अवधेश पुरोहित @ toc news
भोपाल। यूँ तो मध्यप्रदेश में उद्योग के नाम पर अधिकारियों और कारोबारियों की मिलीभगत के चलते गोरखधंधा वर्षों से चल रहा है, तो वहीं इस तरह के गोरखधंधे को राजनेताओं और शिवराज मंत्रीमण्डल के सदस्यों का संरक्षण ही प्राप्त है,
हाल ही में कटनी में बड़े स्तर पर हो रहे कोयले की कालाबाजारी को रोकने के लिये एसपी गौरवत तिवारी ने स्पेशल टास्क फोर्स गठित कर जिले में चल रही कोयले की कालाबाजारी की जांच कराने का निर्देश दिया और इस टीम ने पिछले दिनों बाक्साइड किंग पवन मित्तल की फैक्ट्री पर छापा मारकर वहां से दस्तावेज जब्त किए जिस पर एडीजी लोकायुक्त अशोक अवस्थी ने मामले को दबावे का प्रयास किया तो एसपी कटनी इस मामले को लेकर आग बबूला हो गए । डीजपी पुलिस के क्षेत्राधिकार से एडीजी की दखल से स्थानीय पुलिस और लोकायुक्त में ठन गई जबकि इस मामले में केवल डीजीपी का ही हस्तक्षेप करने का अधिकार है, सूत्रों के अनुसवार कटनी एसपी गौरव तिवारी ने इस पूरे मामले में पुलिस डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ल सहित लोकायुक्त यूसी माहेश्वरी से भी शिकायत की है,
उन्होंने शिकायत में बताया कि कटनी में कोयले की कालाबाजारी करने वाली ४५ फैक्ट्रियों की जांच करने के लिए गठन किया गया जब यह टीम मित्तल विजय की सेेरेमिक्स की जाँच करने पहुँची तो वह भड़क गए और उन्होंने टीम में शामिल पुलिस अफसरों से कहा कि अभी मैं एक फोन सीएम के करीबी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को फोन लगाऊंगा और तुम्हारा तबादला हो जाएगा मित्तल की इस तरह की धमकी के बाद पुलिस अधिकारी नहीं माने तो लोकायुक्त एडीजी अशोक अवस्थी को फोन लगाकर टीम में शामिल पुलिस अफसरों को धमकाया इससे पुलिस में विवाद की स्थिति पैदा हो गई। इधर इसम मामले में डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला का कहना है कि मुझे इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली तो वहीं अजय कुमार शर्मा डीजी लोकायुक्त पुलिस का भी यह कहना है कि इस मामले में मेरे पास कोई लिखित शिकायत नहीं आई है,
शिकायत आने पर ही कुछ बता सकूंगा फिलहाल इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं और लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि राज्य में कालाबाजारी करने वाले कारोबारियों को सत्ता संगठन के साथ-साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी अधिकारियों से कितनी सांठगांठ है और वह किस तरह से प्रदेश के कालाबाजारी करने वाले लोगों को संरक्षण प्रदान किये हुए हैं इस बात का खुलासा मित्तल द्वारा उनकी कोयले की कालाबाजारी को उजागर करने गई पुलिस टीम को धमकी देने से उजाागर होता है और यह भी उजागर होता है कि राज्य में कोयले की कालाबाजारी करने वाले कारोबारियां को किस तरह से सत्ता और प्रशासन में बैठे बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है यह उल्लेखनीय है कि राजधानी में भी शिवराज मंत्रीमण्डल के एक मंत्री के चहेते द्वारा चलाये जा रहे कोयले के कारोबारी ने सिक तरह का संरक्षण प्राप्त है,
जिसका खुलासा पिछले दिनों हुआ था, लेकिन मंत्री के इस मामले में दखल देने के बाद वह सब रफा-दफा हो गया आज भी वह कोयले का कारोबारी उक्त मंत्री के इर्द-गिर्द और उनके बंगले पर अक्सर नजर आता है। राज्य में कोयले की कालाबाजारी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है तो वहीं इंदौर-भोपाल हाईवे पर कोयले क रने वाले लोगों के टपरे लगे नजर आते हैं लेकिन इस मार्ग से गुजरने वाले किसी अधिकारी की निगाहें उन पर नहीं जातीं, ऐसे कारोबारी राज्यभर में सक्रिय हैं उन सबके पीछे ऐसे ही राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द रहने वाले अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते यह कोयले का कारोबार धड़ल्ले से जारी है।
