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भोपाल, MP में पुलिस बिना किसी दबाव के एफआईआर दर्ज ही नहीं करती। चाहे कितना भी संगीन अपराध क्यों न हो। बावजूद इसके जो एफआईआर दबाव में दर्ज हुई उनका आंकड़ा चौंकाने वाला है।
पिछले 9 महीनों में एमपी में 3400 रेप, 1600 हत्याएं, 1500 लूट और 55000 चोरियों के मामले दर्ज हुए हैं। हालात कुछ ऐसे हैं मानों अपराधियों में पुलिस की दहशत ही नहीं रही बल्कि दोस्ती हो गई है। खुलेआम वारदातें हो रहीं हैं।
पिछले 9 महीनों के दौरान प्रदेश में 3400 से ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 1600 से अधिक हत्या के प्रकरण विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं। अन्य अपराधों के आंकड़े तो हजारों में हैं। इससे जाहिर होता है कि मध्यप्रदेश अपराधों का गढ़ बन गया है।
मध्यप्रदेश क्राइम ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पिछले नौ महीने में बलात्कार के 3400 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं यानी हर महीने 377 और हर दिन का औसत निकालें तो यहां करीब 12 रेप के मामले रोज दर्ज हो रहे हैं।
इसी प्रकार पिछले नौ महीने में यहां 1600 हत्या के मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में विगत नौ महीने के दौरान 1500 घटनाएं लूट की 15 हजार से अधिक मामले चोरी के दर्ज हुए हैं।
भोपाल, MP में पुलिस बिना किसी दबाव के एफआईआर दर्ज ही नहीं करती। चाहे कितना भी संगीन अपराध क्यों न हो। बावजूद इसके जो एफआईआर दबाव में दर्ज हुई उनका आंकड़ा चौंकाने वाला है।
पिछले 9 महीनों में एमपी में 3400 रेप, 1600 हत्याएं, 1500 लूट और 55000 चोरियों के मामले दर्ज हुए हैं। हालात कुछ ऐसे हैं मानों अपराधियों में पुलिस की दहशत ही नहीं रही बल्कि दोस्ती हो गई है। खुलेआम वारदातें हो रहीं हैं।
पिछले 9 महीनों के दौरान प्रदेश में 3400 से ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 1600 से अधिक हत्या के प्रकरण विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं। अन्य अपराधों के आंकड़े तो हजारों में हैं। इससे जाहिर होता है कि मध्यप्रदेश अपराधों का गढ़ बन गया है।
मध्यप्रदेश क्राइम ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पिछले नौ महीने में बलात्कार के 3400 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं यानी हर महीने 377 और हर दिन का औसत निकालें तो यहां करीब 12 रेप के मामले रोज दर्ज हो रहे हैं।
इसी प्रकार पिछले नौ महीने में यहां 1600 हत्या के मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में विगत नौ महीने के दौरान 1500 घटनाएं लूट की 15 हजार से अधिक मामले चोरी के दर्ज हुए हैं।
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