माखनलाल दादा की कर्म भूमि पर फर्जी पत्रकारों ने दादाजी की नगरी को बदनाम कर दिया है आज कैमरे लेकर घूमता कर वंदा अपने आप को पत्रकार कह रहा है ये कभी जर्दा पाउच चेक करते है कभी पोलिथिन कभी राशन दूकान सरपंच सचिव और तो और सीमेंट चेक करने भी पहुच जाते है । यही नहीं कथित पत्रकारों ने दलाली शुरू कर दी । क़त्ल के लिए जाने वाले पशुओ की खबर में भी पैसा ले रहे है लानत है ऐसे लोगो पर ऐसा ही करना है तो पत्रकारिता छोड़ " दलाली " ही करे ।
खंडवा में फर्जी पत्रकारों की भरमार हो गई है हर जगह 500 का कैमरा लेकर पहुँच जाते है परेशानी उन लोगो को होती है जो काम करते है और तो और जब फ़िल्मी कलाकार आते है फर्जी अपने रिश्तेदारों को लेकर भी आ जाते है न जाने कब रुकेगा ये फर्जीवाड़ा अब चुनाव आने वाले है ऐसे में और पत्रकार जन्म ले लेंगे ।
खंडवा में जन्म लेने बच्चो से ज्यदा पत्रकार जन्म दर है हर प्रेसवार्ता में नए नए चेहरे दिखाई देते है । ये तो वो है जो किसी अखबार के एजेंट हो सकते है लेकिन कुछ तो आसमान से पत्रकार बन के उतरे है जो सिर्फ " तोड़ी " में ही लगे रहते है ।
”जो कलम सरीखे टूट गये पर झुके नहीं, उनके आगे यह दुनिया शीश झुकाती है
ReplyDeleteजो कलम किसी कीमत पर बेची नहीं गई, वह तो मशाल की तरह उठाई जाती है”