बैतूल // रामकिशोर पंवार
ताप्तीचंल में बसे बैतूल जिले में सीधी भर्ती से आईएस बने अधिकारी को बैतूल कलैक्टर का प्रभार तथा ठीक उसकी तर्ज पर आईपीएस अधिकारी के रूप में बैतूल जिला पुलिस अधिक्षक की पदस्थापना के बाद बैतूल जिला इन दोनो सीधी भर्ती से आए आईएस एवं आईपीएस अधिकारियों के नखरे से प्रसन्न था लेकिन सत्ताधारी भाजपा के नेताओं के गले की फांस बने अधिकारियों के खिलाफ आरपार की लड़ाई में बैतूल कलैक्टर को हटाने के बाद जिले के भाजपाई बैतूल जिले में प्रमोटी पुलिस अधिक्षक की मांग पर अड़ गए है। हालांकि हाल ही में जारी सूचि में बैतूल जिला पुलिस अधिक्षक क िका नाम नहीं था लेकिन उनकी बैतूल से रवानगी के लिए भाजपाईयों का सीएम हाऊस सहित प्रदेश के भाजपा नेताओं पर दबाव बना हुआ है।
जानकार सूत्रो ने बैतूल जिले में आरक्षित कोटे के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को सर्वण विरोधी बताते हुए प्रदेश के मुखिया के पास अपना दर्द बयां करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। पुलिस के कार्य में राजनैतिक हस्तक्षेप को स्वीकार न करने वाले ललीत शाक्यावार भी अब बैतूल कलैक्टर के तबादले के बाद बैतूल जिले में ज्यादा दिनो तक रहना नहीं चाहते है। दोनो आरक्षित कोटे के सीधी भर्ती के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के बीच काफी अच्छी टयूनिंग होने के कारण दोनो एक दुसरे को संग लेकर चला करते थे। दोनो अधिकारियों ने अपने कार्यकाल के दौरान उनके घरो में राजनैतिक एवं अन्य क्षेत्रो के लोगो के अनाधिकृत प्रवेश पर लोक लगा रखी थी। चाटुकारिता एवं चमचागिरी से दूर दोनो अधिकारियों की कार्य प्रणाली से जिले के भाजपाई नेताओं में घुटन महसूस होने लगी थी। बैतूल जिले से विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव हार जाने का डर बता कर हालांकि एक अधिकारी का तबादला करवाने में सफल सिद्ध हुए भाजपाईयों के अगले निशाने पर बैतूल जिला पुलिस अधिक्षक ललीत शाक्यवार है। अब देखना बाकी है कि पुलिस अधिक्षक स्वंय जाते है या बैतूल जिले के भाजपाई उन्हे हटाने में सफल सिद्ध होते है।
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