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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि भाजपा के बड़े नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित कई नेताओं पर आपराधिक साजिश का मामला चलाया जाए।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले में चल रहे दो अलग-अलग केस को एक साथ मिला दिया जाए और रायबरेली में चल रहा मामला लखनऊ में ही चलेगा। बताया जा रहा है कि आडवाणी सहित 12 नेताओं पर चलेगा केस, जिसमें से तीन के खिलाफ आपराधिक साजिश का केस चलेगा।
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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चूंकि कल्याण सिंह फिलहाल राज्यपाल के संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए उनपर मुकदमा नहीं चलेगा। लेकिन इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती और राज्यपाल कल्याण सिंह से अपने पद छोड़ने की मांग की हैं। यह फैसला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब जल्द ही राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाला है और इस पद के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का नाम प्रमुखता से ऊपर आ रहा था।
आपको बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में भारी भीड़ ने मिलकर विवादित ढ़ाचे को गिरा दिया था। आरोप है कि भाजपा नेताओं के उकसाने पर कार सेवकों ने विवादित ढ़ाचे को गिराया था। ये मामला काफी सालों से अदालत में चल रहा है।
हालांकि भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती लगातार यही कहते आए हैं कि उनकी ओर से किसी को भी नहीं उकसाया गया। उस समय कार्यकर्त्ताओं की संख्या ज्यादा थी, जिन्हें संभालना मुश्किल हो गया था। हालांकि कोर्ट ने इन तर्कों को नहीं माना।
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