नई दिल्ली ।। शिवसेना प्रमुख की मौत के बाद मुंबई बंद के खिलाफ फेसबुक पर कॉमेंट करने की वजह से दो लड़कियों की गिरफ्तारी का प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्केंडेय काटजू ने तीखा विरोध करते हुए मांग की है कि इसके लिए जिम्मेदार पुलिस ऑफिसरों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
जस्टिस काटजू ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भेजे ई मेल में कहा है कि संविधान की धारा 19 (1) (ए) में नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति का अधिकार मौलिक अधिकार के रूप में प्रदान किया गया है। ऐसे में मुंबई बंद का विरोध किए जाने पर किसी को धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लेना बिल्कुल गलत है।
जस्टिस काटजू ने कहा है कि हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं, किसी फासिस्ट तानाशाही व्यवस्था में नहीं। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में सामने आए तथ्य सही हैं तो यह गिरफ्तारी अपने आप में एक अपराध है। संविधान की धारा 341 और 342 किसी ऐसे व्यक्ति को गलत ढंग से या गैरकानूनी तौर पर गिरफ्तार करना अपराध है जिसने कोई गलत काम न किया हो।
जस्टिस काटजू ने मुख्यमंत्री से बेहद कड़े शब्दों में मांग की है कि इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोषी पुलिस वालों को तुरंत निलंबित करके गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की जाए। ऐसा न होने पर वह मान लेंगे कि मुख्यमंत्री अपने प्रदेश में संविधान और कानून के मुताबिक शासन चलाने में नाकाम हैं जिसका नतीजा कानूनी तौर पर भुगतने के लिए उन्हें तैयार रहना होगा।
(महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भेजा गया जस्टिस काटजू का यह ईमेल)
जस्टिस काटजू ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भेजे ई मेल में कहा है कि संविधान की धारा 19 (1) (ए) में नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति का अधिकार मौलिक अधिकार के रूप में प्रदान किया गया है। ऐसे में मुंबई बंद का विरोध किए जाने पर किसी को धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लेना बिल्कुल गलत है।
जस्टिस काटजू ने कहा है कि हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं, किसी फासिस्ट तानाशाही व्यवस्था में नहीं। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में सामने आए तथ्य सही हैं तो यह गिरफ्तारी अपने आप में एक अपराध है। संविधान की धारा 341 और 342 किसी ऐसे व्यक्ति को गलत ढंग से या गैरकानूनी तौर पर गिरफ्तार करना अपराध है जिसने कोई गलत काम न किया हो।
जस्टिस काटजू ने मुख्यमंत्री से बेहद कड़े शब्दों में मांग की है कि इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोषी पुलिस वालों को तुरंत निलंबित करके गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की जाए। ऐसा न होने पर वह मान लेंगे कि मुख्यमंत्री अपने प्रदेश में संविधान और कानून के मुताबिक शासन चलाने में नाकाम हैं जिसका नतीजा कानूनी तौर पर भुगतने के लिए उन्हें तैयार रहना होगा।
(महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भेजा गया जस्टिस काटजू का यह ईमेल)
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