अवधेश पुरोहित @ Toc News
भोपाल। राज्य में भाजपा शासनकाल के दौरान हर प्रकार के कारोबार के माफियाओं की सक्रियता बढ़ी है उसके बाद राज्य में कितने अधिकारियों के साथ इन खनिज माफियाओं द्वारा मारपीट की घटनाएं घटित की गई और यही नहीं कईयों को तो मौत के घाट उतारने में इनको जरा भी हिचक नहीं रहती। हालांकि यदि माफियाओं की बात करें तो राज्य में माफियाओं का जो रैकेट है
उसमें अधिकांश भाजपा के नेता ही सक्रिय हैं, फिर चाहे वह खनिज का माफिया हो या परिवहन का माफिया हो या शराब माफिया या फिर वनों की कटाई करने वाला माफिया या फिर रेत माफिया हो। इन सबको आतंक इतना है कि कोई भी इनके खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं करता इसके पीछे भाजपा नेताओं का होना इस बात का प्रमाण है कि राज्यभर में भाजपा नेताओं के संरक्षण में इन माफियाओं का साम्राज्य चल रहा है और आज तक इन पर कोई सशक्त कार्यवाही नहीं किया जाने के कारण उनके हौंसले इतने बढ़ गये हैं कि वह प्रदेश के परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा चलाई जा रही राज्य की सड़कों पर अवैध बसों की धरपकड़ की कार्यवाही से बस संचालकों में इतनी हड़कंप मची हुई है कि वह अब उन्हें भी धमकी देने लगे हैं। इस बात का खुलासा स्वयं परिवहन मंत्री द्वारा किया गया। हालांकि मंत्री द्वारा चलाये जा रहे इस तरह के अभियान से जहां परिवहन अमला भी भयभीत है जिसकी वजह है पहली बार प्रदेश सरकार के किसी मंत्री ने सड़कों पर उतरकर अवैध बस संचालकों के खिलाफ डंडा उठाया है,
इससे घबराकर अब प्रदेश का शराब माफिया और बस लॉबी परिवहन मंत्री के खिलाफ लामबंद हो गई। परिवहन मंत्री ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया कि उनके खिलाफ शराब माफिया और अवैध बस चलाने वाले बस संचालकों की बड़ी लॉबी काम कर रही है वह नहीं चाहती कि मैं मंत्री बना रहूँ परिवहन मंत्री का यह बयान बहुत गंभीर है क्योंकि भूपेन्द्र सिंह शिवराज मंत्रीमण्डल के एक बहुत सशक्त मंत्री माने जाते हैं, उनके बारे में यह चर्चा आम है कि वह नियम कायदों से हटकर कोई कार्य वह नहीं करते और ना ही वह किसी राजनैतिक दबाव में आते हैं, फिर चाहे वह किसी पार्टी के विधायक का मामला क्यों न हो वह गलत मामले में कार्यवाही करने में जरा भी नहीं हिचकते, हालांकि गृह मंत्री के इस तरह के बयान के बाद शराब माफिया और अवैध बसों के संचालकों की लॉबी उनके खिलाफ सक्रिय हो गई,
बात जहां तक शराब और बस लॉबी की है तो इस प्रदेश का हर जनमानस यह जानता है कि राज्य में शराब के कारोबार में भाजपा के कितने नेता सक्रिय हैं और राज्य की सड़कों पर किन भाजपा नेताओं के परिजनों की बसें धड़ल्ले से नियम कायदों को धता बताकर धड़ल्ले से चल रही हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण मंत्री जी द्वारा की गई कार्यवाही के बाद सागर जिले के राहतगढ़ में सामने आया जिसमें एक बस पर कार्यवाही की गई तो वह राज्य के शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता की निकली, इस तरह के अवैध बस संचालन में केवल शिवराज मंत्रीमण्डल के सदस्य उमाशंकर गुप्ता ही नहीं बल्कि कई सत्ताधीशों के परिजन भी इस कारोबार में शामिल हैं तो वहीं राज्य के कई भाजपा नेताओं की चार्टर्ड बस से लेकर मिनी बसें और मैजिक तक धड़ल्ले से परिवहन विभाग के नियमों को हवा में उड़ाते हुए सड़कों पर दौड़ रही हैं
