मुंबई। राज ठाकरे का बाल ठाकरे की अंतिम यात्रा बीच में ही छोड़ कर चले जाना सबके लिए एक बड़ा सवाल बन गया था, लेकिन अब इसकी वजह सामने आ गई है। दरअसल, उद्धव ठाकरे ने राज को पहले ही बता दिया था कि उन्हें बाल ठाकरे की अर्थी को कंधा नहीं देने दिया जाएगा। इसके बाद राज अपने चाचा की अंतिम यात्रा बीच में ही छोड़कर चले गए और सीधे अंतिम संस्कार के वक्त शिवाजी पार्क पहुंचे।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के एक अहम सूत्र ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे को जानबूझ कर सभी पारिवारिक रीति-रिवाजों से दूर रखा गया। उन्होंने बताया कि राज को बाला साहेब की अर्थी को कंधा देने से मना कर दिया गया था, जबकि उनका भतीजा होने के नाते यह राज का अधिकार था
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