भोपाल से राजेश शर्मा की रिपोर्ट....
toc news internet channal
भोपाल. भारतीय जनता पार्टी के दो मुख्यमंत्रियों के बीच इन दिनों उपलब्धियां जताने की जंग जारी है। दोनो ही मुख्यमंत्री अपने अपने कार्यकाल में लागू योजनाओं के बखान के साथ ही साथ कांग्रेस के आलानेताओं से अपनी पीठ थपथपाने का जतन करते नजर आ रहे हैं। भाजपा के नेताओं में इस बात को लेकर आश्चर्य प्रकट किया जा रहा है कि जब दोनों ही मुख्यमंत्री पांच साल से ज्यादा समय से सत्ता पर काबिज हैं तो उन दोनों ही के राज्य में सरकारी जनसंपर्क विभाग आखिर इस मामले में उनका साथ क्यों नहीं दे रहा है।
पिछले काफी दिनों से जबसे भाजपा के शीर्ष नेता एल.के.आड़वाणी को हाशिए पर लाने का प्रयास किया गया है तबसे नेतृत्व में आई रिक्तता को भरने के लिए नरेंद्र मोदी तेजी से आगे आने लगे हैं। नरेंद्र मोदी का पीआर संभालने वालों ने उन्हें देश में नंबर वन साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मोदी के विरोधियो का भी वही एजेंसी शमन करती नजर आ रही है।
वहीं दूसरी ओर मोदी के मुकाबले सहज, सुलभ और विकास पुरूष की छवि बनाई जा रही है एमपी के निजाम शिवराज सिंह चौहान की। शिवराज सिंह चौहान की इमेज बिल्डिंग में मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा पूरी तरह से असफल ही साबित हो रहा है। इसका कारण जनसंपर्क विभाग में सारे अधिकारों का केंद्रीयकरण ही बताया जा रहा है।
बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान राजनाथ सिंह के हाथ आने के बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड में जगह पाने को लेकर अंदर ही अंदर चल रहा संघर्ष किसी से छुपा नहीं है। बीजेपी की मजबूरी यह है कि वह कुछ बड़े नेताओं के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की इच्छा की उपेक्षा नहीं कर सकती।
बीते दिनों शहडोल में तो पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्तर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काल में हुए विकास कार्यों की चर्चा करते हुए मोदी के साथ चौहान को विकास का मॉडल बताया। इसके उपरांत देश के प्रधानमंत्री ने भी शिवराज की पीठ थपथपा दी।
शिवराज सिंह चौहान के पास सारे गुण और गण मौजूद रहने के बावजूद भी उनकी छवि राष्ट्रीय स्तर की ना बन पाने से भाजपाई अचंभित हैं। सुषमा स्वराज, प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, राकेश सिंह, गणेश सिंह, सुमित्रा महाजन आदि जैसे राष्ट्रीय स्तर के क्षत्रपों के एमपी में होने के बाद भी मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा शिवराज सिंह चौहान की ग्लोबल इमेज नहीं बना पा रहा है। बताते हैं कि इसके पहले कांग्रेस के शासनकाल में इसी जनसंपर्क ने राजा दिग्विजय सिंह की देश मेें ही नहीं वरन विदेशों में भी गजब की छवि बनाई थी।
No comments:
Post a Comment