंने साल 1990 के 12 दिसंबर से साल 1996 के 11 दिसंबर तक चुनाव आयोग का मुख्य आयुक्त कार्यभार संभाला था. अपने 6 साल के कार्यकाल के दौरान शेषन ने स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन किया था.
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