भोपाल। यूँ तो मध्यप्रदेश में उद्योग के नाम पर अधिकारियों और कारोबारियों की मिलीभगत के चलते गोरखधंधा वर्षों से चल रहा है, तो वहीं इस तरह के गोरखधंधे को राजनेताओं और शिवराज मंत्रीमण्डल के सदस्यों का संरक्षण ही प्राप्त है,
हाल ही में कटनी में बड़े स्तर पर हो रहे कोयले की कालाबाजारी को रोकने के लिये एसपी गौरवत तिवारी ने स्पेशल टास्क फोर्स गठित कर जिले में चल रही कोयले की कालाबाजारी की जांच कराने का निर्देश दिया और इस टीम ने पिछले दिनों बाक्साइड किंग पवन मित्तल की फैक्ट्री पर छापा मारकर वहां से दस्तावेज जब्त किए जिस पर एडीजी लोकायुक्त अशोक अवस्थी ने मामले को दबावे का प्रयास किया तो एसपी कटनी इस मामले को लेकर आग बबूला हो गए । डीजपी पुलिस के क्षेत्राधिकार से एडीजी की दखल से स्थानीय पुलिस और लोकायुक्त में ठन गई जबकि इस मामले में केवल डीजीपी का ही हस्तक्षेप करने का अधिकार है, सूत्रों के अनुसवार कटनी एसपी गौरव तिवारी ने इस पूरे मामले में पुलिस डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ल सहित लोकायुक्त यूसी माहेश्वरी से भी शिकायत की है,
उन्होंने शिकायत में बताया कि कटनी में कोयले की कालाबाजारी करने वाली ४५ फैक्ट्रियों की जांच करने के लिए गठन किया गया जब यह टीम मित्तल विजय की सेेरेमिक्स की जाँच करने पहुँची तो वह भड़क गए और उन्होंने टीम में शामिल पुलिस अफसरों से कहा कि अभी मैं एक फोन सीएम के करीबी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को फोन लगाऊंगा और तुम्हारा तबादला हो जाएगा मित्तल की इस तरह की धमकी के बाद पुलिस अधिकारी नहीं माने तो लोकायुक्त एडीजी अशोक अवस्थी को फोन लगाकर टीम में शामिल पुलिस अफसरों को धमकाया इससे पुलिस में विवाद की स्थिति पैदा हो गई। इधर इसम मामले में डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला का कहना है कि मुझे इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली तो वहीं अजय कुमार शर्मा डीजी लोकायुक्त पुलिस का भी यह कहना है कि इस मामले में मेरे पास कोई लिखित शिकायत नहीं आई है,
शिकायत आने पर ही कुछ बता सकूंगा फिलहाल इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं और लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि राज्य में कालाबाजारी करने वाले कारोबारियों को सत्ता संगठन के साथ-साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी अधिकारियों से कितनी सांठगांठ है और वह किस तरह से प्रदेश के कालाबाजारी करने वाले लोगों को संरक्षण प्रदान किये हुए हैं इस बात का खुलासा मित्तल द्वारा उनकी कोयले की कालाबाजारी को उजागर करने गई पुलिस टीम को धमकी देने से उजाागर होता है और यह भी उजागर होता है कि राज्य में कोयले की कालाबाजारी करने वाले कारोबारियां को किस तरह से सत्ता और प्रशासन में बैठे बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है यह उल्लेखनीय है कि राजधानी में भी शिवराज मंत्रीमण्डल के एक मंत्री के चहेते द्वारा चलाये जा रहे कोयले के कारोबारी ने सिक तरह का संरक्षण प्राप्त है,
जिसका खुलासा पिछले दिनों हुआ था, लेकिन मंत्री के इस मामले में दखल देने के बाद वह सब रफा-दफा हो गया आज भी वह कोयले का कारोबारी उक्त मंत्री के इर्द-गिर्द और उनके बंगले पर अक्सर नजर आता है। राज्य में कोयले की कालाबाजारी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है तो वहीं इंदौर-भोपाल हाईवे पर कोयले क रने वाले लोगों के टपरे लगे नजर आते हैं लेकिन इस मार्ग से गुजरने वाले किसी अधिकारी की निगाहें उन पर नहीं जातीं, ऐसे कारोबारी राज्यभर में सक्रिय हैं उन सबके पीछे ऐसे ही राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द रहने वाले अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते यह कोयले का कारोबार धड़ल्ले से जारी है।
No comments:
Post a Comment