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भोपाल । नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर संविदा बिजली कर्मियों की चौथे दिन जारी हड़ताल के बीच एक नेता की हार्ट अटैक से मौत हो गई। शहर के अंबेडकर मैदान में चल रहे प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को एक पदाधिकारी को हार्ट अटैक आ गया, जिसकी इलाज के दौरान जेपी अस्पताल में मौत हो गई।
मृतक का नाम रामनारायण दीक्षित है, जो कर्मचारी यूनियन पदाधिकारी था। मृतक ग्वालियर से संविदा बिजली कर्मियों की हड़ताल का समर्थन करने आया था। इस दौरान उसने आंदोलन को संबोधित भी किया। भाषण के बाद रामनारायण दीक्षित जैसे ही अपनी जगह पर पहुंचे उन्हें हार्टअटैक आ गया। आनन-फानन में मौके पर मौजूद लोग उन्हें अस्पताल ले गए। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इससे पहले एक हड़ताली कर्मचारी चक्कर खाकर गिर पड़ा था।
प्रदेश में पड़ रही गर्मी और लू के असर से आंदोलनकारी लगातार बीमार हो रहे हैं। दिन-भर कड़ी धूप में कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार का ध्यान उनकी ओर नहीं जा रहा है। उधर, एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हड़ताली कर्मचारियों के लिए कहा है कि, प्यार से मांगोगे तो सबकुछ मिलेगा, दादागिरी नहीं चलेगी।
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वहीं, मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि, पिछले तीन सालों से हम प्यार से ही पेश आ रहे हैं। अपनी मांगों के निराकरण को लेकर कई बार सरकार और बिजली कंपनियों को ज्ञापन सौंपे और आंदोलन किया, लेकिन मांगों का निराकरण नहीं हुआ।
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर और यूनाइटेड फोरम के संयोजक वीकेएस परिहार ने बताया कि भाजपा ने घोषणा पत्र में दावा किया था कि सरकार बनी तो संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।
सरकार बनने के बाद से कई कर्मचारियों को निकाला जा चुका है। इतना ही नहीं स्थाई भर्ती की जगह आउट सोर्स के जरिए भर्ती की जा रही है। बाद में इन कर्मचारियों को भी हटाया जा रहा है। इसी तरह सरकार ने अटल ज्योति योजना का काम संविदा कर्मचारियों से कराया और वाहवाही लूटी।
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