TOC NEWS
हिमाचल स्थित त्रिवेणी धर्मस्थली रिवालसर झील में प्रदूषित पानी से हजारों मछलियां मर गई हैं। बैसाखी के दो दिन बाद से इस पवित्र झील के पानी का रंग बदलने लगा था। बीते मंगलवार को करीब आठ बजे मरी हुईं मछलियां पानी में ऊपर आ गई थीं।
टनों के हिसाब से मछलियां मर गई हैं। मछलियों के मरने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। लगभग आठ से दस टन मछलियों को झील से निकालकर दबा दिया है। स्थानीय लोगों, प्रशासन और एनजीओ ने सैकड़ों मछलियों को झील से निकालकर स्वच्छ पानी में डालकर बचाया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार देर शाम प्रशासनिक अधिकारी भी पवित्र रिवालसर झील पहुंच गए थे। बुधवार को आबकारी व कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी भी खुद मौके पर पहुंचे। उधर, अभी पानी के रंग बदलने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है।
मौत को लेकर सस्पेंस, जानकार बता रहे ये कारण
बताया जा रहा है कि बैसाखी मेले के दौरान मछलियों को आहार डालने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। इससे इन्हें आहार भी कम मिला था। इस कारण मछलियां झील की सतह में पहुंच गईं। तापमान बढ़ना भी इसका माना जा रहा है। सतह में मछलियों की ओर से गाद में की गई हलचल से पानी का रंग बदल गया और ऑक्सीजन की कमी हो गई। पिछले कुछ वर्षों से झील की गहराई में बहुत कमी आई है। इसमें गाद की मात्रा भी अत्यधिक बढ़ गई है। इस कारण हर साल झील में मछलियां मर रही हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिशासी अभियंता आरके नड्डा का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियां मरी हैं। झील के पानी के रंग बदलने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। एसडीएम बल्ह सिद्धार्थ आचार्य ने कहा कि झील में क्षमता से अधिक मछलियां झील में थीं। जलस्तर कम होने और मछलियों को ऑक्सीजन न मिलने से मछलियां मरी हैं। पानी के रंग बदलने के कारणों की जांच की जा रही है।
No comments:
Post a Comment