Thursday, March 21, 2013

क्या करूणानिधि ब्लैकमेलर है?

जगमोहन फुटेला
toc news internet channal
  

एक बड़े अंग्रेजी अख़बार ने अपने संपादकीय में समर्थन वापसी को डीएमके की ‘ब्लैकमेलिंग’ बताया है। मेरे विचार किसी व्यक्ति के लिए हो तो भले हो, लेकिन किसी अख़बार के लिए उचित नहीं है। करूणानिधि का तमिलों के साथ खड़े होना अगर गुनाह है तो फिर ये गुनाह तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी से ले कर मोहन भगवत और अटल से ले कर मोदी तक हरेक ने किया है। बादल ने जब तब ‘धर्म-युद्ध’ छेड़े हैं, मायावती दलितों से आगे किसी को नहीं देखतीं, मुलायम को सिर्फ मुसलमानों से मतलब न होता तो न रथयात्रा रूकती, न हिंसा होती उत्तर प्रदेश में। 

वोटों की राजनीति ही न हो तो राजस्थान में गूजरों और हरियाणा में जाटों को रेल पटरियों पे बिठाता कौन है? क्यों तो चौधरी चरण सिंह ने सत्ता को लात मारी और क्यों वीपी सिंह के मंडल की आग में दो सौ बच्चे हवन हो गए? करुणा अगर ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं तो वो सब क्या था? जयललिता जो कर रही हैं हर हफ्ते चार चि_ियां लिख और लीक कर के, वो क्या है? सवाल डीएमके की तमिलनाडु में राजनीति का ही नहीं है। तमिलों का भी है। ये अलग बात है कि उनका मुद्दा भारत के लिए उस के कश्मीर से टकराता है। बाहरी दखल की बात कहे तो फिर वो कश्मीर में भी माननी पड़ती है। संसद में प्रस्ताव भी पास हो फिर वो पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली की तरह दखल होगा किसी ‘स्वतंत्र, संप्रभु राष्ट्र’ में। लेकिन तब भी करुणा को ब्लैकमेलर लिख देना अतिश्योक्ति है। शायद अपमान भी। करुणा का ही नहीं तमिलों का भी। तमिलों का ही नहीं, संघीय लोकतंत्र की सीमाओं और मर्यादा का भी। 

मुझे पक्का यकीन है कि इस अख़बार का एक एडिशन चेन्नई में भी होता तो वो करूणानिधि के इस फैसले को ‘ब्लैकमेलिंग’ नहीं लिख सकता था। अख़बार को चिंता किस की है? सरकार की। वो लिखता है कि 'but government stability may not be in danger' ये अख़बार का आकलन कम, दिल को तसल्ली ज्यादा लगता है। अख़बार की चिंता तमिल नहीं, करुणा नहीं, उनकी लोकतांत्रिक आवश्यकता या विवशता भी नहीं, यूपीए की सरकार है। पता नहीं हम पत्रकार अगर अख़बार वाले हैं तो प्रधानमंत्री के साथ विदेश यात्रा और विज्ञापन से आगे क्यों नहीं सोचते? हम हिंदू-मुसलमान और तमिल-सिंहली के संदर्भ में ही क्यों सोचते रहते हैं, हिंसा के बारे में क्यों नहीं सोचते जो मीलों लंबा समंदर लांघ के भारत के भीतर आ के हमारे राजीव गांधी तक को निगल जाती है और जिस की वजह से सैकड़ों सरबजीत सड़ रहे हैं पाकिस्तान की जेलों में और भारत में सैनिकों के सिर कटे शव आते हैं, आज 65 साल बाद भी! ये तर्क भी क्या तर्क है कि श्रीलंका चीन के साथ चला जाएगा। पाकिस्तान नहीं था, चीन के साथ? क्या आज भी नहीं है सामरिक संधि दोनों में? क्या चीन ने मदद नहीं की पाकिस्तान की परमाणु शक्ति होने में? उस पाकिस्तान में हो रही हिंसा पर हम सिर्फ बोलते ही नहीं हैं बल्कि एक पूरे का पूरा सरकारी चैनल समर्पित कर रखा है हमने रोज़ उर्दू में पाकिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ। नेपाल को राजद्रोह के समय अपनी सेना की मदद भी देने को तैयार थे। इसी श्रीलंका को तो दी भी थी आईपीकेएफ के नाम से।

