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कजानः क्वालीफाईंग में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला फ्रांस फीफा विश्व कप 2018 में कल यहां आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत जीत के प्रबल दावेदार के रूप में करेगा और उसकी निगाह ग्रुप सी के इस मैच में पूरे अंक हासिल करके आगे की चुनौतियों के लिये शानदार मंच तैयार करने पर होगी।
फ्रांस यूरो 2016 के फाइनल में अपनी सरजमीं पर पुर्तगाल से हार गया था और तब उसकी बड़े मैचों में खेलने की क्षमता पर सवाल उठाये गये थे लेकिन 1998 की चैंपियन टीम के कप्तान डिडियर डेसचैम्प्स की कोचिंग में खेल रही टीम ने इसके बाद क्वालीफाईंग में अच्छा प्रदर्शन करके अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया था। इसके बाद भी फ्रांस ने अपनी अच्छी फार्म बरकरार रखी है। उसे अपने पिछले छह मैचों में से केवल एक में हार का सामना करना पड़ा और इस बीच उसने 13 गोल किये। फ्रांस मौकों का पूरा फायदा उठाता है और यही वजह है उसने अपने पिछले आठ मैचों में 17 गोल किये हैं।
एंटोनी ग्रीजमैन और कायलिन मबापे शानदार फार्म में है। उन्हें थोमार लेमार का पूरा साथ मिलने की उम्मीद है। मध्यपंक्ति में पॉल पोग्बा और एनगोलो कांते जिम्मा संभालेंगे जबकि रक्षापंक्ति में मुख्य जिम्मेदारी राफेल वराने पर होगी। सैमुअल उमिटी और दजब्रिल सिडबी चोट से पूरी तरह नहीं उबरे हैं और उनका खेलना संदिग्ध है। फ्रांस उन टीमों के खिलाफ हमेशा अच्छा प्रदर्शन करता रहा है जो फीफा विश्व रैंकिंग में शीर्ष 20 में शामिल नहीं हैं और यही वजह है कि उसे आस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत का दावेदार माना जा रहा है जो विश्व रैंकिंग में 26वें स्थान पर हैं। डेसचैम्प्स की टीम ने 20 से 40वें नंबर पर काबिज टीमों के खिलाफ जो पिछले 11 मैच खेले हैं उनमें से नौ में उसे जीत मिली है।
विश्व कप में हालिया आंकड़े भी फ्रांस के पक्ष में है। उसने 2002 में सेनेगल के हाथों हार के बाद विश्व कप के अपने शुरुआती मैच में एक भी गोल नहीं गंवाया है। आस्ट्रेलियाई टीम ‘अंडरडॉग’ के रूप में शुरुआत करेगी। क्वालीफाईंग का उसका सफर बहुत अच्छा नहीं रहा। वह ग्रुप तालिका में सऊदी अरब और जापान के बाद तीसरे स्थान पर रहा जिसके कारण उसे प्लेऑफ में खेलना पड़ा था लेकिन हांडुरास पर 3-1 की जीत से वह विश्व कप में जगह बनाने में सफल रहा।
फ्रांस की तरह आस्ट्रेलिया की टीम भी क्वालीफाईंग के बाद अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इस महीने उसने चेक गणराज्य और हंगरी पर जीत दर्ज की। उसने पिछले छह मैचों में से केवल दो मैच गंवाये। वान मार्विक की कोचिंग वाली आस्ट्रेलियाई टीम की कमजोरी उसकी रक्षापंक्ति है। हालांकि पिछले तीन मैचों में से दो में उसने अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम को एक भी गोल नहीं करने दिया और इस प्रदर्शन को वह आगे भी जारी रखने की कोशिश करेंगे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि नीदरलैंड के कोच मार्विक अनुभवी टिम काहिल को मैच में मौका देते हैं या नहीं। यह 38 वर्षीय खिलाड़ी अगर गोल करने में सफल रहता है तो वह चार विश्व कप में गोल करने वाले पेले, उवे सीलार और मिरोस्लाव क्लोसे के क्लब में शामिल हो जाएंगे। पूरी संभावना है कि टोमी ज्यूरिच आक्रमण की कमान संभालेंगे।
मध्यपंक्ति में जैकसन डर्विन शुरुआत कर सकते हैं। मार्विक रक्षापंक्ति को मजबूती देने की कोशिश करेंगे तथा मार्क मिलिगन, ट्रेंट सैन्सबरी, अजीज बेहिच और जोशुआ रिडसन को गोलकीपर मैट रेयान के साथ गोल बचाने की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। फ्रांस ग्रुप सी में सबसे मजबूत टीम है और वह इसमें शीर्ष पर रहकर आगे बढऩे की कोशिश करेगा। ग्रुप की दो अन्य टीमें डेनमार्क और पेरू हैं।
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