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नरसिंहपुर, 04 अप्रैल 2017. राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले ने जिले में रोटावायरस टीकाकरण का शुभारंभ किया। उन्होंने जिला चिकित्सालय में छोटे बच्चे को रोटावायरस वैक्सीन की खुराक दी। यह वैक्सीन सरकार के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में अब जिले में उपलब्ध है। यह वैक्सीन बच्चे को रोटावायरस दस्त से सुरक्षा प्रदान करती है। रोटावायरस टीकाकरण के माध्यम से बच्चों में रोटावायरस से होने वाले दस्त की रोकथाम होगी।
इस अवसर पर बताया गया कि रोटावायरस एक अत्याधिक संक्रामक वायरस है। यह बच्चों में दस्त उत्पन्न करने का सबसे बड़ा कारण है। इसके कारण बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है। रोटावायरस दूषित पानी, दूषित खाने एवं गंदे हाथों के सम्पर्क में आने से बच्चों में फैलता है। भारत में जो बच्चे दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं, उनमें से 40 प्रतिशत बच्चे रोटावायरस संक्रमण से ग्रसित होते हैं।
रोटावायरस संक्रमण की शुरूआत हल्के दस्त से हो सकती है, जो आगे चलकर गंभीर रूप ले सकता है। पर्याप्त इलाज न मिलने के कारण शरीर में पानी व नमक की कमी हो सकती है। रोटावायरस वैक्सीन बच्चे को होने वाले दस्त के एक महत्वपूर्ण कारण से सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन सभी प्रकार के दस्त के कारणों से नहीं। इसलिए बच्चे को रोटावायरस वैक्सीन पिलाने के बाद भी अन्य कारणों से दस्त हो सकता है। बच्चे को रोटावायरस वैक्सीन की तीन खुराक 6 सप्ताह की उम्र में और फिर 10 व 14 सप्ताह की उम्र में दी जानी चाहिये।
बच्चों को हर खुराक में वैक्सीन की पांच बूंदे दी जानी चाहिये। टीकाकरण के बाद अगर बच्चे को बुखार, उल्टी होती है या वो लगातार रो रहा है या उसके पेट में दर्द या सूजन हो, तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र या जिला अस्पताल में दिखायें और चिकित्सा अधिकारी को सूचित करें। रोटावायरस टीकाकरण रोटावायरस दस्त के विरूद्ध एक मात्र सटीक विकल्प है। रोटावायरस दस्त की रोकथाम के लिए रोटावायरस वैक्सीन एक प्रभावी विकल्प है। अन्य कारणों से होने वाले दस्त की रोकथाम स्वच्छता रखने से, बार- बार हाथ धोने से, साफ पानी पीने से, साफ और ताजा खाने से, बच्चे को भरपूर स्तनपान करवाने से तथा विटामिन ए युक्त पूरक आहार देने से की जा सकती है।
शुभारंभ अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरपी फौजदार, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. विकास द्विवेदी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम डॉ. एआर मरावी, सिविल सर्जन डॉ. सीएस शिव, जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. एलके वायवार, डॉ. जीसी चौरसिया, जिला क्षय अधिकारी डॉ. टीआर ढींगरा, मेडिकल ऑफिसर डॉ. हेमंत लालवानी, मुकेश रघुवंशी, यशोदा वाघमारे, लता अग्रवाल आदि मौजूद थी।
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