राजधानी में ही ऐसी कई बसें भाजपा नेताओं की मिल जाएंगी जो फिटनेस में अनफिट हैं कि उनकी छतों पर तिरपाल तक लगे न तो पुलिस को दिखाई देते हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारियों को क्योंकि किसी अधिकारी की ऐसी बसों पर कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं होती क्योंकि उनको उल्टे इस बात का डर रहता है कि जरा भी इन बसों के खिलाफ कार्यवाही की तो फिर किसी न किसी मंत्री का फोन आ जाएगा या फिर उसका स्थानान्तरण हो जाएगा, यही नहीं राज्य में बीपीएल परिवारों को मिलने वाला हजारों लीटर नीला करोसिन से इस तरह की बसें और ट्रक तथा आटो चलते दिखाई देते हैं लेकिन उन पर कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है।
ऐसी स्थिति में राज्य के परिवहन मंत्री ने इस सब सड़ी गली व्यवस्था को ठीक करने का बीढ़ा उठाया तो उनकी ही पार्टी के इस तरह के कारोबार में सक्रिय भाजपा नेताओं और माफिया उनके खिलाफ लामबंद हो गये जिसका खुलासा स्वयं मंत्री ने अपने मुखाग्र बिन्द से किया है, सवाल यह उठता है कि जो भाजपा प्रदेश की जनता को भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का वायदा देकर सत्ता पर काबिज हुई थी आज उसी भाजपा की सरकार के मंत्री राज्य में व्याप्त माफियाओं के साम्राज्य से भयभीत हैं, तो सवाल यह उठता है कि ऐसी स्थिति में राज्य की जनता का तो भगवान ही भरोसे है, क्योंकि भाजपा के राज्य में सरकार का नहीं माफियाओं का साम्राज्य पनप रहा है।
भोपाल। राज्य में भाजपा शासनकाल के दौरान हर प्रकार के कारोबार के माफियाओं की सक्रियता बढ़ी है उसके बाद राज्य में कितने अधिकारियों के साथ इन खनिज माफियाओं द्वारा मारपीट की घटनाएं घटित की गई और यही नहीं कईयों को तो मौत के घाट उतारने में इनको जरा भी हिचक नहीं रहती। हालांकि यदि माफियाओं की बात करें तो राज्य में माफियाओं का जो रैकेट है
उसमें अधिकांश भाजपा के नेता ही सक्रिय हैं, फिर चाहे वह खनिज का माफिया हो या परिवहन का माफिया हो या शराब माफिया या फिर वनों की कटाई करने वाला माफिया या फिर रेत माफिया हो। इन सबको आतंक इतना है कि कोई भी इनके खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं करता इसके पीछे भाजपा नेताओं का होना इस बात का प्रमाण है कि राज्यभर में भाजपा नेताओं के संरक्षण में इन माफियाओं का साम्राज्य चल रहा है और आज तक इन पर कोई सशक्त कार्यवाही नहीं किया जाने के कारण उनके हौंसले इतने बढ़ गये हैं कि वह प्रदेश के परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा चलाई जा रही राज्य की सड़कों पर अवैध बसों की धरपकड़ की कार्यवाही से बस संचालकों में इतनी हड़कंप मची हुई है कि वह अब उन्हें भी धमकी देने लगे हैं। इस बात का खुलासा स्वयं परिवहन मंत्री द्वारा किया गया। हालांकि मंत्री द्वारा चलाये जा रहे इस तरह के अभियान से जहां परिवहन अमला भी भयभीत है जिसकी वजह है पहली बार प्रदेश सरकार के किसी मंत्री ने सड़कों पर उतरकर अवैध बस संचालकों के खिलाफ डंडा उठाया है,
