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भोपाल (राजेश शर्मा) शिवराज सरकार के गण अब आत्म प्रशंसा में इतने मुग्ध हो चुके हैं कि उन्हें सच्चाई और झूठ में कोई अंतर ही समझ में नहीं आ रहा है। मध्य प्रदेश के कृषिमंत्री रामकृष्ण कुसमरिया अपनी तारीफ करने में इतने मशगूल हो गए कि यह तक कह डाला कि उन्होंने अपने जमाने में कई डाकुओं को मौत के घाट उतारा है। रविवार को उन्होंने कहा, बुंदेलखंड में जब डाकुओं का बोलबाला था। कोई भी सुरक्षित नहीं था।
उन्होंने कहा कि कॉलेज से निकलने के बाद उन्होंने नौकरी नहीं की, बल्कि जहां डाकुओं का डेरा था, एसी जगह पर जमीन ली। मैं खुद की तारीफ नहीं कर रहा, लेकिन मैंने अनेक डाकुओं को अपने हाथों से मारा है और पुलिस को सुपुर्द कर दिए, जिससे उनके प्रमोशन हुए हैं। अब बुंदेलखंड में एक भी डाकू नहीं है। कुसमरिया गायत्री शक्तिपीठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कृप्रष मंत्री ने कहा कि हम रावण दहन दशहरे के दिन करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि आज भी कई आसुरी शक्तियां शक्तिशाली होकर खड़ी हैं, उन्हें खत्म करने के लिए आध्यात्मिकता की आवश्यकता है। उन्होंने गायत्री परिवार द्वारा चलाए जा रहे अभियान एवं सेवा कार्या की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को गायत्री परिवार ने पूरे विश्व में एक स्वरूप दिया है। जिस तरह स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो में भारत की ध्वज पताका लहराई थी, उसी तरह यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि गायत्री परिवार द्वारा कितने स्वामी विवेकानंद तैयार किए जा रहे हैं, इसकी गणना नहीं कर सकते।
इस मौके पर राजधानी की अनेक संस्थाओं द्वारा अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंडया का अभिनंदन किया गया। गायत्री शक्तिपीठ में हिमालय की दुर्लभ वनौषधियों से युक्त नवनिर्मित श्रीराम स्मृति उपवन, एक्युप्रेशर पथ, नवग्रह वाटिका, नक्षत्र, राशि एवं वास्तु वाटिका का लोकार्पण भी किया गया।
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