साधना सिंह सम्हालेंगी प्रदेश की कमान
दिल्ली जायेंगे शिवराज सिंह चौहान
श्रीमती उषारानी शर्मा
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भोपाल (हो.न्यू.)। भाजपा के अंतहपुरों की सही मानें तो अब यह सुनिश्चित हो गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी अब मध्यप्रदेश की कमान सम्हालेंगी। बताते हैं कि संघ परिवार के शीर्ष नेतृत्व ने यह निर्णय बहुत सोच समझकर लिया है।
भाजपा हाय कमान ने सोची समझी रणनीति के तहत शिवराज सिंह चौहान को आश्वस्त किया है कि वे दिल्ली आकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हेकड़ी कैसे बन्द की जाए इस विषय पर अपनी टीम के साथ काम को अंजाम दें। अभी तक के सूत्रों की मानें तो साधनाजी की मीडिया में अच्छी छवि के लिये मुख्यमंत्री स्वयं जिम्मेवार रहे हैं क्योंकि बिना साधनाजी के वे कदम भी नहीं बढ़ाते। पूरे प्रदेश में बदलाव की बयार बहने की संभावनायें हैं -
पता यह भी चला है कि वर्तमान प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव को मुख्य सचिव का दायित्व सौंपा जाने वाला था परंतु महिला सशक्तिकरण को देखते हुए मनोज जी की धर्मपत्नी अब मुख्य सचिव का स्थान लेंगी।
संपादक जनसंपर्क के लिये राकेश श्रीवास्तव ने पहले से ही अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी अत: संचालक जनसंपर्क के लिये लाजपत आहूजा को पदस्थ करने का निर्णय लिया गया क्योंकि उनकी लाठी में लचीलापन न होने और उनके आचरण में महिलाओं की तरह एक भी गुण न होने के कारण श्रीमती आहूजा अब जनसम्पर्क विभाग की विभागाध्यक्ष होंगी।
मंत्रालय में भारी फेरबदल के आसार बताये जा रहे हैं यहां पर मनोज जी की धर्मपत्नी को मुख्य सचिव का पद सम्हालते ही गृह विभाग सामान्य प्रशासन वन, उद्योग सभी में बदलाव के संकेत हैं।
मुख्यमंत्री साधनाजी ने ''करवाचौथ'' को मध्यप्रदेश दिवस के रूप में घोषित कर दिया है। मंत्रिमण्डल में केवल महिला बाल विकास विभाग पुरुष मंत्री को दिया जायेगा। पुरुषों की दयनीय स्थिति को देखते हुये शिवराज जी के तर्ज पर 'बेटा बचाओ अभियान'' संचालित किया जायेगा।
''पुरुष सशक्तिकरण'' को मध्यप्रदेश में प्राथमिकता दी जायगी - अब पति अपनी पत्नी की आज्ञा से रसोई का काम निष्पादित कर बाग बगीचों में कुछ समय बिता सकेंगे। पुरुष प्रधान संस्थाओं को विशेष संरक्षण दिया जायेगा। महिलाओं द्वारा पुरुषों की छेड़छाड़ के लिये पृथक से कानून बनाया जायगा।
''कार्यस्थल'' पर महिलायें पुरुषों का शोषण न करें इसके लिये प्रत्येक विभाग में ''पुरुष उत्पीडऩ प्रकोष्ठ'' बनाये जायेंगे।
जो पति अपनी पत्नियों के अंगवस्त्र नियमित रूप से धो-सुखा कर प्रेस करके देंगे उन्हें मध्यप्रदेश के पत्रकारों की भांति श्रद्धानिधि प्रदान की जाएगी। इसके लिये वे ही पति पात्र होंगे जो निश्चित रूप से अपनी धर्मपत्नियों के चरण दबाकर सेवा करते होंगे।
गर्भ में आते ही पुरुष शिशु भ्रूण की हत्या पर रोक लगा दी जायेगी - बाजारों, सिनेमाघरों, मॉल, मंत्रालय, रेलवे, बस स्टेंड पर पुरुषों के संरक्षण गृह बनेंगे। इनमें पहलवान किस्म की महिलाओं को प्रभार सौंपे जायेंगे।
'मध्यप्रदेश पुरुष आयोग'' का गठन किया जाएगा - मुख्यमंत्री साधनाजी की सिफारिश पर निवृतमान अध्यक्ष प्रभात झा को आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा की गई है।
प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र तोमर को पुरुष कल्याण और कार्यकर्ताओं के भरण पोषण का जिम्मा सौंपा जायेगा।
प्रतिपक्ष में भी हलचलें तेज हो गई हैं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के स्थान पर उनकी पत्नी की नियुक्ति कर दी गई है प्रतिपक्ष के नेता राहुल भैय्या को भी चुरहट का रास्ता दिखा दिया गया है उनका स्थान उनकी सहधर्मिणी लेंगी।
पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती नंदन दुबे को घोषित कर दिया गया है - जहां जहां पुलिस अधीक्षक पुरुष हैं वहां उनकी पत्नियां कमान सम्हालेंगी। जिन स्थानों पर विसंगति सामने आयेगी तो पत्नी के स्थान पर ''प्रेयसी'' की पदस्थापना संभव होगी। ट्रेड यूनियन, मोर्चे, अनुदानित संस्थाओं पर महिलाओं का कब्जा होगा - अब पुरुष वर्गों को पूरा संरक्षण दिया जाएगा। यदि कोई महिला पुरुष को घूरेगी तो मुकदमा चलाया जा सकेगा।
पुरुष प्रताडऩा के मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा। जो पत्र-पत्रिकायें पुरुष प्रधान होंगी, उन्हें विशेष दर्जा दिया जाएगा। पुरुषों को मध्यप्रदेश में पूरे सम्मान की दृष्टि से देखा जाएगा।
मध्यप्रदेश देश का पहला प्रदेश होगा जहां ''पुरुष संरक्षण गृह'' बनाये जाएंगे।
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