सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की मौत की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई थी. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस ने आज के दिन को भारत के इतिहास का दुखद दिन करार दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जज लोया की मौत के कई सवालों के जवाब अनसुलझे रह गए हैं.
सुरजेवाला का यह भी कहना था, ‘जज लोया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई विरोधाभास देखने को मिले हैं. उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनका नाम भी गलत लिखा गया था. वे ऐसे मामले की सुनवाई कर रहे थे जिसमें भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह का नाम भी था.’ कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि स्वतंत्र जांच की याचिका खारिज किए जाने से इस मामले में और सवाल खड़े होंगे. जब तक मामले का तर्कपूर्ण नतीजा नहीं निकलता अनेक प्रश्न अनुत्तरित रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर स्वतंत्र जांच के बाद ही मिल सकते हैं.
उधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी पर निशाना साधा है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है, ‘यह याचिका राजनीतिक हित साधने के लिए डाली गई थी. याचिका में एक अदृश्य शक्ति का हाथ है. यह अदृश्य शक्ति कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष बल्कि राहुल गांधी थे. अपने फायदे के लिए कांग्रेस न्यायापालिका को सड़क पर ले आई. कांग्रेस पार्टी को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.’
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री जरानाथ सिंह ने कांग्रेस पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने भाजपा के एक बड़े नेता की छवि बिगाड़ने का पूरा प्रयास किया, लेकिन उसे इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीर्ष अदालत का फैसला स्वागतयोग्य बताते हुए कांग्रेस पर देश में नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि जज लोया की मौत की जांच कराने की मांग करके कांग्रेस खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रही थी. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को सियासी लड़ाई में अदालत का इस्तेमाल न करने की सलाह भी दी है.
इससे पहले गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली तीन सदस्यों की पीठ ने बीएच लोया की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से होने की बात कही थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
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