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रीवा. मध्यप्रदेश के रीवा जिले में तीन सगी बहनों ने एक साथ पीएचडी पूरी कर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है. हैरत की बात यह है कि मास्टर डिग्री धारी इन बहनों को आज तक कोई सरकारी नौकरी नही मिली है.
तीनों बहनों का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज...
तीनों बहनें डॉ अर्चना मिश्रा, डॉ अंजना मिश्रा और डॉ आशू मिश्रा हैं. डॉ अर्चना ने परंपराओं से बंधी नारी , डॉ अंजना ने स्टडी ऑन ड्रिकिंग वाटर क्वालिटी एण्ड वाटर बोर्न डिसीजेज, डॉ आशू ने एसेसमेंट ऑफ फिजिको केमिकल एण्ड बायोलाजिकल प्रोफाइल ऑफ पोटेबल वाटर ऑफ सतना डिस्ट्रिक विषय पर एक साथ पीएचडी डिग्री हासिल की. उनकी इस सफलता पर तीनों का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है.
बेटियों को बेटों की तरह पढ़ाया...
यह तीनों बहनें रीवा में रहने वाले अधिवक्ता विजय शंकर मिश्रा की बेटियां हैं. उनके पिता कहते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उन्होंने तय किया था कि बेटियों को उच्च शिक्षा देंगे और इसलिए तीनों बेटियों को बेटों की तरह पढ़ा-लिखा कर इस मुकाम तक पहुंचाया. बेटियों की पढाई के लिए उन्हें अपनी जमीन तक बेचनी पड़ी लेकिन अब बेटियों का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने पर उन्हें गर्व है.
लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के बाद अब ये बेटियां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराना चाहती हैं. तमाम परेशानियों के बाद भी इन बेटियों ने जो उपलब्धि हासिल की है उसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए एक मिसाल तो जरूर माना जा सकता है.
रीवा. मध्यप्रदेश के रीवा जिले में तीन सगी बहनों ने एक साथ पीएचडी पूरी कर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है. हैरत की बात यह है कि मास्टर डिग्री धारी इन बहनों को आज तक कोई सरकारी नौकरी नही मिली है.
तीनों बहनों का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज...
तीनों बहनें डॉ अर्चना मिश्रा, डॉ अंजना मिश्रा और डॉ आशू मिश्रा हैं. डॉ अर्चना ने परंपराओं से बंधी नारी , डॉ अंजना ने स्टडी ऑन ड्रिकिंग वाटर क्वालिटी एण्ड वाटर बोर्न डिसीजेज, डॉ आशू ने एसेसमेंट ऑफ फिजिको केमिकल एण्ड बायोलाजिकल प्रोफाइल ऑफ पोटेबल वाटर ऑफ सतना डिस्ट्रिक विषय पर एक साथ पीएचडी डिग्री हासिल की. उनकी इस सफलता पर तीनों का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है.
बेटियों को बेटों की तरह पढ़ाया...
यह तीनों बहनें रीवा में रहने वाले अधिवक्ता विजय शंकर मिश्रा की बेटियां हैं. उनके पिता कहते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उन्होंने तय किया था कि बेटियों को उच्च शिक्षा देंगे और इसलिए तीनों बेटियों को बेटों की तरह पढ़ा-लिखा कर इस मुकाम तक पहुंचाया. बेटियों की पढाई के लिए उन्हें अपनी जमीन तक बेचनी पड़ी लेकिन अब बेटियों का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने पर उन्हें गर्व है.
लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के बाद अब ये बेटियां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराना चाहती हैं. तमाम परेशानियों के बाद भी इन बेटियों ने जो उपलब्धि हासिल की है उसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए एक मिसाल तो जरूर माना जा सकता है.
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