भाजपा के दलित विधायक को पड़ा मंहगा
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बैतूल, (रामकिशोर पंवार): ताप्तीचंल में बसे आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के आमला नगरीय क्षेत्र में उस समय अफरा - तफरी मच गई जब आमला टीआई की कार्यप्रणाली से नाराज लोगो के बीच पहुंचे भाजपा के अनुसूचित जाति के विधायक ने स्वर्ण जाति के थानेदार के पक्ष में जैसे ही बोलना चाहा ठीक उसी समय पीछे से विधायक की स्वजाति महिला सीमा ने जनप्रतिनिधि की मर्यादा की सीमा को लांध कर सरेआम विधायक की पगड़ी आसमान में उछाल दी। अभी कुछ ही दिन पहले विधायक की मां का निधन हुआ था।
अपनी मां के निधन के बाद हुई पगड़ी रस्म के बाद विधायक की सरेआम पगड़ी उछालने के मामले में विधायक ने अपनी स्वजाति महिला सहित अन्य लोगो के खिलाफ किसी भी प्रकार की पुलिस में रिर्पोट दर्ज नहीं की है। इधर आमला नगर के व्यापारियों, नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने आमला में पदस्थ विवादास्पद थानेदार राजकुमार दुबे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जनआक्रोष के चलते पुलिस अधिक्षक ने दो दिन के लिए तत्काल प्रभाव के साथ थानेदार राजकुमार दुबे को लाइन अटैच कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है। जानकारी के अनुसार थानेदार पर यह भी आरोप है कि उसके द्वारा सामुहिक दुराचार के मामले को दबाने के लिए पीडि़त महिला को उसके परिजनो के द्वारा मानसिक रूप से विक्षिप्त बताने के बाद पूरे मामले को मामूली विवाद में बदल डाला गया। थानेदार की कार्य प्रणाली से बेहद खफा कांग्रेसी एवं भाजपाई व्यापारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने आमला बंद करवाया जिसके दौरान आमला पहुंचे भाजपा के दलित विधायक को थानेदार के पक्ष में बोलने पर इस कदर विरोध का सामना करना पड़ा कि लोगों ने उनका पगड़ी तक उछाल दी और कांग्रेसियों ने उन्हें घेरकर जमकर नारेबाजी की।
पूरे घटनाक्रम के बाद नपा अध्यक्ष मनोज मालवे सहित अन्य लोग रात आठ बजे एसपी से मिलने पहुंचे। जहां उन्होंने थानेदार की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतों का पुलिंदा सौंपा और थानेदार को दोबारा आमला में पदस्थ न करने की मांग की। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर लंबे समय से क्षेत्र में लोगों में आक्रोश था। नागरिकों और व्यापारियों ने बीती सुबह बोडख़ी मार्केट बंद कराया और इसके बाद जब वे आमला मार्केट बंद करा रहे थे तो भाजपा मंडल अध्यक्ष कुलदीप आरोरा और विधायक चैतराम मानेकर ने मार्केट खुलवाने का प्रयास किया लेकिन व्यापारी संघ के समर्थन के बाद आमला मार्केट भी बंद हो गया।आंदोलन में शामिल कांग्रेसी नेताओं और व्यापारियों ने इसके बाद थानेदार राजकुमार दुबे और विधायक चैतराम मानेकर के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी तथा आमला-जम्बाड़ा मार्ग पर चक्काजाम शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर एसडीओपी महेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों ने उनसे चर्चा से इंकार कर दिया और एसपी को बुलाने पर अड़ गए। इसके बाद एसपी भी आमला पहुंचे और उन्होंने थानेदार को लाइन अटैच कर जांच के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि जनआक्रोष का शिकार बने थानेदार पुलिस अधिक्षक के भी चहेते है।
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