उज्जैन // डॉ. अरुण जैन
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- गुजरात की युवती से गैंगरेप,
दो को आजीवन व एक को दस साल की सजा
राजेंद्र नगर आगर रोड निवासी कृष्णकांत बैनजी पिता केदारनाथ (31) व एकतानगर नानाखेड़ा निवासी सुरेंद्र उर्फ मोनू (25) को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड किया गया। कृष्णकांत जीआरपी का सिपाही (निलंबित) है और मूल रूप से मानपुरा जिला भिंड का है। सुरेंद्र ऑटो चलाता था। धन्नालाल की चाल निवासी बबलू उर्फ ओम पिता श्यामलाल मांझी को 10 साल की सजा दी गई। अतुल उर्फ कालू पिता गणेश कौशल (22) निवासी जयसिंहपुरा और सुनील पिता साहेबराव जायसवाल (29) निवासी सांईधाम कॉलोनी को बरी कर दिया गया। न्यायालय ने कहा-दया के पात्र नहीं। न्यायाधीश ने फैसले में उल्लेख किया है कि कृष्णकांत का कर्तव्य जन सामान्य को असामाजिक तत्वों से सुरक्षित करना है।
जबकि कृष्णकांत व सुरेंद्र ने ऐसा घृणित अपराध किया कि वे दया के पात्र नहीं हैं। कोर्ट में साक्ष्य के दौरान महिला व उसके पति ने कृष्णकांत बैनर्जी को पहचानने से इंकार कर दिया। महिला ने कहा कि जो पुलिस वाला उसे स्टेशन से लेकर गया था व जिसने बलात्कार किया, वह कृष्णकांत नहीं है। जबकि महिला ने जेल में उसकी पहचान की थी।
ट्रेन का इंतजार कर रहे थे - गुजरात के पंचमहल जिले की 20 वर्षीय युवती पति के साथ स्टेशन पर गोधरा जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रही थी। इस बीच प्लेटफॉर्म पर सिपाही कृष्णकांत आया। वह उन्हें बस में बैठाने का बोलकर स्टेशन के बाहर ले आया। उसने फोन लगाकर दो साथियों को बुला लिया। यहां से दंपति को धमकाकर पिपलीनाका क्षेत्र स्थित जंगल में ले गए। कृष्णकांत व सुरेंद्र ने कुकर्म किया। सोने की चेन, मोबाइल व बैग छीन लिया। पति-पत्नी को होटल गुजरात पैलेस लेकर आए। यहां होटल कर्मचारी ओमप्रकाश ने पति को पकड़ा और ऑटो चालक सुरेंद्र ने दुष्कर्म किया।
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