Sep 05, 2016, Toc News
मुंबई। अमिताभ बच्चन ने शिक्षक दिवस के मौके पर अपनी पोती आराध्या और नातिन नव्या के नाम खत लिखा है। इसमें उन्होंने दोनों को जिंदगी जीने व सफलता हासिल करने के गुर सिखाए हैं।
अभिताभ ने अपने इस खत में लिखा है कि, तुम दोनों के कंधों पर बेहद अहम विरासत की जिम्मेदारी है। आराध्या, अपने परदादा डॉ. हरिवंश राय बच्चन और नव्या अपने परदादा एच.पी. नंदा की विरासत संभाल रही हैं।
तुम दोनों के परदादा ने तुम्हें ये उपनाम दिया है, ताकि तुम इस प्रतिष्ठा और सम्मान का आनंद उठा सको। तुम दोनों भले ही नंदा या बच्चन हो, लेकिन पहले लड़की हो, महिला हो।
चूंकि आप स्त्री हैं, लोग आप पर अपनी सोच थोपने की कोशिश करेंगे। आप को निर्देश देंगे कि क्या पहनना है, कैसे बर्ताव करना है? आप कहां जा सकते हो? कहां नहीं? मगर आप को इन चीजों को तव्वजो नहीं देनी है।
कभी लोगों की धारणा की परछाईं में मत जीना। अपने फैसले खुद अपने विवेक से लेना। किसी को आप यह मौका मत देना कि वे आपके स्कर्ट की लंबाई से आप के चरित्र का आंकलन करें।
जब तक तुम खुद शादी के लिए तैयार न हो, किसी के दबाव या किसी और वजह से शादी मत करना। लोग तो बेवजह की बातें करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि तुम्हें उनकी बातें सुननी ही हैं। इन बातों से कभी भी परेशान मत होना कि लोग क्या कहेंगे?
नव्या- तुम्हारा नाम या सरनेम तुम्हें उन मुसीबतों से नहीं बचाएगा, जो एक मोहिला होने की वजह से अकसर तुम्हारे सामने आएंगी।
आराध्या- जब तक तुम इस खत को देखोगी और समझोगी, शायद तब तक में तुम्हारे आस पास मौजूद न हूं। लेकिन मुझे लगता है कि उस समय भी ये सारी बातें उचित होंगी।
लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम जैसी महिलाएं ही इन चीजों को बदल सकती हैं। हालांकि, महिलाओं के लिए अपनी सीमाएं बनाना और दूसरों को फैसले से ऊपर सोचना भले ही आसान न हो, लेकिन तुम हर जगह महिलाओं के लिए मिशाल बन सकती हो।
मेरे लिए बेहद गर्व और सम्मान की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन के नाम से नहीं, बल्कि तुम्हारे दादा और नाना के रूप में जाना जाऊं।
मुंबई। अमिताभ बच्चन ने शिक्षक दिवस के मौके पर अपनी पोती आराध्या और नातिन नव्या के नाम खत लिखा है। इसमें उन्होंने दोनों को जिंदगी जीने व सफलता हासिल करने के गुर सिखाए हैं।
अभिताभ ने अपने इस खत में लिखा है कि, तुम दोनों के कंधों पर बेहद अहम विरासत की जिम्मेदारी है। आराध्या, अपने परदादा डॉ. हरिवंश राय बच्चन और नव्या अपने परदादा एच.पी. नंदा की विरासत संभाल रही हैं।
तुम दोनों के परदादा ने तुम्हें ये उपनाम दिया है, ताकि तुम इस प्रतिष्ठा और सम्मान का आनंद उठा सको। तुम दोनों भले ही नंदा या बच्चन हो, लेकिन पहले लड़की हो, महिला हो।
चूंकि आप स्त्री हैं, लोग आप पर अपनी सोच थोपने की कोशिश करेंगे। आप को निर्देश देंगे कि क्या पहनना है, कैसे बर्ताव करना है? आप कहां जा सकते हो? कहां नहीं? मगर आप को इन चीजों को तव्वजो नहीं देनी है।
कभी लोगों की धारणा की परछाईं में मत जीना। अपने फैसले खुद अपने विवेक से लेना। किसी को आप यह मौका मत देना कि वे आपके स्कर्ट की लंबाई से आप के चरित्र का आंकलन करें।
जब तक तुम खुद शादी के लिए तैयार न हो, किसी के दबाव या किसी और वजह से शादी मत करना। लोग तो बेवजह की बातें करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि तुम्हें उनकी बातें सुननी ही हैं। इन बातों से कभी भी परेशान मत होना कि लोग क्या कहेंगे?
नव्या- तुम्हारा नाम या सरनेम तुम्हें उन मुसीबतों से नहीं बचाएगा, जो एक मोहिला होने की वजह से अकसर तुम्हारे सामने आएंगी।
आराध्या- जब तक तुम इस खत को देखोगी और समझोगी, शायद तब तक में तुम्हारे आस पास मौजूद न हूं। लेकिन मुझे लगता है कि उस समय भी ये सारी बातें उचित होंगी।
लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम जैसी महिलाएं ही इन चीजों को बदल सकती हैं। हालांकि, महिलाओं के लिए अपनी सीमाएं बनाना और दूसरों को फैसले से ऊपर सोचना भले ही आसान न हो, लेकिन तुम हर जगह महिलाओं के लिए मिशाल बन सकती हो।
मेरे लिए बेहद गर्व और सम्मान की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन के नाम से नहीं, बल्कि तुम्हारे दादा और नाना के रूप में जाना जाऊं।
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