इससे घबराकर अब प्रदेश का शराब माफिया और बस लॉबी परिवहन मंत्री के खिलाफ लामबंद हो गई। परिवहन मंत्री ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया कि उनके खिलाफ शराब माफिया और अवैध बस चलाने वाले बस संचालकों की बड़ी लॉबी काम कर रही है वह नहीं चाहती कि मैं मंत्री बना रहूँ परिवहन मंत्री का यह बयान बहुत गंभीर है क्योंकि भूपेन्द्र सिंह शिवराज मंत्रीमण्डल के एक बहुत सशक्त मंत्री माने जाते हैं, उनके बारे में यह चर्चा आम है कि वह नियम कायदों से हटकर कोई कार्य वह नहीं करते और ना ही वह किसी राजनैतिक दबाव में आते हैं, फिर चाहे वह किसी पार्टी के विधायक का मामला क्यों न हो वह गलत मामले में कार्यवाही करने में जरा भी नहीं हिचकते, हालांकि गृह मंत्री के इस तरह के बयान के बाद शराब माफिया और अवैध बसों के संचालकों की लॉबी उनके खिलाफ सक्रिय हो गई,
बात जहां तक शराब और बस लॉबी की है तो इस प्रदेश का हर जनमानस यह जानता है कि राज्य में शराब के कारोबार में भाजपा के कितने नेता सक्रिय हैं और राज्य की सड़कों पर किन भाजपा नेताओं के परिजनों की बसें धड़ल्ले से नियम कायदों को धता बताकर धड़ल्ले से चल रही हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण मंत्री जी द्वारा की गई कार्यवाही के बाद सागर जिले के राहतगढ़ में सामने आया जिसमें एक बस पर कार्यवाही की गई तो वह राज्य के शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता की निकली, इस तरह के अवैध बस संचालन में केवल शिवराज मंत्रीमण्डल के सदस्य उमाशंकर गुप्ता ही नहीं बल्कि कई सत्ताधीशों के परिजन भी इस कारोबार में शामिल हैं तो वहीं राज्य के कई भाजपा नेताओं की चार्टर्ड बस से लेकर मिनी बसें और मैजिक तक धड़ल्ले से परिवहन विभाग के नियमों को हवा में उड़ाते हुए सड़कों पर दौड़ रही हैं
राजधानी में ही ऐसी कई बसें भाजपा नेताओं की मिल जाएंगी जो फिटनेस में अनफिट हैं कि उनकी छतों पर तिरपाल तक लगे न तो पुलिस को दिखाई देते हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारियों को क्योंकि किसी अधिकारी की ऐसी बसों पर कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं होती क्योंकि उनको उल्टे इस बात का डर रहता है कि जरा भी इन बसों के खिलाफ कार्यवाही की तो फिर किसी न किसी मंत्री का फोन आ जाएगा या फिर उसका स्थानान्तरण हो जाएगा, यही नहीं राज्य में बीपीएल परिवारों को मिलने वाला हजारों लीटर नीला करोसिन से इस तरह की बसें और ट्रक तथा आटो चलते दिखाई देते हैं लेकिन उन पर कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है।
ऐसी स्थिति में राज्य के परिवहन मंत्री ने इस सब सड़ी गली व्यवस्था को ठीक करने का बीढ़ा उठाया तो उनकी ही पार्टी के इस तरह के कारोबार में सक्रिय भाजपा नेताओं और माफिया उनके खिलाफ लामबंद हो गये जिसका खुलासा स्वयं मंत्री ने अपने मुखाग्र बिन्द से किया है, सवाल यह उठता है कि जो भाजपा प्रदेश की जनता को भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का वायदा देकर सत्ता पर काबिज हुई थी आज उसी भाजपा की सरकार के मंत्री राज्य में व्याप्त माफियाओं के साम्राज्य से भयभीत हैं, तो सवाल यह उठता है कि ऐसी स्थिति में राज्य की जनता का तो भगवान ही भरोसे है, क्योंकि भाजपा के राज्य में सरकार का नहीं माफियाओं का साम्राज्य पनप रहा है।
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