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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस के.टी. थॉमस ने RSS की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि संविधान और सेना के बाद सिर्फ यह संस्था ही भारत और यहां के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है। उन्होंने RSS को इमरजेंसी के बाद देश को ‘स्वतंत्र’ कराने का श्रेय भी दिया।
भीमा कोरेगांव हिंसा पर RSS ने कहा- देश में ‘ब्रेकिंग इंडिया ब्रिगेड’ सक्रिय रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस थॉमस ने RSS को लेकर यह बयान 31 दिसंबर को केरल के कोट्टयम में संस्था के ट्रेनिंग कैंप में दिया था। उन्होंने कैंप में पहुंचे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘अगर किसी संस्था को इमरजेंसी के दौरान देश को आजाद कराने का श्रेय मिलना चाहिए, तो मैं वह श्रेय RSS को दूंगा।
संघ अपने स्वयंसेवकों में राष्ट्र की रक्षा के लिए अनुशासन भरता है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर कोई पूछता है कि देश के लोग सुरक्षित क्यों हैं तो मैं कहना चाहूंगा कि यहां संविधान है, लोकतंत्र है, सेना है और किस्मत से RSS भी है, जिसे देश को इमरजेंसी के चंगुल से छुड़ाने का श्रेय जाता है।’
उन्होंने RSS की तारीफ करते हुए कहा कि इमरजेंसी के खिलाफ आरएसएस की मजबूत और संगठित कार्यों की भनक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी लग गई थी और वह समझ गई थीं कि यह ज्यादा दिन तक नहीं चल पाएगा। थॉमस के अनुसार, सेक्युलरिज्म के मुद्दे पर छिड़ी बहस को हवा देते हुए उन्होंने कहा कि इस विचार को धर्म से दूर नहीं रखा जाना चाहिए।
संविधान ने सेक्युलरिज्म की परिभाषा नहीं बताई है। ‘माइनॉरिटीज’ (अल्पसंख्यक) सेक्युलरिज्म को अपनी रक्षा के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सेक्युलरिज्म का सिद्धांत उससे कहीं ज्यादा है। इसका अर्थ यह है कि हर व्यक्ति के सम्मान की रक्षा हो। उसका सम्मान किसी भेदभाव, प्रभाव और गतिविधि से दूर रहे।
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