अभी हाल ही में एक पडोसी देश में बगावत होने पर उस के राष्ट्रपति को पनाह तक दी अपने दूतावास में। चीन ही अगर बड़ा हौवा है तो उस के न चाहने के बावजूद दलाई लामा आज तक भारत में क्यों हैं उन के बाद से भारत में पैदा हो चुकी तिब्बतियों की अब तीन पीढिय़ों के साथ। मैं बहुत बड़ा पत्रकार नहीं हूँ। देश दुनिया का ठेका अपना मान के चलने वाले किसी अंग्रेजी अख़बार में तो कभी भी नहीं रहा। जिस देश में लोग अपने पडोसी तक को नहीं पहचानते उस में विदेश और उस की भी राजनीति, कूटनीति तो खैर मैं क्या ही समझूंगा। लेकिन समझाना ज़रूर चाहूँगा एक बात अगर इस देश का मीडिया समझ सके। और वो ये कि निजी, पारिवारिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन में कुछ स्टैंड आदमी, पार्टी या देशों को लेने ही पड़ते हैं। लेने चाहिए भी। अब इसी को लें। 

करुणा ने आप को छोड़ा। आप करुणा को छोड़ दो। ज़ाहिर है तमिलों को छोड़ के जया भी यूपीए की सरकार बचाने आएंगी नहीं। तो क्या करोगे आप? आप मुलायमों और मायाओं के दम पर करुणा, जया, तमिलनाडु और तमिलों को छोड़ देना। ये समझने की कोशिश न करना कि अपने लोगों के साथ जीना मरना करुणा और जयललिताओं की भी मजबूरी है। आप लाख न चाहें कश्मीर में किसी का दखल लेकिन इस का ये मतलब भी नहीं है कि श्रीलंका में नरसंहार होता फिरे। अमेरिका और उस से भी कम शक्ति वाले कंगाली की कगार तक पे बैठे उन यूरोपीय देशों के नज़रिए से कब सोचना शुरू करेंगे हम कि ओसामा तो एक दूर पाकिस्तान में भी बैठा हो तो सारी मानव जाति के लिए घातक होता है। अमेरिका अगर पाकिस्तान में घुस कर उस को मार सकता है तो हम क्या एक बयान भी नहीं दे सकते? मैंने कहा, मुझे विदेश क्या, राजनीति तक नहीं आती। 

लेकिन ये पता है कि श्रीलंका अगर अपने गृहयुद्ध की आग में यों ही जलता रहा तो झुलसेगा बहुत कुछ भारत में भी। क्यों इतनी बुद्धि नहीं है हम में कि कभी मुलायम, कभी बादल और कभी अपने करुणाओं के रूप में दिख रही संघीय लोकतंत्र की इस खूबसूरती को समझ सकें और वोटगत मजबूरी भी अकेले माया, मुलायम, बादल और करूणानिधि की नहीं है। कांग्रेस की भी है। न होती तो प्रियंका गांधी क्यों जाती अपने पिता की हत्यारिन से मिलने। क्यों मांग करतीं उसे छोड़ देने की जिसे इस देश की अदालतें सजा दे चुकी हैं। इस तरह के जातिगत या वोटगत दबाव फिर भी रहेंगे। अमेरिका का वीज़ा मिले न मिले, मोदी तो होंगे। तमिल धरती पर रहेंगे तो श्रीलंका की समस्या और भारत पे उस का दबाव भी हमेशा रहेगा। समाधान भी निकलेंगे। पर, भगवान के लिए इस ब्लैकमेलिंग न कहो। करूणानिधि के बिना सरकार भले चल जाए, तमिलों के बिना तमिलनाडु नहीं चलेगा। तमिलनाडु के बिना देश नहीं !

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

Popular Posts

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news