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-बार बार दिल्ली के नेताओं के सामने हाथ फैलाने के विरुद्ध ही है जकांछ की सैद्धान्तिक लड़ाई।
रायपुर: बोनस को लेकर,मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने हाथ फ़ैलाने का मरवाही विधायक अमित जोगी ने कड़ा एतराज जताया है। बस्तर दौरे पर गए अमित जोगी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री केवल नाम के सिंह है,असल में वो शक्तिहीन और असहाय है यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को बोनस देने या न देने के फैसले के लिए भी उन्हें दिल्ली दौड़ना पड़ता है और अमित शाह जैसे धन-कुबेर के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है। जोगी ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का सैद्धान्तिक विरोध इसी व्यवस्था को लेकर है जहाँ छत्तीसगढ़ के फैसले, छत्तीसगढ़ के लोगों द्वारा, छत्तीसगढ़ में न होकर दिल्ली के नेताओं के ड्राइंग रूम में होते हों। ये छत्तीसगढ़ की अस्मिता का अपमान है।
जोगी ने कहा कि एक तरह तो मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार के 80 हज़ार करोड़ के रिकॉर्ड बजट का बखान करते फुले नहीं समाते और वहीँ दूसरी ओर किसानों के बोनस के लिए अपने दिल्ली के आकाओं का मुँह ताकते हैं। दिल्ली पर निर्णयों और नीतियों की निर्भरता ने रमन सरकार को इतना पंगु बना दिया है कि सरकार का छत्तीसगढ़ के अनुकूल कोई विज़न ही नहीं है। किसानों से झूठे वादों के बदले वोट मांगने वाली भाजपा बुरी तरह से फँस गयी है। असहाय मुख्यमंत्री को अपने फैसले लेने के अधिकार को भी अब अमित शाह को आउटसोर्स करना पड़ रहा है।
जोगी ने कहा कि अगर 2018 में जोगी सरकार बनी तो छत्तीसगढ़ के हितों के फैसले छत्तीसगढ़ में ही लिए जायेंगे। प्रदेश के किसानों को धान का 2500 रुपये समर्थन मूल्य देने दिल्ली का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा बल्कि सरकार बनने के पहले ही दिन इस पर अमल भी शुरू हो जाएगा।
-बार बार दिल्ली के नेताओं के सामने हाथ फैलाने के विरुद्ध ही है जकांछ की सैद्धान्तिक लड़ाई।
रायपुर: बोनस को लेकर,मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने हाथ फ़ैलाने का मरवाही विधायक अमित जोगी ने कड़ा एतराज जताया है। बस्तर दौरे पर गए अमित जोगी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री केवल नाम के सिंह है,असल में वो शक्तिहीन और असहाय है यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को बोनस देने या न देने के फैसले के लिए भी उन्हें दिल्ली दौड़ना पड़ता है और अमित शाह जैसे धन-कुबेर के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है। जोगी ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का सैद्धान्तिक विरोध इसी व्यवस्था को लेकर है जहाँ छत्तीसगढ़ के फैसले, छत्तीसगढ़ के लोगों द्वारा, छत्तीसगढ़ में न होकर दिल्ली के नेताओं के ड्राइंग रूम में होते हों। ये छत्तीसगढ़ की अस्मिता का अपमान है।
जोगी ने कहा कि एक तरह तो मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार के 80 हज़ार करोड़ के रिकॉर्ड बजट का बखान करते फुले नहीं समाते और वहीँ दूसरी ओर किसानों के बोनस के लिए अपने दिल्ली के आकाओं का मुँह ताकते हैं। दिल्ली पर निर्णयों और नीतियों की निर्भरता ने रमन सरकार को इतना पंगु बना दिया है कि सरकार का छत्तीसगढ़ के अनुकूल कोई विज़न ही नहीं है। किसानों से झूठे वादों के बदले वोट मांगने वाली भाजपा बुरी तरह से फँस गयी है। असहाय मुख्यमंत्री को अपने फैसले लेने के अधिकार को भी अब अमित शाह को आउटसोर्स करना पड़ रहा है।
जोगी ने कहा कि अगर 2018 में जोगी सरकार बनी तो छत्तीसगढ़ के हितों के फैसले छत्तीसगढ़ में ही लिए जायेंगे। प्रदेश के किसानों को धान का 2500 रुपये समर्थन मूल्य देने दिल्ली का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा बल्कि सरकार बनने के पहले ही दिन इस पर अमल भी शुरू हो जाएगा।
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